अलवर. जिले के गोविंदगढ़ में मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ चिरंजीलाल के परिजनों से मुलाकात करने के लिए भाजपा का प्रतिनिधिमंडल अलवर पहुंचा. परिजनों से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करते हुए पीड़ित परिवार के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की. इसके बाद भाजपा नेताओं ने प्रेस वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए.
उन्होंने कहा कि अलवर में हत्या की कीमत एक हजार रुपये व खेत उजाड़ने की कीमत मात्र तीन हजार रुपये है. अलवर में हुए अपराधों में अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर रहते हैं. जो लोग गिरफ्तार हुए हैं उनमें एक भी मामले में अपराधी को सजा नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि साल 2021-22 के अपराध में 17.23 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे पहले भाजपा की जांच समिति के सदस्यों ने मॉब लिंचिंग में मारे गए चिरंजीलाल के परिजनों से मुलाकात की और पूरा घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी ली.
अलवर बन चुका अपराध की राजधानीः राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अलवर अपराध की राजधानी बन चुका है. हत्या, रंगदारी, गौ तस्करी, लूट, रेप, गैंग रेप सहित सभी मामलों में अलवर पहले स्थान पर है. यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने पुलिस के आंकड़े रखते हुए कहा कि साल 2021-22 में अपराध में 17.23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि साल 2020 की तुलना में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इसके मुकाबले में चालान महज 20 प्रतिशत मामलों में हुए हैं. 30 फीसदी से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं.
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1078 हत्या हुई हैं. लेकिन इनमें से केवल 397 में चालान पेश हुआ है. 527 मामले अभी भी लंबित है. इन मामलों में अनुसंधान चल रहा है. जबकि 154 मामले में एफआर लगाई गई है. अलवर में मॉब लिंचिंग के दौरान लोगों ने पीट-पीटकर एक गरीब व्यक्ति की हत्या कर दी व उसके परिजनों को एक हजार रुपए दिए. वहीं जिस खेत में यह घटना हुई, वो खेत पूरी तरह से बर्बाद हो गया. उस खेत में फसल पैदा करने वाले किसान को तीन हजार रुपए दिए गए. यह सब कुछ पुलिस के सामने हुआ.
उन्होंने कहा कि सरकार मॉब लिंचिंग का कानून बनाने की बात कह रही थी. लेकिन मॉब लिंचिंग का जब बिल सरकार ने राष्ट्रपति के पास भेजा तो उस बिल में कुछ संशोधन होना था, आपत्ति थी. लेकिन सरकार ने उन आपत्तियों को दूर नहीं किया. राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा अलवर के हालात खराब हो चुके हैं. लगातार घटनाएं हो रही हैं. भाजपा सड़क पर उतर कर अपना विरोध दर्ज कराएगी. आने वाले प्रदेश के मानसून सत्र में भी प्रदेश में बढ़ते क्राइम व अलवर का मुद्दा उठाया जाएगा. जालोर की घटना हो या अलवर की सभी मामलों की जिम्मेदारी प्रदेश के मुख्यमंत्री की है. क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम ने विधायकों को मुख्यमंत्री की पावर दे दी है. जिसका वह गलत उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाए कि प्रदेश में ऐसे अधिकारी लगाए गए हैं जो केवल वसूली करने का काम कर रहे हैं. इसीलिए प्रदेश के हालात खराब हो रहे हैं
दो साल में हुई घटनाओं का जिक्र कियाः राजेंद्र सिंह राठौड़ ने अलवर में 2 साल के दौरान हुई घटनाओं का जिक्र किया. इसमें भिवाड़ी में दलित युवक की मॉब लिंचिंग, मुक बधिर बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की घटना सहित अन्य घटनाएं शामिल थी. उन्होंने कहा कि एक भी मामले में पुलिस ने सही जांच नहीं की. रामगढ़ में सिख समाज के ग्रंथि के केस काटे गए. इसके अलावा भी सांप्रदायिक दर्जनों घटनाएं हुई. राठौड़ ने आरोप लगाया है कि सभी मामले में पुलिस ने केवल अपना पल्ला झाड़ा है. वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि अलवर जिले में हजारों मामले ऐसे होते हैं, जिनमें एफआईआर दर्ज नहीं होती हैं.
चतुर्वेदी का आरोप 120 गांव हुए हिंदू विहीनः उन्होंने कहा कि अलवर जिले के 120 गांव ऐसे हैं, जो हिंदू विहीन हो चुके हैं. हिंदू समाज के लोग वहां से पलायन कर चुके हैं. इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रतिनिधि मंडल के तीसरे सदस्य मदन दिलावर ने हमलावरों को आतंकवादी तक कह दिया. उन्होंने कहा कि हत्या के बाद ट्रैक्टर चोरी की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की. इसके बाद भी ट्रैक्टर को थाने में नहीं रखा, उसे तुरंत छोड़ दिया. जबकि घटना के बाद विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मृतक के परिजनों ने शिकायत नहीं दी. ऐसे में साफ है कि पुलिस चला कर इस पूरे मामले में मिली हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के समय पुलिस कर्मी मौजूद थे, लेकिन पुलिस ने हमलावरों को नहीं रोका. जिन लोगों को हिरासत में लिया, उनको स्थानीय नेता के दबाव में छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल अपनी फैक्ट फाइल पेश करेगा. अलवर में भाजपा लंबी लड़ाई लड़ेगी. अलवर में बढ़ते क्राइम के चलते अलवर पूरे देश में बदनाम हो रहा है.
पुलिस पर दर्ज होना चाहिए 302 का मुकदमाः अलवर के सर्किट हाउस में भाजपा वरिष्ठ नेता मदन दिलावर ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में यह पूरी घटना हुई. ऐसे में पुलिस के खिलाफ भी 302 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.
क्या है गोविंदगढ़ लिंचिंग केस : अलवर के गोविंदगढ़ कस्बे के पास एक गांव में 14 अगस्त को मॉब लिंचिंग हुई थी. आरोप है कि 15 से 20 लोगों ने एक सब्जी बेचने वाले व्यक्ति को चोर समझकर (Tractor Thief) बुरी तरह पीटा. इस घटना में चिंरजी लाल नाम का सब्जी वाला गंभीर रूप से घायल हो गया. मामले की सूचना मिलते ही ग्रामीण और परिजन मौके पर पहुंचे. उन्होंने इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया. बाद में हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के बाद गुस्साए परिजन व ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया था और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की थी.