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Industries in Alwar : औद्योगिक इकाई शुरू नहीं करना कारोबारी-व्यापारियों को पड़ रहा है भारी, कई बड़ी कंपनियों के प्लॉट कैंसिल

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Published : Feb 18, 2022, 10:50 PM IST

अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों में प्लॉट लेकर काम का शुरू नहीं करने वाले व्यापारी व कारोबारियों के लिए परेशानी वाली खबर है. रीको लंबे समय से खाली पड़े प्लॉटों को कैंसिल कर रही है. ऐसे प्लॉटों को फिर से नीलाम (alwar riico industrial area) करने को लेकर ऑप्शन किया जा रहा है. हालांकि, इससे रीको को करोड़ों का राजस्व मिल रहा है, लेकिन कारोबारी पर व्यापारियों के लिए परेशानी खड़ी हो रही है.

alwar riico industrial area
रीको लंबे समय से खाली पड़े प्लॉटों को कैंसिल कर रही

अलवर. राजस्थान का अलवर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है. अलवर जिले में 15 से ज्यादा छोटे-बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं. इनमें 20 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां हैं. दिल्ली-गुड़गांव के नजदीक होने के कारण बड़ी कंपनियां अलवर में निवेश कर रही हैं. अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों में प्लॉट खरीदना फायदे का सौदा है, जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं.

ऐसे में कारोबारी और व्यापारी औद्योगिक क्षेत्रों में प्लॉट खरीद रखे हैं, लेकिन उन पर औद्योगिक इकाई नहीं लगाई गई हैं. ऐसे व्यापारियों के लिए परेशानी वाली खबर है. अलवर मेथी को लंबे समय से खाली पड़े प्लॉटों को (Problem for businessmen in alwar) कैंसिल कर रही है. हाल ही में कई बड़ी कंपनियों के प्लॉटों को कैंसिल कर के छोटे प्लॉट बनाए गए. वहीं, नीलामी के माध्यम से इन प्लॉटों को बेचा गया है. इससे रीको को करोड़ों का फायदा हुआ है.

राहुल कुमार भट्ट ने क्या कहा...

रीको के अधिकारियों ने बताया कि आइसर कंपनी के 40 हजार स्क्वायर मीटर के प्लॉट को कैंसिल किया गया. उसमें 23 छोटे प्लॉट बनाए गए. इन प्लॉटों को बेचने से रीको को करीब 17 करोड़ों का राजस्व मिला. इसी तरह से अलवर आलर्स नाम की कंपनी के 40 हजार स्क्वायर मीटर के प्लॉट को कैंसिल किया. उसमें 21 प्लॉट काटे गए. जिनको ई-नीलामी के माध्यम से बेचा गया है.

इसी तरह से अलवर के साउथ जोन में दिल्ली की ई-वेस्ट की एक कंपनी के 32 हजार स्क्वायर मीटर के प्लॉट को 12 करोड़ में बेचा गया. राठी कंपनी के 28 हजार वर्ग मीटर के तीन प्लॉटों को 16 करोड़ में रीको ई-ऑप्शन के माध्यम से बेचा है. इसके अलावा (alwar riico industrial area) रीको ने 6 खाली पड़े हुए प्लॉटों को भी कैंसिल किया है. उनको भी ई नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा.

पढ़ें : अलवर-भरतपुर में व्यापारियों को प्रदूषण की लेनी होगी NOC, बिना अनुमति के संचालन पर होगी कार्रवाई

हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार : अलवर में बड़ी औद्योगिक इकाइयों ने प्लॉट खरीदे थे, लेकिन उनको काम में नहीं लिया गया उनपर कोई औद्योगिक इकाई नहीं लगाई गई. जिसके चलते प्लॉट खाली पड़ी हुई थी. इन नोटों पर अब छोटी और जब इकाई लगेंगी. इन औद्योगिक इकाइयों में हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा.

रीको की क्या है शर्तें : रीको के अधिकारियों ने कहा कि प्लॉट लेने के बाद कारोबारी व व्यापारियों को 3 साल में उस प्लॉट पर भवन बनाकर मशीन लगानी पड़ती है व मशीन लगाने के बाद कामकाज शुरू करना पड़ता है. अगर किसी कारणवश व्यापारी का कारोबारी कामकाज शुरू नहीं कर पा रही है. इसकी सूचना उनको रीको में देनी पड़ती है और रीको से एक्सटेंशन लेना पड़ता है. इसके लिए अतिरिक्त चार्ज भी व्यापारियों को रिको में जमा कराना पड़ता है. जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, रीको की तरफ से उनको नोटिस जारी होते हैं व नोटिस का भी जवाब नहीं देने पर प्लॉट कैंसिल की प्रक्रिया की जाती है.

