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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: कोरोना ने बढ़ाई लोगों में डिप्रेशन की परेशानी

पूरी दुनिया में 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस बार यह दिन अन्य सालों की तुलना में अलग था. क्योंकि इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ रहा है. कोरोना के चलते प्रत्येक व्यक्ति तनाव ग्रस्त हो रहा है.

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कोरोना ने बढ़ाई लोगों में डिप्रेशन की परेशानी
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Published : Oct 11, 2020, 5:00 AM IST

अलवर. पूरी दुनिया में 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस बार यह दिन अन्य सालों की तुलना में अलग था. क्योंकि इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ रहा है. कोरोना के चलते प्रत्येक व्यक्ति तनाव ग्रस्त हो रहा है. लोगों में तनाव और डिप्रेशन सहित कई तरह की शिकायतें होती है. ऐसे में इस बार डब्ल्यूएचओ ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य रखा है.

अलवर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ऑनलाइन डॉक्टरों द्वारा लोगों को जागरूक किया गया. इन सबके बीच अलवर में एक प्रेस वार्ता का आयोजन हुआ. इसमें डॉ. अमित मित्तल ने कई जानकारियां दी. उन्होंने कहा कि भारत की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार 5 लोगों के परिवार में दो लोग मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं. पहले यह आंकड़ा परिवार में एक था, जो अब कोरोना में बढ़कर डबल हो गया है. आने वाले समय में लोग कई अन्य मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं. ऐसे में तनावग्रस्त लोगों को अपने परिवार के साथ रहने की आवश्यकता है.

अगर आपको लगता है कि आपके परिवार में कोई भी व्यक्ति तनाव में है, तो उससे बात करें उससे कहे कि आप उसके साथ हैं. तनावग्रस्त व्यक्ति के लिए यह बात खासी मददगार हो सकती है. उन्होंने कहा कि आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति मानसिक बीमारियों से ग्रसित है. मानसिक बीमारियों का मतलब पागलपन नहीं होता है. मानसिक बीमारी से आज से अगर किसी व्यक्ति को नींद नहीं आती है, बार-बार वो दिन में हाथ धोता है, भूख ज्यादा लगती है, पति पत्नी के बीच शक होता है. इसके अलावा कई ऐसे उदाहरण है, जो आम जनजीवन में दिनचर्या में रहते हैं. यह सब परेशानी मानसिक बीमारी के चलते होती है. ऐसे में व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि डॉक्टर की सलाह से व्यक्ति स्वस्थ और बेहतर हो सकता है.

यह भी पढ़ें- Corona Update : प्रदेश में 2123 नए मामले आए सामने, 15 मौत...कुल आंकड़ा 1,56,908

इन सब परेशानियों में दवाई आवश्यक है. इसके साथ ही प्रत्येक घर में मानसिक तनाव की शिकायत लोगों को होने लगी है. इसलिए लोग अपने परिवार और घर में एक दूसरे के साथ बातचीत करें. अकेलेपन से दूर रहे. साथी सामाजिक कार्यों के साथ जुड़े रहे, क्योंकि कोरोना के चलते प्रत्येक व्यक्ति तनावग्रस्त है. उसके जीवन में परेशानियां बढ़ रहे हैं. ऐसे में एक छोटी सी गलती आने वाले समय के लिए परेशानी बन सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बाद लोगों को मानसिक बीमारियों की शिकायत बढ़ सकती है. इसलिए खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है. लोग नौकरी नहीं मिलने के कारण तनाव में आ जाते हैं. कुछ लोग अपने निजी कारणों के चलते भी तनावग्रस्त हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि बीमारी आम है किसी भी व्यक्ति में हो सकती है. इसको छुपाने की जगह आपस में एक दूसरे से शेयर करने की आवश्यकता रहती है क्योंकि सही समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण परेशानी लगातार बढ़ सकती है.

अलवर. पूरी दुनिया में 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस बार यह दिन अन्य सालों की तुलना में अलग था. क्योंकि इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ रहा है. कोरोना के चलते प्रत्येक व्यक्ति तनाव ग्रस्त हो रहा है. लोगों में तनाव और डिप्रेशन सहित कई तरह की शिकायतें होती है. ऐसे में इस बार डब्ल्यूएचओ ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य रखा है.

अलवर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ऑनलाइन डॉक्टरों द्वारा लोगों को जागरूक किया गया. इन सबके बीच अलवर में एक प्रेस वार्ता का आयोजन हुआ. इसमें डॉ. अमित मित्तल ने कई जानकारियां दी. उन्होंने कहा कि भारत की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार 5 लोगों के परिवार में दो लोग मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं. पहले यह आंकड़ा परिवार में एक था, जो अब कोरोना में बढ़कर डबल हो गया है. आने वाले समय में लोग कई अन्य मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं. ऐसे में तनावग्रस्त लोगों को अपने परिवार के साथ रहने की आवश्यकता है.

अगर आपको लगता है कि आपके परिवार में कोई भी व्यक्ति तनाव में है, तो उससे बात करें उससे कहे कि आप उसके साथ हैं. तनावग्रस्त व्यक्ति के लिए यह बात खासी मददगार हो सकती है. उन्होंने कहा कि आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति मानसिक बीमारियों से ग्रसित है. मानसिक बीमारियों का मतलब पागलपन नहीं होता है. मानसिक बीमारी से आज से अगर किसी व्यक्ति को नींद नहीं आती है, बार-बार वो दिन में हाथ धोता है, भूख ज्यादा लगती है, पति पत्नी के बीच शक होता है. इसके अलावा कई ऐसे उदाहरण है, जो आम जनजीवन में दिनचर्या में रहते हैं. यह सब परेशानी मानसिक बीमारी के चलते होती है. ऐसे में व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि डॉक्टर की सलाह से व्यक्ति स्वस्थ और बेहतर हो सकता है.

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इन सब परेशानियों में दवाई आवश्यक है. इसके साथ ही प्रत्येक घर में मानसिक तनाव की शिकायत लोगों को होने लगी है. इसलिए लोग अपने परिवार और घर में एक दूसरे के साथ बातचीत करें. अकेलेपन से दूर रहे. साथी सामाजिक कार्यों के साथ जुड़े रहे, क्योंकि कोरोना के चलते प्रत्येक व्यक्ति तनावग्रस्त है. उसके जीवन में परेशानियां बढ़ रहे हैं. ऐसे में एक छोटी सी गलती आने वाले समय के लिए परेशानी बन सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बाद लोगों को मानसिक बीमारियों की शिकायत बढ़ सकती है. इसलिए खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है. लोग नौकरी नहीं मिलने के कारण तनाव में आ जाते हैं. कुछ लोग अपने निजी कारणों के चलते भी तनावग्रस्त हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि बीमारी आम है किसी भी व्यक्ति में हो सकती है. इसको छुपाने की जगह आपस में एक दूसरे से शेयर करने की आवश्यकता रहती है क्योंकि सही समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण परेशानी लगातार बढ़ सकती है.

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