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अलवर में फिर शुरू हुई ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुगबुगाहट

अलवर के कोटकासिम में बनने वाले ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुगबुगाहट एक बार फिर से तेज हो गई है. दो साल पहले कोटकासिम में एयरपोर्ट के लिए डीपीआर तैयार हुई थी. लेकिन उसी दौरान केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के जेवर में एयरपोर्ट बनाने की अनुमति दी. इसके बाद अलवर के एयरपोर्ट का मामला ठंडे बस्ते में चला गया था.

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अलवर में फिर शुरू हुई ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुगबुगाहट
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Published : Dec 16, 2020, 3:15 AM IST

अलवर. कोटकासिम में बनने वाले ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुगबुगाहट एक बार फिर से तेज हो गई है. दो साल पहले कोटकासिम में एयरपोर्ट के लिए डीपीआर तैयार हुई थी. लेकिन उसी दौरान केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के जेवर में एयरपोर्ट बनाने की अनुमति दी. इसके बाद अलवर के एयरपोर्ट का मामला ठंडे बस्ते में चला गया. कुछ लोग अलवर एयरपोर्ट जेवर में शिफ्ट होने की बात कह रहे थे तो कुछ ने कहा कि यहां एयरपोर्ट की आवश्यकता नहीं है. अलवर के कोटकासिम में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट डीएमआईसी प्रोजेक्ट के तहत प्रस्तावित है.

अलवर में एयरपोर्ट की सुगबुगाहट

डीएमआईसी प्रोजेक्ट के तहत अलवर के भिवाड़ी में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनना था. लेकिन एयरपोर्ट के लिए भिवाड़ी में पर्याप्त जगह नहीं मिलने के कारण कोटकासिम में एयरपोर्ट के लिए जगह चिन्हित की गई. एयरपोर्ट प्राधिकरण की तरफ से इसकी डीपीआर तैयार की गई. इस दौरान कोटकासिम में जिस जगह एयरपोर्ट बनना था, वहां बड़े निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई. उसके लिए उड्यन मंत्रालय की अनुमति जरूरी की गई.

इतना ही नहीं जमीन अधिग्रहण के लिए स्थानीय प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों के साथ बैठक का दौर भी शुरू हुआ था. लेकिन उसी बीच उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बनने के बाद केंद्र सरकार ने गौतम बुध नगर के जेवर में एयरपोर्ट को मंजूरी दी. उसके बाद अलवर का एयरपोर्ट जेवर शिफ्ट होने अलवर का एयरपोर्ट रद्द होने सहित कई तरह की बातें सामने आई. लेकिन अलवर के कोटकासिम में एयरपोर्ट की राह अब साफ हो गई है.

पढ़ें: रात में गलियों की स्ट्रीट लाइटिंग का जायजा लेने स्कूटी पर निकली मेयर मुनेश गुर्जर

अलवर एयरपोर्ट कार्गो के साथ ही ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा. निवेश, रोजगार व आर्थिक सुंदरता के लिए राज्य सरकार ने इसकी सैद्धांतिक अनुमति दे दी है. अलवर एयरपोर्ट के लिए कई निवेशक भी आगे आने लगे हैं. दरसअल अलवर राजस्थान की औद्योगिक राजधानी है. यहां जापानी जोन, कोरियन जोन सहित कई बड़े जोन हैं. एयरपोर्ट बनने से हजारों लोगों को फायदा मिलेगा साथ ही अलवर विश्व मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान रखेगा.

इस एयरपोर्ट में तीन तहसीलों के 14 गांवों को शामिल किया जाएगा. कोटकासिम तहसील के 7, तिजारा के पांच और किशनगढ़ बास तहसील के 2 गांवों की 2058 हेक्टेयर जमीन पर एयरपोर्ट बनाया जाएगा. इस एयरपोर्ट के निर्माण में 10 हजार 669 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा. पहले फेज में 1757 करोड़ रुपए खर्च होंगे. दूसरे फेज में 1412 करोड़ रुपए, तीसरे फेज में 2198 करोड़ और चौथे फेज में 5272 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

यह एयरपोर्ट देश का सबसे अलग एयरपोर्ट होगा. इस एयरपोर्ट के आसपास पांच सितारा होटल, स्विमिंग, पूल बार रेस्टोरेंट सहित कई तरह की चीजें डिवेलप की जाएंगी. इस एयरपोर्ट की दूरी जयपुर से 190 किलोमीटर, दिल्ली से 112 किलोमीटर होगी. यह एयरपोर्ट रेवाड़ी व भिवाड़ी क्षेत्र के पास होगा. एयरपोर्ट के बनने से अलवर व आसपास क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही पूरा क्षेत्र डेवलप होगा. अलवर में एयरपोर्ट बनने से कारोबारियों को फायदा होगा.

