अलवर: प्रदेश के अलवर शहर में अभी 250 से अधिक कैमरे काम कर रहे हैं. इसमें कुछ कैमरे लाइव हैं. जबकि कुछ रिकॉर्डिंग के आधार पर चलते हैं. अलवर पुलिस की तरफ से इन कैमरों की मदद से कई बड़ी घटनाओं का खुलासा करते हुए वाहन चोरों और बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. हाल ही में राजस्थान की सबसे बड़ी लूट की घटना में भी अलवर के कैमरों ने पुलिस को बदमाशों तक पहुंचाने में मदद की थी.
अलवर में तेजी से बढ़ते क्राइम के ग्राफ को देखते हुए पुलिस अलवर शहर का सर्वे करा रही है. इसमें ऐसी जगहों को चिन्हित किया जाएगा. जहां पर लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं. तेज वाहन चलाते हैं. सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग नहीं करते. इसके अलावा उन जगहों को भी चिन्हित किया जाएगा, जहां वाहन चोरी और लूटपाट की घटनाएं ज्यादा होती हैं. ऐसी जगहों पर हाई रेगुलेशन कैमरे लगाए जाएंगे.
24 घंटे पुलिस कंट्रोल रूम में रहेंगे लाइव
यह कैमरे 24 घंटे पुलिस कंट्रोल रूम में लाइव रहेंगे. इसके अलावा घने कोहरे और आधी रात के अंधेरे में भी यह कैमरे गाड़ी का नंबर और गाड़ी चालक की फोटो खींचकर पुलिस तक पहुंचाने का काम करेंगे. यह कैमरे आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस होंगे. रेड लाइट, सीट बेल्ट और हेलमेट नहीं पहनने वाले लोगों की यह कैमरे फोटो लेकर पुलिस को इसकी जानकारी देंगे. इसका एक प्रस्ताव बनाकर जल्द ही अलवर पुलिस की तरफ से मुख्यालय को भेजा जाएगा.
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पुलिस अधिकारियों की मानें तो अलवर के लिए अब तक कैमरे खासे मददगार साबित हुए हैं. अलवर पुलिस को इन कैमरों की मदद से कई बड़ी घटनाओं में सफलता मिली है. ऐसे में अलवर पुलिस की तरफ से कैमरों पर खासा ध्यान दिया जा रहा है. पुलिस के आला अधिकारियों की मानें तो जल्दी अलवर में ट्रैफिक नियमों का कंट्रोल करने वाले यह कैमरे लग सकते हैं. इन कैमरों के लगने के बाद अलवर में ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो सकेगी.