ETV Bharat / city

अलवर : अधिक वर्षा के कारण प्याज में लगा एंथ्रेक्नोज रोग, 4500 हेक्टेयर में प्याज की फसल खराब

अलवर में लगातार हो रही बारिश के कारण प्याज की फसल में नमी आ गई. इससे प्याज में एंथ्रेक्नोज रोग लग गया. इसे जलेबी रोग भी कहते हैं. 4500 से अधिक हेक्टेयर में प्याज की फसल खराब हो गई है.

Onion crop ruined in Alwar
अलवर में प्याज की फसल खराब
author img

By

Published : Sep 27, 2021, 10:01 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 10:59 PM IST

अलवर. अलवर की प्याज देश-विदेश में लाल प्याज के नाम से जानी जाती है. देश में नासिक के बाद अलवर प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है. अलवर की प्याज देश के अलावा आसपास के देशों में भी सप्लाई होती है. लेकिन इस सीजन में बारिश ने प्याज की फसल को बर्बाद कर दिया है.

भारत हर साल अफगानिस्तान से प्याज खरीदता है. अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद दोनों देशों के बीच लेन-देन का काम बंद हो गया है. ऐसे में इस साल किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिलने की उम्मीद थी. लेकिन प्याज की फसल में लगे रोग ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.

अलवर के प्याज किसानों का दर्द

कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें साल 2020 में अलवर जिले में 18000 हेक्टेयर में प्याज की फसल की बुवाई हुई थी. प्याज से किसान को खासा फायदा हो रहा है. हर साल प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. इसको देखते हुए इस बार अलवर में किसानों ने 23 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में प्याज की बुवाई की है. लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते जिन क्षेत्रों में चिकनी मिट्टी है. वहां प्याज की फसल में एंथ्रेक्नोज रोग लग गया है.

Onion crop ruined in Alwar
अलवर जिले में लगातार हो रही बारिश

अलवर में किसानों ने इस रोग को जलेबी रोग नाम दिया है. जबकि कर्नाटक में इस रोग को डिस्को के नाम से किसान जानते हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लगातार बारिश व पूर्वी हवाओं के चलते वातावरण में नमी होने के कारण प्याज की फसल में एंथ्रेक्नोज रोग लग गया है. इस रोग में पत्ती मुड़ जाती है और कंद सड़ जाता है. इस रोग से बचने के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है.

पढ़ें- अलवर और धौलपुर में पंचायत चुनावः राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया कार्यक्रम

कृषि विभाग ने करीब 30 हजार से ज्यादा पंपलेट ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को बांटे हैं. इसके अलावा लाउडस्पीकर के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का काम चल रहा है. फसल की बुवाई किसान के हजारों रुपए खराब हुए प्याज की फसल की तैयारी लंबे समय से शुरू हो जाती है. किसान पहले बीज तैयार करता है. बीच में भी खासा खर्चा आया था.

Onion crop ruined in Alwar
खेत में सड़ गया प्याज का पौधा

अब प्याज की फसल खराब होने से किसान पूरी तरह से टूट चुका है. अलवर जिले के कुछ क्षेत्र में तो किसानों ने अपनी फसल पर ट्रैक्टर भी चला दिए हैं. फसल को पूरी तरीके से खत्म कर दिया है. हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अगर मौसम साफ होता है, तो फसल में होने वाला नुकसान कम हो सकता है.

किसान रखें यह सावधानी

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसानों को अपनी फसल में लगने वाले इस रोग से बचने के लिए कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 50 प्रतिशत का 3 ग्राम प्रति लीटर पानी लें. मैनकोज़ेब 75 प्रतिशत का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी लें और कार्बेंडाजिम 13 प्रतिशत व मैनकोज़ेब 63 प्रतिशत का 2 ग्राम, एजाकीस्टोरबिन प्रतिशत 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर दवा का अपनी फसलों में छिड़काव करें. साथ ही दूसरा छिड़काव 10 से 15 दिनों के अंतराल में फसलों में किया जाए.