अलवर. कोटकासिम में बनने वाले ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुगबुगाहट एक बार फिर से तेज हो गई है. दो साल पहले कोटकासिम में एयरपोर्ट के लिए डीपीआर तैयार हुई थी. लेकिन उसी दौरान केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के जेवर में एयरपोर्ट बनाने की अनुमति दी. इसके बाद अलवर के एयरपोर्ट का मामला ठंडे बस्ते में चला गया. कुछ लोग अलवर एयरपोर्ट जेवर में शिफ्ट होने की बात कह रहे थे तो कुछ ने कहा कि यहां एयरपोर्ट की आवश्यकता नहीं है. अलवर के कोटकासिम में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट डीएमआईसी प्रोजेक्ट के तहत प्रस्तावित है.

अलवर में एयरपोर्ट की सुगबुगाहट

डीएमआईसी प्रोजेक्ट के तहत अलवर के भिवाड़ी में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनना था. लेकिन एयरपोर्ट के लिए भिवाड़ी में पर्याप्त जगह नहीं मिलने के कारण कोटकासिम में एयरपोर्ट के लिए जगह चिन्हित की गई. एयरपोर्ट प्राधिकरण की तरफ से इसकी डीपीआर तैयार की गई. इस दौरान कोटकासिम में जिस जगह एयरपोर्ट बनना था, वहां बड़े निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई. उसके लिए उड्यन मंत्रालय की अनुमति जरूरी की गई.

इतना ही नहीं जमीन अधिग्रहण के लिए स्थानीय प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों के साथ बैठक का दौर भी शुरू हुआ था. लेकिन उसी बीच उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बनने के बाद केंद्र सरकार ने गौतम बुध नगर के जेवर में एयरपोर्ट को मंजूरी दी. उसके बाद अलवर का एयरपोर्ट जेवर शिफ्ट होने अलवर का एयरपोर्ट रद्द होने सहित कई तरह की बातें सामने आई. लेकिन अलवर के कोटकासिम में एयरपोर्ट की राह अब साफ हो गई है.

पढ़ें: रात में गलियों की स्ट्रीट लाइटिंग का जायजा लेने स्कूटी पर निकली मेयर मुनेश गुर्जर

अलवर एयरपोर्ट कार्गो के साथ ही ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा. निवेश, रोजगार व आर्थिक सुंदरता के लिए राज्य सरकार ने इसकी सैद्धांतिक अनुमति दे दी है. अलवर एयरपोर्ट के लिए कई निवेशक भी आगे आने लगे हैं. दरसअल अलवर राजस्थान की औद्योगिक राजधानी है. यहां जापानी जोन, कोरियन जोन सहित कई बड़े जोन हैं. एयरपोर्ट बनने से हजारों लोगों को फायदा मिलेगा साथ ही अलवर विश्व मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान रखेगा.

इस एयरपोर्ट में तीन तहसीलों के 14 गांवों को शामिल किया जाएगा. कोटकासिम तहसील के 7, तिजारा के पांच और किशनगढ़ बास तहसील के 2 गांवों की 2058 हेक्टेयर जमीन पर एयरपोर्ट बनाया जाएगा. इस एयरपोर्ट के निर्माण में 10 हजार 669 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा. पहले फेज में 1757 करोड़ रुपए खर्च होंगे. दूसरे फेज में 1412 करोड़ रुपए, तीसरे फेज में 2198 करोड़ और चौथे फेज में 5272 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

यह एयरपोर्ट देश का सबसे अलग एयरपोर्ट होगा. इस एयरपोर्ट के आसपास पांच सितारा होटल, स्विमिंग, पूल बार रेस्टोरेंट सहित कई तरह की चीजें डिवेलप की जाएंगी. इस एयरपोर्ट की दूरी जयपुर से 190 किलोमीटर, दिल्ली से 112 किलोमीटर होगी. यह एयरपोर्ट रेवाड़ी व भिवाड़ी क्षेत्र के पास होगा. एयरपोर्ट के बनने से अलवर व आसपास क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही पूरा क्षेत्र डेवलप होगा. अलवर में एयरपोर्ट बनने से कारोबारियों को फायदा होगा.

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