ETV Bharat / city

अलवर: इंदिरा गांधी स्टेडियम में लंबे समय से रुका हुआ है बैडमिंटन कोर्ट का काम, युवाओं ने जताया विरोध

अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में यूआईटी की तरफ से वुडन बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण कराया गया था. लेकिन समय पर रखरखाव नहीं होने के कारण कुछ ही साल में उसकी वुडन फर्श टूट गई और कोर्ट क्षतिग्रस्त हो गया. खिलाड़ियों की मांग पर यूआईटी ने फिर से सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट बनवाने के लिए जयपुर की एक कंपनी को ठेका दिया.लेकिन उससे बनने में देरी हो रही है.

author img

By

Published : Jun 8, 2019, 12:04 PM IST

बैडमिंटन कोर्ट

अलवर. यूआईटी की तरफ से सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट बनाया जाना था. लेकिन, लंबे समय से इसका काम अधूरा पड़ा हुआ है. युवाओं ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में शुक्रवार को विरोध जताया. युवाओं का कहना है कि कोर्ट के निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है. इसलिए काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है.लोकसभा चुनाव से पहले इंदिरा गांधी स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट का काम शुरू हुआ था.

सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट बनाने में हो रही देरी, खिलाड़ी परेशान

10 लाख रुपए की लागत से सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन काम में लापरवाही के चलते लंबे समय से काम अधूरा पड़ा हुआ है. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता घोषित होने से पहले जयपुर की कंपनी ने सिंथेटिक कोर्ट का काम शुरू किया था. उसके बाद भी अभी तक काम अधूरा पड़ा हुआ है. ऐसे में वहां खेलने वाले खिलाड़ियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

युवा खिलाड़ी गीतेश गुप्ता ने बताया कि वो प्रतिदिन सुबह-शाम वहां अभ्यास करते हैं. लेकिन कोर्ट के खराब होने के कारण उन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में कई बार संबंधित अधिकारियों को शिकायत दी जा चुकी है. लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई. वहीं अन्य युवाओं का कहना है कि स्टेडियम प्रशासन की तरफ से भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. प्रशासन स्विमिंग पूल में अन्य खेलों पर ज्यादा ध्यान दे रहा है. क्योंकि वहां से प्रशासन को ज्यादा आमदनी हो रही है.

अलवर. यूआईटी की तरफ से सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट बनाया जाना था. लेकिन, लंबे समय से इसका काम अधूरा पड़ा हुआ है. युवाओं ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में शुक्रवार को विरोध जताया. युवाओं का कहना है कि कोर्ट के निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है. इसलिए काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है.लोकसभा चुनाव से पहले इंदिरा गांधी स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट का काम शुरू हुआ था.

सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट बनाने में हो रही देरी, खिलाड़ी परेशान

10 लाख रुपए की लागत से सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन काम में लापरवाही के चलते लंबे समय से काम अधूरा पड़ा हुआ है. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता घोषित होने से पहले जयपुर की कंपनी ने सिंथेटिक कोर्ट का काम शुरू किया था. उसके बाद भी अभी तक काम अधूरा पड़ा हुआ है. ऐसे में वहां खेलने वाले खिलाड़ियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

युवा खिलाड़ी गीतेश गुप्ता ने बताया कि वो प्रतिदिन सुबह-शाम वहां अभ्यास करते हैं. लेकिन कोर्ट के खराब होने के कारण उन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में कई बार संबंधित अधिकारियों को शिकायत दी जा चुकी है. लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई. वहीं अन्य युवाओं का कहना है कि स्टेडियम प्रशासन की तरफ से भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. प्रशासन स्विमिंग पूल में अन्य खेलों पर ज्यादा ध्यान दे रहा है. क्योंकि वहां से प्रशासन को ज्यादा आमदनी हो रही है.

Intro:लोकसभा चुनाव से पहले अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट का काम शुरू हुआ था। दरअसल यूआईटी की तरफ से उसको सिंथेटिक बनाया जा रहा है। लेकिन लंबे समय से इसका काम अधूरा पड़ा हुआ है। इसके विरोध में शुक्रवार को युवाओं ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में शुक्रवार को विरोध जताया। युवाओं का कहना था कि कोर्ट के निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है। इसलिए काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है।


Body:अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में यूआईटी की तरफ से वुडन बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण कराया गया था। लेकिन समय पर रखरखाव नहीं होने के कारण कुछ ही साल में उसकी वुडन फर्स टूट गई व कोर्ट क्षतिग्रस्त हो गया। इस पर खिलाड़ियों में युवाओं की मांग पर यूआईटी ने फिर से सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट बनवाने के लिए जयपुर की एक कंपनी को ठेका दिया।

10 लाख रुपए की लागत से सिंथेटिक बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन काम में लापरवाही के चलते लंबे समय से काम अधूरा पड़ा हुआ है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता घोषित होने से पहले जयपुर की कंपनी ने सिंथेटिक कोर्ट का काम शुरू किया था। लेकिन उसके बाद भी अभी तक काम अधूरा पड़ा हुआ है। ऐसे में वहां खेलने वाले खिलाड़ियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


Conclusion:युवा खिलाड़ी गीतेश गुप्ता ने बताया कि वो प्रतिदिन सुबह-शाम वहां अभ्यास करते हैं। लेकिन कोर्ट के खराब होने के कारण उन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में कई बार संबंधित अधिकारियों को शिकायत दी जा चुकी है। लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई। तो वहीं अन्य युवाओं का कहना है कि स्टेडियम प्रशासन की तरफ से भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन स्विमिंग पूल में अन्य खेलों पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। क्योंकि वहां से प्रशासन को ज्यादा आम आदमी हो रही है।

बाइट-गीतेश गुप्ता, युवा
बाइट-संदीप मित्तल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.