अलवर. नगर परिषद में भ्रष्टाचार का फिर खुलासा हुआ है. जयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Jaipur ACB Big Action In Alwar) की टीम ने आज गुरुवार को अलवर नगर परिषद में कार्रवाई की है. जयपुर एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए पार्षद नरेंद्र मीणा और दो ठेकेदारों को गिरफ्तार किया है. टीम ने आरोपियों के पास से 5 लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत राशि भी बरामद की है. फिलहाल, एसीबी की टीम नगर परिषद में कमिश्नर के पास दस्तावेज चेक कर रही है. बताया जा रहा है नरेंद्र मीणा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली के करीबी हैं. लंबे समय से मंत्री का कामकाज नरेंद्र मीणा ही संभाल रहे थे. रेड में अलवर की टीम का भी सहयोग लिया गया है.
एसीबी की टीम ने कुछ समय पहले अलवर नगर परिषद के सभापति बीना गुप्ता को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए उनके बेटे के साथ गिरफ्तार किया था. उसके बाद एसीबी की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है. जयपुर एसीबी की टीम के अधिकारी लगातार पार्षद और ठेकेदारों से पूछताछ कर रही है.
एसीबी की टीम नरेंद्र मीणा के बैंक खाते चेक कर रही है. इसके अलावा घर की तलाशी भी ले रही है. नगर परिषद में हाल ही में जो टेंडर हुए हैं, उनकी भी जांच पड़ताल एसीबी की तरफ से शुरू कर दी गई है. जयपुर एसीबी के एएसपी बजरंग शेखावत के नेतृत्व में यह पूरी कार्रवाई हुई है. ठेकेदारों के घर अन्य जगहों पर भी एसीबी की टीम जांच कर रही है.
एसीबी जयपुर की टीम को अलवर नगर परिषद में हुई निविदा में गड़बड़ी की सूचना मिली थी. इस पर टीम ने तकनीकी एक्सपर्ट की मदद से मामले की जांच-पड़ताल शुरू की. अलवर नगर परिषद के पार्षद नरेंद्र मीणा और अन्य पार्षद ठेकेदार व अधिकारियों के फोन सर्विलांस पर लगाए गए. एसीबी की टीम कुछ दिनों से जांच पड़ताल में लगी हुई थी. इस दौरान टीम को कई तथ्य भी मिले. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को सुबह के समय पैसे देने की सूचना मिली थी.
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सुबह पांच बजे पड़ी एसीबी की रेड
इस पर जयपुर में सवाई माधोपुर जिलों की एसीबी टीम अलवर पहुंची. सुबह तड़के करीब 5 बजे अलवर के मोती डूंगरी स्थित पार्षद नरेंद्र मीणा के फ्लैट पर उसको पांच लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया. रिश्वत की राशि लेने के बाद नरेंद्र मीणा नगर परिषद आयुक्त के घर गया था. एसीबी की टीम आयुक्त के घर पहुंची व उससे भी पूछताछ की. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में नगर परिषद में टेंडर प्रक्रिया से पहले भी पैसों के लेन-देन की लगातार शिकायतें एसीबी की टीम को मिली है.
एसीबी की टीम ने इस मामले में दो ठेकेदार रमेश गुप्ता और संजीव भार्गव को भी गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम दोनों ठेकेदारों के घर पर जांच कर रही है. गुरुवार सुबह 5 बजे से एसीबी की जांच-पड़ताल चल रही है. चार जगह पर एसीबी की टीम कार्रवाई कर रही है. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि दोनों ठेकेदार पैसे कलेक्ट करने का काम करते थे. लंबे समय से दोनों नरेंद्र मीणा के लिए अलवर में काम कर रहे थे.
टेंडर दिलवाने के एवज में मांगी थी रिश्वत
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि नरेंद्र मीणा टेंडर दिलवाने की एवज में रिश्वत मांगता था. टेंडर दिलवाने से पहले और उसके बाद 2.5 प्रतिशत की रिश्वत मांगता था. अलवर जिले में लंबे समय से यह खेल चल रहा था. एसीबी के अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में नगर परिषद में हुई निविदा रद्द कर दी जाएगी. एसीबी की टीम ने सभी फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया है और उनकी जांच पड़ताल की जा रही है.
चार जगहों पर चल रही कार्रवाई
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि अलवर में 4 जगहों पर एसीबी की टीम कार्रवाई कर रही है. नगर परिषद के पार्षद नरेंद्र मीणा गिरफ्तार किए गए तो ठेकेदार और नगर परिषद में एसीबी की टीम लगातार रिकॉर्ड खंगाल रही है और रिकॉर्डर को अपने कब्जे में लेने का काम कर रही है. एसीबी अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में लिए गए तीनों लोगों के बैंक खाते चेक किए जा रहे हैं. घर की तलाशी चल रही है. इसके अलावा एसीबी की टीम इन लोगों के फोन रिकॉर्ड, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य चीजों की भी जांच-पड़ताल कर रही है. सभी के बैंक खाते भी चेक किए जा रहे हैं.
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एसीबी के अधिकारियों ने क्या कहा...
जयपुर एसीबी एएसपी बजरंग सिंह और सवाईमाधोपुर एएसपी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस मामले में लगातार जांच-पड़ताल चल रही है. इस मामले में कोई परिवादी नहीं है. एसीबी की टीम ने तकनीकी एक्सपर्ट की मदद से मामले की जांच-पड़ताल की और खुद प्रसंज्ञान लेते हुए पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया. मामले में और भी कुछ लोगों के नाम शामिल हो सकते हैं. कुछ अधिकारी और नेताओं के नाम भी सामने आ सकते हैं.
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के करीबी है नरेंद्र मीणा
प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली के नरेंद्र मीणा करीबी है. नरेंद्र मीणा और टीकाराम जूली एक ही सोसाइटी में रहते हैं. मंत्री का ज्यादातर काम काज नरेंद्र मीणा संभालते हैं. ऐसे में प्रकरण में मंत्री का हस्तक्षेप होने की भी आशंकाएं होने लगी हैं. नरेंद्र मीणा के कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के साथ संबंध हैं और नगर परिषद का नया सभापति नियुक्त कराने में भी नरेंद्र मीणा का अहम रोल रहा है.