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सरकारी डॉक्टर अब निजी अस्पताल में नहीं कर सकेंगे मरीज का इलाज - सरकारी डॉक्टर का प्राइवेट में इलाज करना निषेध

अलवर में शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत सरकार ने सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट अस्पताल में मरीज के इलाज करने या ऑपरेशन पर पूरी तरीके से रोक लगा दी है.

सरकारी डॉक्टर का प्राइवेट में इलाज करना निषेध, Prohibition to treat government doctor in private
सरकारी डॉक्टर का प्राइवेट में इलाज करना निषेध
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Published : Nov 13, 2020, 4:58 PM IST

अलवर. स्वास्थ्य विभाग के एक आदेश ने अलवर सहित पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों की परेशानी बढ़ा दी है. सरकार ने सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट अस्पताल में मरीज के इलाज करने या ऑपरेशन पर पूरी तरीके से रोक लगा दी है. ऐसे में अगर कोई डॉक्टर निजी अस्पताल में मरीज का इलाज करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अलवर सहित पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले सरकारी डॉक्टर अस्पताल ड्यूटी के बाद आमतौर पर अपने घर के आस-पास प्राइवेट अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं. साथ ही ऑपरेशन भी करते हैं. इस दौरान अभी तक डॉक्टर को अस्पताल में लिखित एक जानकारी देनी पड़ती थी. उसके बाद डॉक्टर आसानी से यह करते थे. जो डॉक्टर अस्पताल के बाद बाहर प्रैक्टिस करते हैं. उनको सरकार की तरफ से प्रैक्टिस अलाउंस नहीं दिया जाता है, जबकि जो डॉक्टर अस्पताल के बाद भी प्रैक्टिस नहीं करते हैं. उनको सरकार की तरफ से अलग से अलाउंस वेतन में जोड़कर दिया जाता है.

अलवर के सरकारी अस्पताल में भी कई ऐसे डॉक्टर है, जो सरकारी ड्यूटी के बाद निजी अस्पताल वह खुद के क्लीनिक में मरीजों का इलाज करते हैं. चिकित्सा विभाग के निदेशक ने एक आदेश जारी करते हुए प्रदेश के सभी सीएमएचओ और प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया है कि जो डॉक्टर नॉन प्रैक्टिस अलाउंस नहीं ले रहे हैं, वो अपने आवास पर मरीज देखेंगे और निर्धारित परामर्श शुल्क ही ले सकते हैं. शुल्क की सूचना और परामर्श करने के बाद उसकी जानकारी मरीजों को दी जाएगी.

पढ़ेंः शुद्ध के लिए युद्ध: जयपुर में 250 किलो सड़े-गले बादाम नष्ट कराए गए

साथ ही प्राइवेट अस्पताल में जाकर ना तो डॉक्टर मरीजों का इलाज कर सकते हैं. ना ही ऑपरेशन कर सकते हैं. कुछ डॉक्टर प्राइवेट लैब में जांच का काम भी करते हैं. उनको भी अब जांच करना भारी पड़ सकता है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिलने पर ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं. अलवर में बड़ी संख्या में ऐसे डॉक्टर हैं, जो सरकारी अस्पताल में ड्यूटी के बाद निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज करते थे. साथ ही खुद के क्लीनिक में भी बैठते थे. ऐसे में सभी की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है.

अलवर. स्वास्थ्य विभाग के एक आदेश ने अलवर सहित पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों की परेशानी बढ़ा दी है. सरकार ने सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट अस्पताल में मरीज के इलाज करने या ऑपरेशन पर पूरी तरीके से रोक लगा दी है. ऐसे में अगर कोई डॉक्टर निजी अस्पताल में मरीज का इलाज करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अलवर सहित पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले सरकारी डॉक्टर अस्पताल ड्यूटी के बाद आमतौर पर अपने घर के आस-पास प्राइवेट अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं. साथ ही ऑपरेशन भी करते हैं. इस दौरान अभी तक डॉक्टर को अस्पताल में लिखित एक जानकारी देनी पड़ती थी. उसके बाद डॉक्टर आसानी से यह करते थे. जो डॉक्टर अस्पताल के बाद बाहर प्रैक्टिस करते हैं. उनको सरकार की तरफ से प्रैक्टिस अलाउंस नहीं दिया जाता है, जबकि जो डॉक्टर अस्पताल के बाद भी प्रैक्टिस नहीं करते हैं. उनको सरकार की तरफ से अलग से अलाउंस वेतन में जोड़कर दिया जाता है.

अलवर के सरकारी अस्पताल में भी कई ऐसे डॉक्टर है, जो सरकारी ड्यूटी के बाद निजी अस्पताल वह खुद के क्लीनिक में मरीजों का इलाज करते हैं. चिकित्सा विभाग के निदेशक ने एक आदेश जारी करते हुए प्रदेश के सभी सीएमएचओ और प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया है कि जो डॉक्टर नॉन प्रैक्टिस अलाउंस नहीं ले रहे हैं, वो अपने आवास पर मरीज देखेंगे और निर्धारित परामर्श शुल्क ही ले सकते हैं. शुल्क की सूचना और परामर्श करने के बाद उसकी जानकारी मरीजों को दी जाएगी.

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साथ ही प्राइवेट अस्पताल में जाकर ना तो डॉक्टर मरीजों का इलाज कर सकते हैं. ना ही ऑपरेशन कर सकते हैं. कुछ डॉक्टर प्राइवेट लैब में जांच का काम भी करते हैं. उनको भी अब जांच करना भारी पड़ सकता है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिलने पर ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं. अलवर में बड़ी संख्या में ऐसे डॉक्टर हैं, जो सरकारी अस्पताल में ड्यूटी के बाद निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज करते थे. साथ ही खुद के क्लीनिक में भी बैठते थे. ऐसे में सभी की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है.

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