अलवर. राजस्थान का रणथंभौर और सरिस्का टाइगर रिजर्व में हर साल लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. रणथंभौर में विदेशी पर्यटकों की संख्या ज्यादा रहती है. एक अक्टूबर से पर्यटन सीजन शुरू हो रहा है. ऐसे में एक अक्टूबर से यह दोनों रिजर्व आम लोगों और पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा.
रणथंभौर और सरिस्का में 50 प्रतिशत विदेशी पर्यटक आते हैं. मानसून सीजन के दौरान एक जुलाई से 30 सितंबर तक रणथंभौर नेशनल पार्क और सरिस्का टाइगर रिजर्व को बंद कर दिया जाता है. एक अक्टूबर से पर्यटन सीजन शुरू होता है. ऐसे में एक अक्टूबर से पर्यटक दोनों रिजर्व में घूम पाएंगे.
बता दें कि सरिस्का में 345 तरह के पक्षी पाए जाते हैं. जबकि 40 तरह के जानवर जिनमें बाघ, चीता, हिरण, बारहसिंघा, चीतल, नीलगाय और अन्य शामिल हैं. 100 से अधिक सांप की प्रजातियां हैं. इसके अलावा बिच्छू खरगोश और अन्य तरह के जानवर भी यहां पाए जाते हैं. जबकि रणथंभौर में इन जानवरों और पक्षियों के साथ भालू भी जंगल क्षेत्र में रहते हैं. यहां बाघों की संख्या ज्यादा है. यहां विदेशी पर्यटक भी अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा आते हैं. हालांकि, कोरोना के चलते 2 साल से विदेशी पर्यटकों की संख्या बिल्कुल खत्म हो चुकी है.
रणथंभौर में सफारी के लिए 10 जोन बने हुए हैं. जबकि सरिस्का में तीन सफारी के रूट हैं. इसके अलावा अलवर का बाला किला बफर जोन में सफारी के लिए दो रूट निर्धारित हैं. जहां लोग सफारी का आनंद ले सकते हैं. जबकि मानसून सीजन में सरिस्का का केवल एक रूट सफारी के लिए खुला हुआ था. बारिश में कीचड़ रहती है. ऐसे में जंगल को बंद कर दिया जाता है. इस साल पूरे प्रदेश में बेहतर बारिश हुई है. इसलिए यहां आने वाले पर्यटक घने जंगल और सफारी का आनंद ले सकेंगे.
सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि एक अक्टूबर से सरिस्का को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. वन विभाग की तरफ से पर्यटन सीजन भी मनाया जाएगा. यहां आने वाले पर्यटकों का स्वागत होगा. कोरोना गाइड लाइन के साथ पर्यटक सफारी का आनंद ले सकेंगे. इसी तरह से रणथंभौर के सभी 10 जोन को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. रणथंभौर में विदेशी पर्यटक आते हैं. कोरोना के चलते अभी विदेशी पर्यटकों की संख्या कम है. वन विभाग की तरफ से पर्यटकों के लिए बेहतर इंतजाम करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
मनाया जाएगा वन्य जीव प्राणी सप्ताह
एक अक्टूबर से सात अक्टूबर तक सरिस्का और रणथंभौर में वन्य जीव प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा. इसके तहत स्कूलों में कार्यक्रम होंगे. निबंध व चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी. इस दौरान घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों का स्वागत वन विभाग की तरफ से किया जाएगा. साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रमोशनल कार्यक्रम भी वन विभाग की तरफ से किए जाएंगे.
पर्यटकों की संख्या पर एक नजर
पर्यटकों की संख्या पर नजर डालें तो साल 2014 15 मई 40 हजार 275 पर्यटकों ने सरिस्का में सफारी का आनंद लिया. साल 2015-16 में 52 हजार 170 पर्यटक ने सफारी से सरिस्का देखा. साल 2016-17 में 52 हजार 205 पर्यटक आए. साल 2017-18 में 50 हजार 265 पर्यटक आए. साल 2018-19 में 46 हजार 313 पर्यटक आए. साल 2019-20 में 44 हजार 828 पर्यटक सफारी में घूमे. साल 2020-21 में 40 हजार 583 पर्यटकों ने सफारी का आनंद लिया.
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पशु पक्षी व जानवरों पर एक नजर
सरिस्का और रणथंभौर में बाघ, बाघिन, पैंथर, लैपर्ड, भालू, नीलगाय, बारहसिंघा, हिरण की संख्या हजारों में हैं. पक्षियों की संख्या भी या अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा है. 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी यहां पाए जाते हैं. सर्दी के मौसम में विदेशी पक्षियों की संख्या भी ज्यादा रहती है. सरिस्का का जंगल अन्य जगह के जंगल से अलग और सुंदर है.
इस साल अधिक पर्यटक आने की है संभावना
वन विभाग को इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा पर्यटक आने की संभावना है. क्योंकि 2 साल से कोरोना के चलते लोग अपने घरों में बंद हैं. ऐसे में इस साल कोरोना का प्रभाव कम होने के कारण बड़ी संख्या में लोग जंगल में सफारी का आनंद देने के लिए रणथंभौर और सरिस्का पहुंच सकते हैं. इसलिए प्रशासन की तरफ से भी बेहतर इंतजाम करने के प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार ने कोविड गाइडलाइन में भी बीते 2 सालों की तुलना में राहत दी है.