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रक्षाबंधन पर रंगीन हुआ अलवर का आसमान, जमकर उड़ी पतंग

अलवर में रक्षाबंधन के मौके पर जमकर पतंगबाजी हुई. सुबह से घर की छत पर युवा, महिला और बच्चे सभी पेच लड़ते हुए दिखाई दिए. तो वहीं आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से रंगीन नजर आया. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हुआ. ऐसे में लोगों ने अपने परिवार के साथ मिलकर पतंग उड़ाई.

Alwar Rakshabandhan News, अलवर रक्षाबंधन न्यूज
रंगीन हुआ अलवर का आसमान
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Published : Aug 3, 2020, 10:36 PM IST

अलवर. शहर में रक्षाबंधन के मौके पर सोमवार को जमकर पतंगबाजी हुई. सुबह से घर की छत पर युवा, महिला और बच्चे सभी पेच लड़ते हुए दिखाई दिए. तो वही आसमान रंग बिरंगी पतंगों से रंगीन नजर आया. वैसे तो रक्षाबंधन के मौके पर अलवर में पतंगबाजी के कई कार्यक्रम होते हैं. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हुआ. ऐसे में लोगों ने अपने परिवार के साथ मिलकर पतंग उड़ाई.

रंगीन हुआ अलवर का आसमान

अलवर में रक्षाबंधन के मौके पर पतंगबाजी का आयोजन होता है. पतंग उड़ाने के लिए दूर-दूर से लोग अलवर में अपने रिश्तेदारों के घर आते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते लोग अपने घरों में बंद रहे. हालांकि लोगों ने जमकर पतंगबाजी की. सुबह से ही युवा, बच्चे और महिलाएं घर की छतों पर चढ़कर पतंग उड़ाते हुए दिखाई दिए. शाम के समय आसमान पूरी तरीके से पतंग के रंगों में रंगा हुआ नजर आया.

लोगों ने अपने घरों की छतों पर साउंड सिस्टम लगाकर पतंगबाजी का आनंद लिया और गानों पर डांस किया. इस दौरान कई पोचे की आवाज सुनाई दे रही थी. अलवर के पुराने मोहल्ले और क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन था. इसलिए करीब 2 लाख से अधिक लोग अपने घरों में बंद थे. पतंग का बाजार भी लॉकडाउन क्षेत्र में आता है. इसलिए केवल सुबह 7 बजे से 11 बजे तक दुकानों को खोलने की अनुमति थी. ऐसे में लोग पतंग भी नहीं खरीद सके.

पढ़ें- ठाकुर जी को बांधा गया रत्न जड़ित रक्षासूत्र, भक्तों ने किए ऑनलाइन दर्शन

अलवर में पतंगबाजी का खास महत्व है, तो वहीं पतंगबाजी के हर साल वैसे तो कई कार्यक्रम होते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हुआ. लोग एक दूसरे के घर जाकर भी पतंग नहीं उड़ा सके.

दरअसल, पतंग उड़ाने के लिए लोग एक दूसरे के घर जाते हैं. अन्य त्यौहार की तरह इस कार्यक्रम को भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार लोगों ने एक दूसरे से दूरी रखी. हालांकि परिवार के सदस्यों के साथ घर की छतों पर सभी लोग पतंग उड़ाते हुए दिखाई दिए.

अलवर. शहर में रक्षाबंधन के मौके पर सोमवार को जमकर पतंगबाजी हुई. सुबह से घर की छत पर युवा, महिला और बच्चे सभी पेच लड़ते हुए दिखाई दिए. तो वही आसमान रंग बिरंगी पतंगों से रंगीन नजर आया. वैसे तो रक्षाबंधन के मौके पर अलवर में पतंगबाजी के कई कार्यक्रम होते हैं. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हुआ. ऐसे में लोगों ने अपने परिवार के साथ मिलकर पतंग उड़ाई.

रंगीन हुआ अलवर का आसमान

अलवर में रक्षाबंधन के मौके पर पतंगबाजी का आयोजन होता है. पतंग उड़ाने के लिए दूर-दूर से लोग अलवर में अपने रिश्तेदारों के घर आते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते लोग अपने घरों में बंद रहे. हालांकि लोगों ने जमकर पतंगबाजी की. सुबह से ही युवा, बच्चे और महिलाएं घर की छतों पर चढ़कर पतंग उड़ाते हुए दिखाई दिए. शाम के समय आसमान पूरी तरीके से पतंग के रंगों में रंगा हुआ नजर आया.

लोगों ने अपने घरों की छतों पर साउंड सिस्टम लगाकर पतंगबाजी का आनंद लिया और गानों पर डांस किया. इस दौरान कई पोचे की आवाज सुनाई दे रही थी. अलवर के पुराने मोहल्ले और क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन था. इसलिए करीब 2 लाख से अधिक लोग अपने घरों में बंद थे. पतंग का बाजार भी लॉकडाउन क्षेत्र में आता है. इसलिए केवल सुबह 7 बजे से 11 बजे तक दुकानों को खोलने की अनुमति थी. ऐसे में लोग पतंग भी नहीं खरीद सके.

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अलवर में पतंगबाजी का खास महत्व है, तो वहीं पतंगबाजी के हर साल वैसे तो कई कार्यक्रम होते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हुआ. लोग एक दूसरे के घर जाकर भी पतंग नहीं उड़ा सके.

दरअसल, पतंग उड़ाने के लिए लोग एक दूसरे के घर जाते हैं. अन्य त्यौहार की तरह इस कार्यक्रम को भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार लोगों ने एक दूसरे से दूरी रखी. हालांकि परिवार के सदस्यों के साथ घर की छतों पर सभी लोग पतंग उड़ाते हुए दिखाई दिए.

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