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प्रदेश में रोक के बाद अलवर के गुटखा कंपनियों में स्वास्थय विभाग की छापेमारी - गुटखा कंपनी में छापेमारी

राजस्थान सरकार ने गांधी जयंती के मौके पर अलवर में गुटखा पूरी तरह से बंद कर दिया है. ऐसे में स्वास्थय विभाग की ओर से अलवर में गुटखा बनाने वाली कंपनियों में छापेमारी की जा रही है. वहीं, स्वास्थय विभाग ने 4 प्रतिष्ठानों पर छापामारी करते हुए वहां मिली सुपारी के सैंपल लिए हैं.

गुटखा कंपनी में छापेमारी, Raid in tobacco company
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Published : Oct 3, 2019, 5:48 PM IST

अलवर. प्रदेश भर में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मरीजों को देखते हुए स्वास्थय विभाग ने प्रदेश भर में गुटखा, मीठी सुपारी और अन्य केमिकल युक्त प्रोडक्ट को बंद कर दिया है. ऐसे में स्वास्थय विभाग की ओर से अलवर में लगातार जांच-पड़ताल की जा रही है. बता दें कि अलवर में कई बड़े गुटखा औद्योगिक इकाई हैं, इन पर स्वास्थय विभाग की टीम ने पहुंचकर जांच-पड़ताल की. लेकिन, स्वास्थय विभाग को कोई सफलता हाथ नहीं लगी.

स्वास्थय विभाग की गुटखा कंपनियों में छापेमारी

बता दें कि अलवर गुटखा की बड़ी मंडी है. अलवर से देशभर में गुटखा सप्लाई होता है, तो वही यहां गुटके की खपत भी अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा है. जानकारी के अनुसार जयंती, मामा और विमल जैसे कई बड़े गुटके के ब्रांड अलवर में बनते हैं और देशभर में सप्लाई होते हैं. राजस्थान सरकार ने गांधी जयंती के मौके पर अलवर में गुटखा पूरी तरह से बंद कर दिया है. इसके अलावा मीठी सुपारी, पान मसाला और प्रोडक्ट जिनमें केमिकल डाला हुआ है, उन पर भी रोक लगा दी गई है.

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वहीं, ऐसे में स्वास्थय विभाग की तरफ से अलवर में लगातार गुटखा बनाने वाली कंपनी और गुटखा का स्टॉक रखने वाले लोगों की छापेमारी की जा रही है. बता दें कि स्वास्थय विभाग की टीम ने 2 दिनों में 4 प्रतिष्ठानों पर छापामारी करते हुए वहां मिली सुपारी के सैंपल लिए हैं. वहीं, लिए गए सैंपल में मामा गुटखा, जयंती गुटखा, विमल गुटखा और जैन गुटखा शामिल है.

खाद्य सुरक्षा अधिकारी हारूण खान ने बताया कि उच्चाधिकारियों की ओर से मिले निर्देश के अनुसार लगातार जांच-पड़ताल की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक 4 जगहों से सैंपल लिए गए हैं. हालांकि, वहां मिले स्टॉक को जब्त नहीं किया गया है. खान ने बताया कि स्टॉक के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं. वहीं, सभी जगह से सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेज दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही उनके बारे में कुछ पता चल सकेगा.

अलवर. प्रदेश भर में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मरीजों को देखते हुए स्वास्थय विभाग ने प्रदेश भर में गुटखा, मीठी सुपारी और अन्य केमिकल युक्त प्रोडक्ट को बंद कर दिया है. ऐसे में स्वास्थय विभाग की ओर से अलवर में लगातार जांच-पड़ताल की जा रही है. बता दें कि अलवर में कई बड़े गुटखा औद्योगिक इकाई हैं, इन पर स्वास्थय विभाग की टीम ने पहुंचकर जांच-पड़ताल की. लेकिन, स्वास्थय विभाग को कोई सफलता हाथ नहीं लगी.

स्वास्थय विभाग की गुटखा कंपनियों में छापेमारी

बता दें कि अलवर गुटखा की बड़ी मंडी है. अलवर से देशभर में गुटखा सप्लाई होता है, तो वही यहां गुटके की खपत भी अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा है. जानकारी के अनुसार जयंती, मामा और विमल जैसे कई बड़े गुटके के ब्रांड अलवर में बनते हैं और देशभर में सप्लाई होते हैं. राजस्थान सरकार ने गांधी जयंती के मौके पर अलवर में गुटखा पूरी तरह से बंद कर दिया है. इसके अलावा मीठी सुपारी, पान मसाला और प्रोडक्ट जिनमें केमिकल डाला हुआ है, उन पर भी रोक लगा दी गई है.

