अलवर. सरिस्का में शुक्रवार को एनटीसीए (NTCA) के सचिव एसपी यादव और सीडब्लूएसडब्लू अरविंदम तोमर सरिस्का पहुंचे. उन्होंने बाघों के प्रबंधन, बाघों की रीलोकेशन, बाघों के संरक्षण, गांव के रीलोकेशन और सरिस्का में चल रहे कार्यों को लेकर सीसीएफ आरएन मीणा, डीएफओ सुदर्शन शर्मा व अन्य अधिकारियों से बातचीत की. इसके बाद सरिस्का क्षेत्र का निरीक्षण किया.
उसके बाद सरिस्का (Tiger Reserve in Alwar District) में हुई एक सेमिनार में हिस्सा लिया. दिल्ली के टेहरी इंस्टिट्यूट की तरफ से सरिस्का में एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें वैज्ञानिक व रिसर्चर ने हिस्सा लिया. इस मौके पर एनटीसीए व वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. इसमें सरिस्का को बेहतर करने व सरिस्का (Sariska National Park) के जंगल को बचाने और सरिस्का में बसे ग्रामीणों का जीवन बेहतर करने पर चर्चा की गई.
सीसीएफ आरएन मीणा ने बताया कि अलवर का सरिस्का देश का चौथा टाइगर रिजर्व बन चुका है, जहां 'द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट' की तरफ से इकोसिस्टम की वैल्यूज को बेहतर करने के लिए रिसर्च की जाएगी. यह रिसर्च साल 2023 तक चलेगी. उसके बाद टाइगर फाउंडेशन में फंड मिलेगा. इस फंड की मदद से सरिस्का में बसे ग्रामीणों की मदद सरिस्का प्रशासन द्वारा की जाएगी.
जंगल की लकड़ियां न कटे, ग्रामीण सोलर एनर्जी या अन्य इकोसिस्टम को काम में लें, इसके प्रयास भी इस रिसर्च के माध्यम से किए जाएंगे. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि यह रिसर्च सरिस्का को एक विशेष स्थान प्रदान करेगी. इस रिसर्च के माध्यम से यहां बसे गांव के ग्रामीणों को नया जीवन मिलेगा. अभी तक उनको जीवन यापन करने में खासी दिक्कत होती है. सरिस्का प्रशासन को ग्रामीणों के लिए फंड मिलेगा. उस बजट को ग्रामीणों को बेहतर जीवन देने के लिए खर्च किया जाएगा.