Onion crop ruined in Alwar
किसान फसल में करें दवा का छिड़काव

खेतों में उचित जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाए. ताकि बीमारियों व कीटों के प्रकोप से बचा जा सके. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा अधिक वर्षा व जलभराव के कारण मेड़ों की बही हुई मिट्टी को नमी के सूख जाने पर मेड़ों पर खुरपी की सहायता से मिट्टी चढ़ावें. ताकि खेतों में नमी कम हो सके.

किसानों को हुआ लाखों का नुकसान

अलवर जिले में 4500 हेक्टेयर की फसल खराब हो चुकी है. प्याज की फसल के लिए एक किसान को हजारों लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं. इस हिसाब से अलवर जिले में करोड़ों रुपए की फसल खराब हो चुकी है. कृषि विभाग व प्रशासन की तरफ से इसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी गई है. लेकिन अभी तक खराबे की रिपोर्ट रेवेन्यू विभाग द्वारा नहीं बनाई गई है. किसान लगातार प्याज की फसल को भी बीमा फसलों में शामिल करने की मांग कर रहा है.

पढ़ें- BJP का पलटवार : कृषि कानून को लेकर हो रहा भारत बंद कांग्रेस की छद्म राजनीति..पहले रीट धांधली मामले में इस्तीफा दें डोटासरा

अफगान संकट था आपदा में अवसर

कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत व अफगानिस्तान के बीच आयात निर्यात का काम पूरी तरह से बंद है. हर साल भारत सरकार बड़ी संख्या में अफगानिस्तान से प्याज खरीदती है. इस साल कामकाज बंद होने के कारण अलवर से किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिलने की उम्मीद थी. लेकिन प्याज की फसल में लगे रोग ने किसान की कमर तोड़ दी है.

Onion crop ruined in Alwar
फसल पर ट्रैक्टर चलाते किसान

प्याज में लगने वाला रोग आखिर क्या है

कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि लगातार बारिश होने के कारण जमीन में नमी ज्यादा हो गई है. एंथ्रेक्नोज रोग लग गया है. इसमें फसल में पत्ति मरोड़ विकृति आ जाती है. जिसके चलते प्याज पूरी तरह से खराब हो जाती है. जिन क्षेत्रों में चिकनी मिट्टी है या जमीन में नमी की मात्रा ज्यादा है. उन जगहों पर फसल खराब हुई है. लेकिन अगर बारिश का दौर आगे भी जारी रहा, तो जिले के अन्य हिस्सों में भी फसल खराब हो सकती है.

अलवर. अलवर की प्याज देश-विदेश में लाल प्याज के नाम से जानी जाती है. देश में नासिक के बाद अलवर प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है. अलवर की प्याज देश के अलावा आसपास के देशों में भी सप्लाई होती है. लेकिन इस सीजन में बारिश ने प्याज की फसल को बर्बाद कर दिया है.

भारत हर साल अफगानिस्तान से प्याज खरीदता है. अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद दोनों देशों के बीच लेन-देन का काम बंद हो गया है. ऐसे में इस साल किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिलने की उम्मीद थी. लेकिन प्याज की फसल में लगे रोग ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.

अलवर के प्याज किसानों का दर्द

कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें साल 2020 में अलवर जिले में 18000 हेक्टेयर में प्याज की फसल की बुवाई हुई थी. प्याज से किसान को खासा फायदा हो रहा है. हर साल प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. इसको देखते हुए इस बार अलवर में किसानों ने 23 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में प्याज की बुवाई की है. लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते जिन क्षेत्रों में चिकनी मिट्टी है. वहां प्याज की फसल में एंथ्रेक्नोज रोग लग गया है.

Onion crop ruined in Alwar
अलवर जिले में लगातार हो रही बारिश

अलवर में किसानों ने इस रोग को जलेबी रोग नाम दिया है. जबकि कर्नाटक में इस रोग को डिस्को के नाम से किसान जानते हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लगातार बारिश व पूर्वी हवाओं के चलते वातावरण में नमी होने के कारण प्याज की फसल में एंथ्रेक्नोज रोग लग गया है. इस रोग में पत्ती मुड़ जाती है और कंद सड़ जाता है. इस रोग से बचने के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है.