पढ़ें : Commercial tax department Action In Alwar: 150 व्यापारियों के बैंक खाते किए सील, करोड़ों का टैक्स चल रहा था बकाया

छोटे व्यापारी हो रहे हैं परेशान : अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों के डिमांड लगातार बढ़ रही है. देश भर से व्यापारी यहां निवेश कर रही हैं. ऐसे में व्यापारियों ने अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों में लौट खरीदें थे, लेकिन उन पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू नहीं की. व्यापारी प्लॉट को बेचकर मोटा फायदा को कमाने के चक्कर में थे. लेकिन रीको ने सभी व्यापारियों को नोटिस भेज दिया है. ऐसे में व्यापारियों की (alwar small traders are facing problem) परेशानी बढ़ गई है.

अलवर. राजस्थान का अलवर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है. अलवर जिले में 15 से ज्यादा छोटे-बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं. इनमें 20 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां हैं. दिल्ली-गुड़गांव के नजदीक होने के कारण बड़ी कंपनियां अलवर में निवेश कर रही हैं. अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों में प्लॉट खरीदना फायदे का सौदा है, जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं.

ऐसे में कारोबारी और व्यापारी औद्योगिक क्षेत्रों में प्लॉट खरीद रखे हैं, लेकिन उन पर औद्योगिक इकाई नहीं लगाई गई हैं. ऐसे व्यापारियों के लिए परेशानी वाली खबर है. अलवर मेथी को लंबे समय से खाली पड़े प्लॉटों को (Problem for businessmen in alwar) कैंसिल कर रही है. हाल ही में कई बड़ी कंपनियों के प्लॉटों को कैंसिल कर के छोटे प्लॉट बनाए गए. वहीं, नीलामी के माध्यम से इन प्लॉटों को बेचा गया है. इससे रीको को करोड़ों का फायदा हुआ है.

राहुल कुमार भट्ट ने क्या कहा...

रीको के अधिकारियों ने बताया कि आइसर कंपनी के 40 हजार स्क्वायर मीटर के प्लॉट को कैंसिल किया गया. उसमें 23 छोटे प्लॉट बनाए गए. इन प्लॉटों को बेचने से रीको को करीब 17 करोड़ों का राजस्व मिला. इसी तरह से अलवर आलर्स नाम की कंपनी के 40 हजार स्क्वायर मीटर के प्लॉट को कैंसिल किया. उसमें 21 प्लॉट काटे गए. जिनको ई-नीलामी के माध्यम से बेचा गया है.

इसी तरह से अलवर के साउथ जोन में दिल्ली की ई-वेस्ट की एक कंपनी के 32 हजार स्क्वायर मीटर के प्लॉट को 12 करोड़ में बेचा गया. राठी कंपनी के 28 हजार वर्ग मीटर के तीन प्लॉटों को 16 करोड़ में रीको ई-ऑप्शन के माध्यम से बेचा है. इसके अलावा (alwar riico industrial area) रीको ने 6 खाली पड़े हुए प्लॉटों को भी कैंसिल किया है. उनको भी ई नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा.

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हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार : अलवर में बड़ी औद्योगिक इकाइयों ने प्लॉट खरीदे थे, लेकिन उनको काम में नहीं लिया गया उनपर कोई औद्योगिक इकाई नहीं लगाई गई. जिसके चलते प्लॉट खाली पड़ी हुई थी. इन नोटों पर अब छोटी और जब इकाई लगेंगी. इन औद्योगिक इकाइयों में हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा.

रीको की क्या है शर्तें : रीको के अधिकारियों ने कहा कि प्लॉट लेने के बाद कारोबारी व व्यापारियों को 3 साल में उस प्लॉट पर भवन बनाकर मशीन लगानी पड़ती है व मशीन लगाने के बाद कामकाज शुरू करना पड़ता है. अगर किसी कारणवश व्यापारी का कारोबारी कामकाज शुरू नहीं कर पा रही है. इसकी सूचना उनको रीको में देनी पड़ती है और रीको से एक्सटेंशन लेना पड़ता है. इसके लिए अतिरिक्त चार्ज भी व्यापारियों को रिको में जमा कराना पड़ता है. जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, रीको की तरफ से उनको नोटिस जारी होते हैं व नोटिस का भी जवाब नहीं देने पर प्लॉट कैंसिल की प्रक्रिया की जाती है.

पढ़ें : Commercial tax department Action In Alwar: 150 व्यापारियों के बैंक खाते किए सील, करोड़ों का टैक्स चल रहा था बकाया

छोटे व्यापारी हो रहे हैं परेशान : अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों के डिमांड लगातार बढ़ रही है. देश भर से व्यापारी यहां निवेश कर रही हैं. ऐसे में व्यापारियों ने अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों में लौट खरीदें थे, लेकिन उन पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू नहीं की. व्यापारी प्लॉट को बेचकर मोटा फायदा को कमाने के चक्कर में थे. लेकिन रीको ने सभी व्यापारियों को नोटिस भेज दिया है. ऐसे में व्यापारियों की (alwar small traders are facing problem) परेशानी बढ़ गई है.

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