अलवर. कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया के नेतृत्व में घर-घर औषधि योजना के तहत बैठक आयोजित हुई. बैठक में नगर परिषद आयुक्त, वन विभाग के अधिकारी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. हर परिवार को 4 औषधीय पौधे जिनमें गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ और तुलसी पौधों का वितरण कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किया जाएगा.
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राज्य सरकार की और लागू की गई इस योजना में राज्य के लगभग एक करोड़ 26 लाख परिवार लाभान्वित होंगे. जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बताया जिले में इस मानसून सत्र में 28 लाख औषधीय पौधे जिनमें तुलसी अश्वगंधा गिलोय और कालमेघ लगाने का राज्य सरकार का टारगेट है. इस मानसून सन में 50 प्रतिशत पौधे लगाए जाएंगे इसके अलावा अगले मानसून सत्र में बचे हुए 50 प्रतिशत पौधे लगाए जाएंगे.
उन्होंने बताया उपखंड स्तर पर भी बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें वन विभाग के अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे. इस कार्य में सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एनसीसी, स्काउट गाइड, पुलिस मित्र व एनएसएस आदि के सहयोग से इस कार्य को किया जाएगा. कलेक्टर ने बताया पहले फेज में सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे. यह चार आयुर्वेदिक पौधे हर घर में होंगे तो उस परिवार का इम्यूनिटी सिस्टम हमेशा मजबूत बना रहेगा. वैसे भी भारत की संस्कृति हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में विश्वास रखती है.
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए मोबाइल वैन सेवा शुरू की गई
अलवर में आज श्री महावीर जैन औषधालय की ओर से लोगों को बीमारियों के प्रति जागरूक करने और रोगियों को उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लिए मोबाइल वैन सेवा शुरू की गई. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ओम प्रकाश मीणा ने हरि झंडी दिखाकर मोबाइल वैन को रवाना किया.
इस दौरान जैन औषधालय के पदाधिकारी सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारीगण मौजूद रहे. कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने तालियां बजा कर मोबाइल वैन को रवानगी दी. मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ओम प्रकाश मीणा ने बताया कि. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार ने जनअनुशासन पखवाड़ा तो कभी त्रिस्तरीय लोकडाउन लागू किया था. जिसमे अधिकतर व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे तो वही जरूरी सेवाओं को खोलने की अनुमति दी गई.
लॉकडाउन में गाइडलाइन की पालना के कारण एक ओर जहा लोग घरों में रहे. मास्क और सेनेटाइज का उपयोग करने से संक्रमण के नये मामलों व संक्रमितों मरीजो की संख्या में तेजी से गिरावट आई है. कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आया है तो यह वक्त लापरवाह होने का नहीं है. पीएमओ ने बताया कि कोरोनकाल के दौरान लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में जाकर डिस्पेंसरी के रूप में मोबाइल वैन के माध्यम से जागरुक किया जाएगा और रोगियों को दवा व उपचार उपलब्ध कराया जाएगा.
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मोबाइल वैन में चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी मौजूद रहेंगे. मोबाइल वैन में दवा व उपकरण होने के चलते मोके पर जाकर लोगों को बिमारियों के लिए उपचार मिल सकेगा. जैन समाज की ओर से लोगों को बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए किया गया प्रयास एक अच्छी पहल साबित होगा.