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अलवरः ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की खैर नहीं, दिल्ली और मुंबई की तरह लगेंगे हाई रेजोल्यूशन डिटेक्टर कैमरे

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Published : Aug 25, 2020, 12:26 PM IST

अलवर में दिल्ली और मुंबई की तर्ज पर हाई रेजोल्यूशन डिटेक्टर कैमरे लगेंगे. कैमरे लगाने के लिए सर्वे का काम शुरू हो चुका है. यह कैमरा आधुनिक होने के साथ-साथ अपने आप रेड लाइट तोड़ने वाले और तेज वाहन चलाने वालों की जानकारी पुलिस तक पहुंचाने में सक्षम है.

हाई रेजोल्यूशन डिटेक्टर कैमरे, High Resolution Detector Cameras
अलवर में लगेंगे हाई रेजोल्यूशन डिटेक्टर कैमरे

अलवर. जिले में अब दिल्ली और मुंबई की तरह हाई रेजोल्यूशन डिटेक्टर कैमरे लगेंगे. यह कैमरें काफी आधुनिक होते हैं. रेड लाइट तोड़ने वाले, तेज वाहन चलाने वाले और यातायात नियमों को तोड़ने वाले वाहन और वाहन चालक की जानकारी पुलिस तक पहुंचाते हैं. जानकारी के अनुसार जिले में हर साल 17 से 18 हजार एफ आई आर दर्ज होती है. जबकि पूरे प्रदेश में 18000 के आसपास एफ आई आर दर्ज होती है.

अलवर में लगेंगे हाई रेजोल्यूशन डिटेक्टर कैमरे

इसके अलावा वाहन चोरी के भी कई मामले देखने को मिलते हैं. जिले में बढ़ते क्राइम ग्राफ को देखते हुए अलवर में एएनपीआर कैमरे, स्पीड वॉयलेशन रिकॉग्नाइज कैमरे, रेड लाइट वॉयलेशन एंड डिटेक्शन कैमरा, नंबर पर डिटेक्शन कैमरा सहित अन्य हाई रेजोल्यूशन के कैमरे लगाए जाएंगे.

यह कैमरे खुद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज करते हैं. इन कैमरों की खास बात यह है कि यह अंधेरे में भी तेज रफ्तार गाड़ी की नंबर प्लेट और ड्राइवर की फोटो खींचकर पुलिस को जानकारी दे सकते हैं. इसके लिए आईटी विभाग की तरफ से अलवर जिले में सर्वे किया जा रहा है.

पढ़ेंः अलवर: सरस डेयरी के दूध में आ रही शिकायत, दुकानदार और उपभोक्ता हो रहे परेशान

साथ ही ऐसी जगहों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं और ज्यादा एक्सीडेंट की घटनाएं होती है. इसके अलावा ऐसे संवेदनशील प्वाइंट जहां इस तरह के हाई सिस्टम वाले कमरों की आवश्यकता है. सर्वे का काम पूरा होने के बाद एक प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद कैमरे खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. दरसअल केंद्र सरकार की तरफ से अलवर को बेहतर कानून व्यवस्था पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित हुआ है.

पढ़ेंः कोटा: पिकनिक मनाने गए पांच युवकों के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज

ऐसे में पुलिस विभाग की तरफ से अलवर में विशेष सुरक्षा इंतजाम के लिए तीसरी आंख को मजबूत करने का फैसला लिया गया है. इस तरह के कैमरे अभी तक दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में काम कर रहे हैं. इन कैमरों के लगने के बाद अलवर में पुलिस सिस्टम मजबूत होगा. वहीं, क्राइम का ग्राफ भी कम होगा.

अलवर प्रदेश का सबसे संवेदनशील जिला है. ऐसे में यहां पुलिस की तीसरी आंख मजबूत होना आवश्यक है. जिला प्रशासन के आईटी विभाग के प्रोग्रामर चारू अग्रवाल ने कहा सर्वे का काम शुरू हो चुका है. ऐसी जगह का चयन किया जा रहा है यहां पर कैमरा लगाया जा सके. इसका सीधा फायदा पुलिस सिस्टम को मिलेगा.

अलवर. जिले में अब दिल्ली और मुंबई की तरह हाई रेजोल्यूशन डिटेक्टर कैमरे लगेंगे. यह कैमरें काफी आधुनिक होते हैं. रेड लाइट तोड़ने वाले, तेज वाहन चलाने वाले और यातायात नियमों को तोड़ने वाले वाहन और वाहन चालक की जानकारी पुलिस तक पहुंचाते हैं. जानकारी के अनुसार जिले में हर साल 17 से 18 हजार एफ आई आर दर्ज होती है. जबकि पूरे प्रदेश में 18000 के आसपास एफ आई आर दर्ज होती है.

अलवर में लगेंगे हाई रेजोल्यूशन डिटेक्टर कैमरे

इसके अलावा वाहन चोरी के भी कई मामले देखने को मिलते हैं. जिले में बढ़ते क्राइम ग्राफ को देखते हुए अलवर में एएनपीआर कैमरे, स्पीड वॉयलेशन रिकॉग्नाइज कैमरे, रेड लाइट वॉयलेशन एंड डिटेक्शन कैमरा, नंबर पर डिटेक्शन कैमरा सहित अन्य हाई रेजोल्यूशन के कैमरे लगाए जाएंगे.

यह कैमरे खुद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज करते हैं. इन कैमरों की खास बात यह है कि यह अंधेरे में भी तेज रफ्तार गाड़ी की नंबर प्लेट और ड्राइवर की फोटो खींचकर पुलिस को जानकारी दे सकते हैं. इसके लिए आईटी विभाग की तरफ से अलवर जिले में सर्वे किया जा रहा है.

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साथ ही ऐसी जगहों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं और ज्यादा एक्सीडेंट की घटनाएं होती है. इसके अलावा ऐसे संवेदनशील प्वाइंट जहां इस तरह के हाई सिस्टम वाले कमरों की आवश्यकता है. सर्वे का काम पूरा होने के बाद एक प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद कैमरे खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. दरसअल केंद्र सरकार की तरफ से अलवर को बेहतर कानून व्यवस्था पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित हुआ है.

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ऐसे में पुलिस विभाग की तरफ से अलवर में विशेष सुरक्षा इंतजाम के लिए तीसरी आंख को मजबूत करने का फैसला लिया गया है. इस तरह के कैमरे अभी तक दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में काम कर रहे हैं. इन कैमरों के लगने के बाद अलवर में पुलिस सिस्टम मजबूत होगा. वहीं, क्राइम का ग्राफ भी कम होगा.

अलवर प्रदेश का सबसे संवेदनशील जिला है. ऐसे में यहां पुलिस की तीसरी आंख मजबूत होना आवश्यक है. जिला प्रशासन के आईटी विभाग के प्रोग्रामर चारू अग्रवाल ने कहा सर्वे का काम शुरू हो चुका है. ऐसी जगह का चयन किया जा रहा है यहां पर कैमरा लगाया जा सके. इसका सीधा फायदा पुलिस सिस्टम को मिलेगा.

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