अलवर. जिले के बानसूर के गांव होलावास में पार्वती के मंदिर के पास किसानों की बाजरे की खेती कीड़े लगने से नष्ट होने के कगार पर. मजबूर किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी लेकिन इसके बावजूद भी मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा.
दरअसल उपखंड के ग्राम पंचायत होलावास में पार्वती के मंदिर के पास 35 एकड़ जमीन पर किसानों ने बाजरा लगाया था. बाजरे की फसल में भयंकर कीटनाशक पैदा होने पर बाजरे की खेती नष्ट हो रही हैं. किसानों की ओर से कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कोई फसलों की सुध लेने नहीं आया. मजबूर किसानों ने बताया कि इस बार पायनियर कंपनी का बीज अपने फायदे के लिए किसानों को दे कर चले गए.
यह भी पढे़- सरकारी आवास खाली नहीं करने पर 10 हजार प्रतिदिन जुर्माना लगाने का कानून सदन में पारित, भाजपा की आपत्ती
किसानों ने पायनियर कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा हमने इस कंपनी के अधिविक्रेता को भी कई बार सूचना दी इसके बावजूद भी हमारे खेत पर किसी ने आकर कुछ नहीं देखा. हमारी बाजरे की फसल कीड़े लगने से धीरे-धीरे खत्म होने के कगार पर आ गई है. हम कृषि विभाग के अधिकारियों को भी कई बार इस मामले से अवगत करा चूके है. लेकिन किसानों की कोई सुध लेने वाला नहीं है. हम लोग कंपनियों के द्वारा ठगा महसूस कर रहे हैं. करे तो क्या करें. किसानों ने कहा अगर यही हाल रहा तो हम भी मजबूर होकर खुदकुशी कर लेंगे.
किसानों ने ईटीवी भारत के संवाददाता से कहा की अगर सही समय पर हमारी खेती को आकर विभाग द्वारा नहीं देखा गया तो हम मजबूरन आत्महत्या करेंगे. किसानों ने बताया कि खेती बुवाई के वक्त किसान किसी तरह से खेत मे खाद,बीज डालकर जुताई करवाकर मेहनत कर खेत में फसल बोता है. किसानों के पास यही तो एक खेती करने का अवसर होता है. लेकिन कभी कुदरत का प्रकोप कभी कीटनाशक से नुकसान.
इस मौके पर किसानों ने अपनी पीड़ा बताई
कृषि सहायक अधिकारी ने बताया कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है. यह मामला भी मीडिया के माध्यम से उजागर हुआ है. लेकिन अगर बाजरे की फसलों में कीड़े लग रहे है तो मैं अवश्य किसानों के पास पहुंचकर फसल की जानकारी लूंगा और बाजरे में लग रहे कीड़े मारने की दवाई बता दी जाएगी. हम समय- समय पर पहुंचकर किसानों की समस्या सुनते हैं और फसल रोग संबंधित दवाइयों के छिड़काव की जानकारी देते हैं.