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Illegal Mining: वन विभाग ने वन क्षेत्र में अवैध खनन रोकने का निकाला यह तरीका

अवैध खनन को रोकने के लिए वन विभाग ने एक नया तरीका निकाला है. हर साल वन विभाग की तरफ से सरकारी भूमि पर पौधे लगाए जाते हैं. लेकिन इस बार उन क्षेत्रों में पौधे लगाए जाएंगे, जहां खनन माफिया अवैध खनन (Measures to Prevent Illegal Mining) करते हैं.

Measures to Prevent Illegal Mining
वन विभाग ने वन क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने का निकाला नया तरीका
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Published : Jun 9, 2022, 6:44 PM IST

अलवर. अवैध खनन के लिए अलवर पूरे देश में बदनाम है. जिले से अवैध खनन के मामले आए दिन सामने आते हैं. सबसे ज्यादा अवैध खनन की घटनाएं वन क्षेत्र में होती हैं. ऐसे में वन विभाग ने अवैध खनन को रोकने का एक नया तरीका निकाला है. हर साल वन विभाग की तरफ से सरकारी भूमि पर पौधे लगाए जाते हैं. लेकिन इस बार उन क्षेत्रों में पौधे लगाए जाएंगे, जहां खनन माफिया अवैध खनन करते हैं. इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है और कुछ ही दिनों में पौधे लगाने का काम भी शुरू (Measures to Prevent Illegal Mining)हो जाएगा.

अलवर शहर अरावली पर्वत माला से घिरा हुआ है. शहर में ढाई सौ से ज्यादा पत्थर की खानें हैं. बता दें कि वन क्षेत्र और सरकारी पहाड़ों पर अवैध खनन खुलेआम होता है. अवैध खनन माफियाओं ने खनन कर कर कितने पहाड़ गायब कर दिए है, इसी के चलते आज अलवर पूरे देश में बदनाम है. हालांकि समय-समय पर वन विभाग की तरफ से अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है. बता दें कि जिन क्षेत्रों में ज्यादा खनन होता है, उन जगहों पर बड़े गड्ढे कराए गए हैं. साथ ही उन रास्तों को जेसीबी की मदद से तोड़ भी दिया गया है. वहीं पहाड़ी के चारों तरफ खाई खोदी गई हैं. लेकिन फिर भी अवैध खनन की घटनाएं होती है. ऐसे में वन विभाग ने अवैध खनन रोकने के लिए एक नवाचार करने का फैसला (Forest Department is taking measures to prevent Illegal mining ) लिया है.

वन विभाग ने वन क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने का निकाला नया तरीका

पढ़ें. Illegal mining in Bharatpur: भरतपुर में नहीं रुक रहा अवैध खनन, तीन साल में अवैध खनन के 981 मामले

यह है वन विभाग का नवाचार: जिन क्षेत्रों में अवैध खनन होता है. उन क्षेत्रों में अब वन विभाग पौधे लगाएगा. इसके लिए जिले भर में 2200 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है. इन जगहों पर 5 लाख 15 हजार पौधे लगाए जाएंगे. प्लांटेशन के लिए 50-50 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जिले के थानागाजी, मालाखेड़ा, तिजारा, लक्ष्मणगढ़, बहरोड़, राजगढ़, रामगढ़, रेनी, किशनगढ़ बास, बहरोड़, मंडावर क्षेत्र में पौधे लगाए जाएंगे. अब ऐसे में वन विभाग की नर्सरी में पौधे तैयार करने का काम काफी तेजी से चल रहा है. बारिश से पहले हर साल वन विभाग की तरफ से बड़े स्तर पर पौधे लगाने का काम किया जाता है. लेकिन इस बार वन विभाग ने कुछ नवाचार किया है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि कई अलग-अलग तकनीकों से पौधों के अलावा जमीन में बीज डालने का भी काम होगा. ताकि बारिश के समय में बीज से पौधा लग सके और ज्यादा ज्यादा पौधे जीवित रहे. इसके लिए बेहतर मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी विभाग की ओर से की (Measures to Prevent Illegal Mining ) जाएगी.

अलवर. अवैध खनन के लिए अलवर पूरे देश में बदनाम है. जिले से अवैध खनन के मामले आए दिन सामने आते हैं. सबसे ज्यादा अवैध खनन की घटनाएं वन क्षेत्र में होती हैं. ऐसे में वन विभाग ने अवैध खनन को रोकने का एक नया तरीका निकाला है. हर साल वन विभाग की तरफ से सरकारी भूमि पर पौधे लगाए जाते हैं. लेकिन इस बार उन क्षेत्रों में पौधे लगाए जाएंगे, जहां खनन माफिया अवैध खनन करते हैं. इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है और कुछ ही दिनों में पौधे लगाने का काम भी शुरू (Measures to Prevent Illegal Mining)हो जाएगा.

अलवर शहर अरावली पर्वत माला से घिरा हुआ है. शहर में ढाई सौ से ज्यादा पत्थर की खानें हैं. बता दें कि वन क्षेत्र और सरकारी पहाड़ों पर अवैध खनन खुलेआम होता है. अवैध खनन माफियाओं ने खनन कर कर कितने पहाड़ गायब कर दिए है, इसी के चलते आज अलवर पूरे देश में बदनाम है. हालांकि समय-समय पर वन विभाग की तरफ से अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है. बता दें कि जिन क्षेत्रों में ज्यादा खनन होता है, उन जगहों पर बड़े गड्ढे कराए गए हैं. साथ ही उन रास्तों को जेसीबी की मदद से तोड़ भी दिया गया है. वहीं पहाड़ी के चारों तरफ खाई खोदी गई हैं. लेकिन फिर भी अवैध खनन की घटनाएं होती है. ऐसे में वन विभाग ने अवैध खनन रोकने के लिए एक नवाचार करने का फैसला (Forest Department is taking measures to prevent Illegal mining ) लिया है.

वन विभाग ने वन क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने का निकाला नया तरीका

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यह है वन विभाग का नवाचार: जिन क्षेत्रों में अवैध खनन होता है. उन क्षेत्रों में अब वन विभाग पौधे लगाएगा. इसके लिए जिले भर में 2200 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है. इन जगहों पर 5 लाख 15 हजार पौधे लगाए जाएंगे. प्लांटेशन के लिए 50-50 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जिले के थानागाजी, मालाखेड़ा, तिजारा, लक्ष्मणगढ़, बहरोड़, राजगढ़, रामगढ़, रेनी, किशनगढ़ बास, बहरोड़, मंडावर क्षेत्र में पौधे लगाए जाएंगे. अब ऐसे में वन विभाग की नर्सरी में पौधे तैयार करने का काम काफी तेजी से चल रहा है. बारिश से पहले हर साल वन विभाग की तरफ से बड़े स्तर पर पौधे लगाने का काम किया जाता है. लेकिन इस बार वन विभाग ने कुछ नवाचार किया है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि कई अलग-अलग तकनीकों से पौधों के अलावा जमीन में बीज डालने का भी काम होगा. ताकि बारिश के समय में बीज से पौधा लग सके और ज्यादा ज्यादा पौधे जीवित रहे. इसके लिए बेहतर मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी विभाग की ओर से की (Measures to Prevent Illegal Mining ) जाएगी.

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