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वहीं, ऐसे में स्वास्थय विभाग की तरफ से अलवर में लगातार गुटखा बनाने वाली कंपनी और गुटखा का स्टॉक रखने वाले लोगों की छापेमारी की जा रही है. बता दें कि स्वास्थय विभाग की टीम ने 2 दिनों में 4 प्रतिष्ठानों पर छापामारी करते हुए वहां मिली सुपारी के सैंपल लिए हैं. वहीं, लिए गए सैंपल में मामा गुटखा, जयंती गुटखा, विमल गुटखा और जैन गुटखा शामिल है.

खाद्य सुरक्षा अधिकारी हारूण खान ने बताया कि उच्चाधिकारियों की ओर से मिले निर्देश के अनुसार लगातार जांच-पड़ताल की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक 4 जगहों से सैंपल लिए गए हैं. हालांकि, वहां मिले स्टॉक को जब्त नहीं किया गया है. खान ने बताया कि स्टॉक के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं. वहीं, सभी जगह से सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेज दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही उनके बारे में कुछ पता चल सकेगा.

Intro:अलवर।
अलवर सहित प्रदेश भर में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में गुटखा, मीठी सुपारी व अन्य केमिकल युक्त प्रोडक्ट को बंद कर दिया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अलवर में लगातार जांच पड़ताल की जा रही है। अलवर में कई बड़े गुटखा औद्योगिक इकाई है। इन पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर जांच पड़ताल की। लेकिन स्वास्थ विभाग को कोई सफलता हाथ नहीं लगी।


Body:अलवर गुटखा की बड़ी मंडी है। अलवर से देशभर में गुटखा सप्लाई होता है। तो वही यहां गुटके की खपत भी अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा है। जयंती, मामा व विमल जैसे कई बड़े गुटके के ब्रांड अलवर में बनते हैं व देशभर में सप्लाई होते हैं। राजस्थान सरकार ने गांधी जयंती के मौके पर अलवर में गुटखा पूरी तरीके से बंद कर दिया है। इसके अलावा मीठी सुपारी, पान मसाला व प्रोडक्ट जिनमें केमिकल डाला हुआ है। उन पर भी रोक लगा दी गई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अलवर में लगातार गुटखा बनाने वाली कंपनी व गुटखा का स्टॉक रखने वाले लोगों के छापेमारी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 2 दिनों में 4 प्रतिष्ठानों पर छापामारी करते हुए। वहां मिली सुपारी के सैंपल लिए हैं। इसमें मामा गुटखा, जयंती गुटखा, विमल गुटखा व जैन गुटखा शामिल है।


Conclusion:खाद्य सुरक्षा अधिकारी हारून खान ने बताया की उच्चाधिकारियों द्वारा मिले निर्देश के अनुसार लगातार जांच पड़ताल की जा रही है। अब तक चार जगहों से सैंपल लिए गए हैं। हालांकि वहां मिले स्टॉक को जप्त नहीं किया गया है। स्टॉक के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं। सभी जगह से सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेज दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही उनके बारे में कुछ पता चल सकेगा।

जांच के नाम पर हो रही खानापूर्ति
स्वास्थ्य विभाग की टीम जिस तरह से जांच पड़ताल चल कर रही है। उसको देख कर यह साफ है की जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। जिन जगहों पर अब तक टीम ने कार्रवाई की। उन सभी जगहों पर बड़ी मात्रा में सुपारी का स्टॉक मिला है। लेकिन विभाग के अधिकारियों ने उस स्टॉक को जब नहीं किया व खानापूर्ति के लिए सैंपल भर लिए हैं।

जब तक आएगी रिपोर्ट बिक जाएगा माल
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा की सैंपल को जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जाएगा। जब तक स्टॉप का व्यापारी निस्तारण कर सकता है। ऐसे में साफ है कि रिपोर्ट आने में डेढ़ से 2 माह का समय लगता है जब तक सारा माल बिक चुका होगा।

बाइट- हारुण खान, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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