अलवर. एक तरफ कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ लगातार पानी संकट बढ़ रहा है. लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. परेशान लोग पानी के लिए जाम लगा रहे हैं और अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. ऐसे में लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. शहर के पुराने मोहल्लों में हालात ज्यादा खराब है. मुख्य बाजार क्षेत्र में रहने वाले परेशान लोगों ने शनिवार को हंगामा किया, जिसके बाद जलदाय विभाग ने पानी का टैंकर भेजा. पानी का टैंकर आते ही लोग पानी भरने के लिए टूट पड़े.
अलवर जिला डाक जोन में है. जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं हैं. ऐसे में पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है. ट्यूबवेल में जलस्तर भी लगातार नीचे गिर रहा है. अलवर शहर में 100 एमएलडी से अधिक पानी की डिमांड रहती है. जलदाय विभाग 50 एमएलडी पानी सप्लाई कर पाता है. इसलिए पानी की समस्या रहती है. वैसे तो साल भर इस तरह के हालात रहते हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में परेशानी बढ़ जाती है. इन दिनों कोरोना के चलते लोग अपने घरों में हैं. इसलिए पानी की डिमांड लगातार बढ़ रही है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. बिना पानी के लोग परेशान हो रहे हैं.
शहर के मुख्य बाजार बाजार, मालन की गली, जगन्नाथ मंदिर, होप सर्कस और घंटाघर सहित आसपास क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. कई बार लोग जिला कलेक्टर एडीएम जलदाय विभाग सहित जिले के सभी अधिकारी विधायक और मंत्रियों तक अपनी समस्या रख चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी हालातों में कोई बदलाव नहीं हुआ. परेशान लोगों ने रविवार को अपना विरोध दर्ज कराया. इसके बाद जलदाय विभाग ने पानी का एक टैंकर भेजा. टैंकर आते ही लोग पानी भरने के लिए टूट पड़े.
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इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ी. लोगों ने कहा कि प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. जिला कलेक्टर के सामने कई बार समस्या रखी है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. लोग कोरोना से मरे या ना मरे, लेकिन बिना पानी के जरूर मर जाएंगे. घरों में बंद लोगों को पानी की आवश्यकता है. भीषण गर्मी के दौरान लोगों को पीने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. लोगों ने कहा प्रशासन को सबसे पहले पानी सप्लाई पर ध्यान देना चाहिए. पानी सप्लाई नहीं होने के कारण लोग खाली बर्तन लेकर एक जगह से दूसरी जगह चक्कर लगाते हैं और परेशान होते हैं. ऐसे में कोरोना का संक्रमण फैलने का भी खतरा रहता है.