अलवर. राजस्थान के अलवर में मानसिक विकलांग बालिका के साथ हुई घटना के विरोध में लगातार (Protest Against Alwar Atrocity Case) सामाजिक संस्थाएं प्रदर्शन कर रही हैं. अलवर के शहीद स्मारक पर युवा धरना दे रहे हैं. सिख समाज व अन्य सामाजिक संगठनों की तरफ से भी धरना-प्रदर्शन जारी है. गुरुवार को व्यापार मंडल व सर्व समाज की तरफ से एक बैठक की गई. इसमें एक संघर्ष समिति का गठन किया गया. मंडी व्यापारी पप्पू प्रधान को इस संघर्ष समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.
इसके तहत गुरुवार शाम को नंगली सर्किल पर कैंडल मार्च निकाला गया. शुक्रवार को संघर्ष समिति प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देगी. इसके बाद शनिवार को पूरे जिले को बंद करने का फैसला लिया गया है. संघर्ष समिति के अध्यक्ष पप्पू प्रधान ने कहा कि जब तक पीड़िता को न्याय (Alwar Mentally Retired Girl case) नहीं मिलेगा, उनका संघर्ष जारी रहेगा. आगामी कार्यक्रम भी जल्द तय कर लिए जाएंगे. इन कार्यक्रमों से आमजन व शहर के लोग जुड़े इसके प्रयास किए जा रहे हैं.
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पुलिस सरकार के दबाव पर काम कर रही है. इसलिए इस पूरी घटना को हादसे का रूप दिया जा रहा है. व्यापार मंडल व अन्य संगठनों की तरफ से भी इस संघर्ष समिति को पूरा समर्थन देते हुए आगामी कार्यक्रमों में शामिल होने व शनिवार को पूरे जिले को बंद कराने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सीबीआई जांच (CBI Investigation in Alwar Case) शुरू हो. आरोपी गिरफ्तार हो और पीड़िता को न्याय मिले. इस दिशा में संघर्ष समिति काम करेगी. इसके अलावा पीड़िता के परिजनों को आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.
कैंडल मार्च निकाला, सरकार-पुलिस के खिलाफ नारेबाजी...
गुरुवार को संघर्ष समिति बनी तो शाम को ही संघर्ष समिति ने अलवर के नगली सर्किल पर कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में शहरवासी व्यापारी व लोग नजर आए. लोगों की आंखों में गुस्सा था. सरकार व पुलिस के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की. लोगों ने कहा कि अलवर पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर लगातार नए बयान दे रहे हैं. पीड़िता के साथ गलत हुआ है. सरकार के दबाव पर प्रशासन काम कर रहा है. जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा, उनका संघर्ष जारी रहेगा. दूसरी तरफ युवा संगठनों की तरफ से मशाल जुलूस निकाला गया.
युवाओं ने कहा कि अलवर से पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को हटाया जाए. उन्होंने सरकार द्वारा अधिकारियों को पहले से मशाल जुलूस निकालने की चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया. इसलिए युवाओं ने मशाल जुलूस निकाला. पुलिस अधीक्षक आवास व जिला कलेक्टर आवास के सामने सैकड़ों युवाओं ने प्रदर्शन किया तो पीड़िता को न्याय दिलवाने की मांग की.
युवाओं ने कहा कि मुख बधिर बालिका के साथ अन्याय हो रहा है. महिलाओं के साथ अलवर में होने वाली घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यह घटना सबसे अलग है. सरकार व प्रशासन को इसमें ज्यादा गंभीरता दिखानी चाहिए, लेकिन प्रशासन इस पूरे मामले को हादसे का रूप देना चाहता है. इस पूरे मामले में प्रशासन पूरी तरह फेल हुआ है. अलवर की जनता में इस घटना के प्रति आक्रोश देखने को मिलने लगा है. लोगों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. आम शहरवासी युवा व लोग विरोध-प्रदर्शनों से जुड़ने लगे हैं. जल्द ही प्रशासन की तरफ से सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में यह प्रदर्शन उग्र रूप ले सकता है.