पढ़ें- अलवर और धौलपुर में पंचायत चुनावः राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया कार्यक्रम

कृषि विभाग ने करीब 30 हजार से ज्यादा पंपलेट ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को बांटे हैं. इसके अलावा लाउडस्पीकर के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का काम चल रहा है. फसल की बुवाई किसान के हजारों रुपए खराब हुए प्याज की फसल की तैयारी लंबे समय से शुरू हो जाती है. किसान पहले बीज तैयार करता है. बीच में भी खासा खर्चा आया था.

Onion crop ruined in Alwar
खेत में सड़ गया प्याज का पौधा

अब प्याज की फसल खराब होने से किसान पूरी तरह से टूट चुका है. अलवर जिले के कुछ क्षेत्र में तो किसानों ने अपनी फसल पर ट्रैक्टर भी चला दिए हैं. फसल को पूरी तरीके से खत्म कर दिया है. हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अगर मौसम साफ होता है, तो फसल में होने वाला नुकसान कम हो सकता है.

किसान रखें यह सावधानी

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसानों को अपनी फसल में लगने वाले इस रोग से बचने के लिए कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 50 प्रतिशत का 3 ग्राम प्रति लीटर पानी लें. मैनकोज़ेब 75 प्रतिशत का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी लें और कार्बेंडाजिम 13 प्रतिशत व मैनकोज़ेब 63 प्रतिशत का 2 ग्राम, एजाकीस्टोरबिन प्रतिशत 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर दवा का अपनी फसलों में छिड़काव करें. साथ ही दूसरा छिड़काव 10 से 15 दिनों के अंतराल में फसलों में किया जाए.

Onion crop ruined in Alwar
किसान फसल में करें दवा का छिड़काव

खेतों में उचित जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाए. ताकि बीमारियों व कीटों के प्रकोप से बचा जा सके. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा अधिक वर्षा व जलभराव के कारण मेड़ों की बही हुई मिट्टी को नमी के सूख जाने पर मेड़ों पर खुरपी की सहायता से मिट्टी चढ़ावें. ताकि खेतों में नमी कम हो सके.

किसानों को हुआ लाखों का नुकसान

अलवर जिले में 4500 हेक्टेयर की फसल खराब हो चुकी है. प्याज की फसल के लिए एक किसान को हजारों लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं. इस हिसाब से अलवर जिले में करोड़ों रुपए की फसल खराब हो चुकी है. कृषि विभाग व प्रशासन की तरफ से इसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी गई है. लेकिन अभी तक खराबे की रिपोर्ट रेवेन्यू विभाग द्वारा नहीं बनाई गई है. किसान लगातार प्याज की फसल को भी बीमा फसलों में शामिल करने की मांग कर रहा है.

पढ़ें- BJP का पलटवार : कृषि कानून को लेकर हो रहा भारत बंद कांग्रेस की छद्म राजनीति..पहले रीट धांधली मामले में इस्तीफा दें डोटासरा

अफगान संकट था आपदा में अवसर

कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत व अफगानिस्तान के बीच आयात निर्यात का काम पूरी तरह से बंद है. हर साल भारत सरकार बड़ी संख्या में अफगानिस्तान से प्याज खरीदती है. इस साल कामकाज बंद होने के कारण अलवर से किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिलने की उम्मीद थी. लेकिन प्याज की फसल में लगे रोग ने किसान की कमर तोड़ दी है.

Onion crop ruined in Alwar
फसल पर ट्रैक्टर चलाते किसान

प्याज में लगने वाला रोग आखिर क्या है

कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि लगातार बारिश होने के कारण जमीन में नमी ज्यादा हो गई है. एंथ्रेक्नोज रोग लग गया है. इसमें फसल में पत्ति मरोड़ विकृति आ जाती है. जिसके चलते प्याज पूरी तरह से खराब हो जाती है. जिन क्षेत्रों में चिकनी मिट्टी है या जमीन में नमी की मात्रा ज्यादा है. उन जगहों पर फसल खराब हुई है. लेकिन अगर बारिश का दौर आगे भी जारी रहा, तो जिले के अन्य हिस्सों में भी फसल खराब हो सकती है.

Last Updated : Sep 27, 2021, 10:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.