ETV Bharat / city

ठेकेदार का बिल पास करवाने की एवज में 20 हजार रुपए घूस लेते JEN गिरफ्तार - JEN of Alwar UIT arrested

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) की टीम ने अलवर यूआईटी (Alwar UIT) के जेईएन नवीन कुमार दुआ को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम को देखकर जेईएन भागने लगा, लेकिन एसीबी ने उसे दबोच लिया. रिश्वत की राशि उसकी पैंट की जेब से बरामद की गई है. मामले में परिवादी एक कांट्रेक्टर है, परिवादी से पहले भी कांट्रेक्ट की राशि पास करने की एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत ले चुका है. परिवादी ने अपनी शिकायत में कई बड़े खुलासे किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

अलवर यूआईटी  alwar crime  crime news  अलवर में क्राइम  यूआईटी में भ्रष्टाचार  Corruption in UIT  जेईएन रिश्वत लेते गिरफ्तार  Bribery  JEN arrested for taking bribe
रिश्वत लेते हुए जेईएन गिरफ्तार
author img

By

Published : Mar 15, 2021, 5:22 PM IST

अलवर. यूआईटी नगर परिषद सरकारी कार्यालय भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं. आए दिन भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगते हैं, लेकिन उसके बाद भी लगातार घूसखोरी का यह सिलसिला जारी है. यूआईटी में काम करने वाले कांट्रेक्टर को कांट्रेक्ट की एवज में तीन प्रतिशत की राशि विभाग के अधिकारियों को रिश्वत के रूप में देनी पड़ती है. कई बार इसके मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों और सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है. ऐसा ही एक मामला, अलवर यूआईटी में सामने आया. यूआईटी की निर्माण शाखा में तैनात एक जेईएन नवीन दुआ को एसीबी की टीम ने 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.

रिश्वत लेते हुए जेईएन गिरफ्तार

एसीबी के एएसपी विजय सिंह ने बताया, परिवादी यूआईटी का ठेकेदार है, जिसके अगल-अलग निर्माण के करीब सात लाख रुपए के बिलों का भुगतान होना था. बिल पास करने के लिए जेईएन ने तीन प्रतिशत रिश्वत मांगी थी, जो करीब 20 हजार रुपए बनते हैं. यह राशि परिवादी ने सोमवार को यूआईअी कार्यालय में ही जेईएन को थमाई. इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम पहुंची. एसीबी को देख जेईएन भागने लगा, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

यह भी पढ़ें: चरित्र पर शक करता था पति, पत्नी ने शराब पिलाने के बाद गला दबाकर की हत्या, फिर शव को कुएं में फेंका

मामले में परिवादी ने एसीबी को बताया, जेईएन नवीन कुमार दुआ पहले भी दूसरे निर्माण कार्यों के बिल पास करने के नाम पर करीब 50 हजार रुपए की रिश्वत ले चुका था. इसके बाद अब दूसरे कार्यों के बिल पास करने के नाम पर रिश्वत मांगी थी. रिश्वत की राशि नहीं देने पर यूआईटी के कर्मचारी और अधिकारी परेशान करते थे. एसीबी के अधिकारी ने बताया, कोरोना संक्रमण की शुरुआत से पहले ठेकेदार की फाइल रोक कर रखी गई है, जो अब तक पास नहीं हो सकी है. तीन प्रतिशत कमिशन नहीं चुकाने के कारण फाइल को आगे नहीं बढ़ाया गया.

यह भी पढ़ें: साइलेंसर चोर गिरोह का खुलासा: नाकाबंदी में पुलिस ने 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

एसीबी के एएसपी विजय सिंह ने बताया, परिवादी ने अपनी शिकायत में कहा है, बिल पास होते समय कई स्टेप पर तीन-तीन प्रतिशत रिश्वत ली जाती है. इससे पहले कई कार्यों के बिलों को पास कराने के लिए मोटी रिश्वत दी है. लेकिन, इतनी बड़ी रिश्वत देना मुश्किल हो रहा है, तो उसने एसीबी को शिकायत कर दी. एसीबी ने जेईएन को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, कई अन्य फाइलों की जांच भी की जा सकती है, जिनके जरिए यूआईटी के अधिकारी और कर्मचारियों ने मोटी रिश्वत ली है.

अलवर. यूआईटी नगर परिषद सरकारी कार्यालय भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं. आए दिन भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगते हैं, लेकिन उसके बाद भी लगातार घूसखोरी का यह सिलसिला जारी है. यूआईटी में काम करने वाले कांट्रेक्टर को कांट्रेक्ट की एवज में तीन प्रतिशत की राशि विभाग के अधिकारियों को रिश्वत के रूप में देनी पड़ती है. कई बार इसके मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों और सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है. ऐसा ही एक मामला, अलवर यूआईटी में सामने आया. यूआईटी की निर्माण शाखा में तैनात एक जेईएन नवीन दुआ को एसीबी की टीम ने 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.

रिश्वत लेते हुए जेईएन गिरफ्तार

एसीबी के एएसपी विजय सिंह ने बताया, परिवादी यूआईटी का ठेकेदार है, जिसके अगल-अलग निर्माण के करीब सात लाख रुपए के बिलों का भुगतान होना था. बिल पास करने के लिए जेईएन ने तीन प्रतिशत रिश्वत मांगी थी, जो करीब 20 हजार रुपए बनते हैं. यह राशि परिवादी ने सोमवार को यूआईअी कार्यालय में ही जेईएन को थमाई. इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम पहुंची. एसीबी को देख जेईएन भागने लगा, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

यह भी पढ़ें: चरित्र पर शक करता था पति, पत्नी ने शराब पिलाने के बाद गला दबाकर की हत्या, फिर शव को कुएं में फेंका

मामले में परिवादी ने एसीबी को बताया, जेईएन नवीन कुमार दुआ पहले भी दूसरे निर्माण कार्यों के बिल पास करने के नाम पर करीब 50 हजार रुपए की रिश्वत ले चुका था. इसके बाद अब दूसरे कार्यों के बिल पास करने के नाम पर रिश्वत मांगी थी. रिश्वत की राशि नहीं देने पर यूआईटी के कर्मचारी और अधिकारी परेशान करते थे. एसीबी के अधिकारी ने बताया, कोरोना संक्रमण की शुरुआत से पहले ठेकेदार की फाइल रोक कर रखी गई है, जो अब तक पास नहीं हो सकी है. तीन प्रतिशत कमिशन नहीं चुकाने के कारण फाइल को आगे नहीं बढ़ाया गया.

यह भी पढ़ें: साइलेंसर चोर गिरोह का खुलासा: नाकाबंदी में पुलिस ने 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

एसीबी के एएसपी विजय सिंह ने बताया, परिवादी ने अपनी शिकायत में कहा है, बिल पास होते समय कई स्टेप पर तीन-तीन प्रतिशत रिश्वत ली जाती है. इससे पहले कई कार्यों के बिलों को पास कराने के लिए मोटी रिश्वत दी है. लेकिन, इतनी बड़ी रिश्वत देना मुश्किल हो रहा है, तो उसने एसीबी को शिकायत कर दी. एसीबी ने जेईएन को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, कई अन्य फाइलों की जांच भी की जा सकती है, जिनके जरिए यूआईटी के अधिकारी और कर्मचारियों ने मोटी रिश्वत ली है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.