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दिल्ली में वकीलों के साथ मारपीट मामले में अलवर के वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार

दिल्ली में वकीलों और पुलिस के बीच हुए झगड़े में फायरिंग और आगजनी की घटना का पूरे प्रदेशभर के वकील विरोध कर रहे हैं. अलवर में भी इसके विरोध में वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया और नारेबाजी कर रैली निकाली. इसके साथ ही दौसा के वकीलों ने भी घटना का विरोध जताते हुए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की.

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Published : Nov 4, 2019, 5:25 PM IST

अलवर. दिल्ली में वकीलों और पुलिस के बीच झगड़े में फायरिंग और आगजनी की घटना सामने आई थी. जिसके विरोध में सोमवार जिले में वकीलों ने 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल कर कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया. वकीलों ने कोर्ट परिसर में नारेबाजी कर कोर्ट में रैली निकाली और कलेक्ट्रेट और कोर्ट के मुख्य गेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

वकीलों के साथ मारपीट को लेकर प्रदर्शन

वकीलों का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट के वकीलों के समर्थन में उन्होंने कार्य बहिष्कार किया गया है. वकीलों के प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है. कोर्ट में वकीलों की हड़ताल की वजह से आज कोर्ट में कामकाज प्रभावित रहा और परिवादियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कोर्ट पेशी पर आए दूरदराज से परिवादियों को निराश होकर लौटना पड़ा.

पढ़ें- जयपुर : 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' के तहत आमेर पुलिस ने किया तीन नशेड़ियों को गिरफ्तार

अलवर बार एसोसिएशन अध्यक्ष उदय सिंह का कहना है कि जो दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा पुलिस के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस द्वारा वकीलों पर जो बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज व फायरिंग की गई है. उसकी हम घोर निंदा करते हैं और किसी भी पुलिस अधिकारी और उच्च अधिकारी को कोर्ट परिसर के अंदर हथियार लाने की अनुमति नहीं होती है. उसके बावजूद भी हमारे वकील साथी के साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट की गई और हमारे वकीलों की गाड़ियों को आग लगा दिया गया. जिस अधिकारी ने यह कृत्य करने का निर्देश दिया. उस पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है. हम मांग करते हैं कि जल्द से जल्द उन उच्च अधिकारियों के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए.

दौसा में भी प्रोटक्शन एक्ट की मांग के चलते हुआ कार्य बहिष्कार

दौसा अधिवक्ता प्रोटक्शन एक्ट की मांग को लेकर दौसा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश शर्मा के नेतृत्व में सभी अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया और जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों पर हुए हमले और गोली कांड को लेकर ये वकील विरोध जता रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने की मांग की.

दौसा में भी वकीलों के साथ मारपीट के विरोध में कार्य बहिष्कार

पढे़ं- उदयपुरः किसानों पर आफत बन बरसी बारिश, फसल हुई चौपट, अब सरकार ही आखिरी उम्मीद

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश शर्मा ने बताया कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ताओं के ऊपर हुए बर्बरता व कायरता पूर्ण जानलेवा हमले व गोली कांड को लेकर अधिवक्ता समुदाय में रोष व्याप्त हो गया है. यह पहली ऐसी घटना नहीं है जब अधिवक्ताओं पर हमला हुआ है. इससे पहले भी इस तरह के घटनाएं हो चुकी है. जिसको लेकर बार एशोसिएशन दौसा पहले भी कई बार अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने की मांग कर चुका है.

अलवर. दिल्ली में वकीलों और पुलिस के बीच झगड़े में फायरिंग और आगजनी की घटना सामने आई थी. जिसके विरोध में सोमवार जिले में वकीलों ने 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल कर कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया. वकीलों ने कोर्ट परिसर में नारेबाजी कर कोर्ट में रैली निकाली और कलेक्ट्रेट और कोर्ट के मुख्य गेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

वकीलों के साथ मारपीट को लेकर प्रदर्शन

वकीलों का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट के वकीलों के समर्थन में उन्होंने कार्य बहिष्कार किया गया है. वकीलों के प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है. कोर्ट में वकीलों की हड़ताल की वजह से आज कोर्ट में कामकाज प्रभावित रहा और परिवादियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कोर्ट पेशी पर आए दूरदराज से परिवादियों को निराश होकर लौटना पड़ा.

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अलवर बार एसोसिएशन अध्यक्ष उदय सिंह का कहना है कि जो दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा पुलिस के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस द्वारा वकीलों पर जो बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज व फायरिंग की गई है. उसकी हम घोर निंदा करते हैं और किसी भी पुलिस अधिकारी और उच्च अधिकारी को कोर्ट परिसर के अंदर हथियार लाने की अनुमति नहीं होती है. उसके बावजूद भी हमारे वकील साथी के साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट की गई और हमारे वकीलों की गाड़ियों को आग लगा दिया गया. जिस अधिकारी ने यह कृत्य करने का निर्देश दिया. उस पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है. हम मांग करते हैं कि जल्द से जल्द उन उच्च अधिकारियों के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए.

दौसा में भी प्रोटक्शन एक्ट की मांग के चलते हुआ कार्य बहिष्कार

दौसा अधिवक्ता प्रोटक्शन एक्ट की मांग को लेकर दौसा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश शर्मा के नेतृत्व में सभी अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया और जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों पर हुए हमले और गोली कांड को लेकर ये वकील विरोध जता रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने की मांग की.

दौसा में भी वकीलों के साथ मारपीट के विरोध में कार्य बहिष्कार

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बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश शर्मा ने बताया कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ताओं के ऊपर हुए बर्बरता व कायरता पूर्ण जानलेवा हमले व गोली कांड को लेकर अधिवक्ता समुदाय में रोष व्याप्त हो गया है. यह पहली ऐसी घटना नहीं है जब अधिवक्ताओं पर हमला हुआ है. इससे पहले भी इस तरह के घटनाएं हो चुकी है. जिसको लेकर बार एशोसिएशन दौसा पहले भी कई बार अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने की मांग कर चुका है.

Intro:अलवर जिले में आज दिल्ली में वकीलों ओर पुलिस के बीच हुए झगड़े में फायरिंग और आगजनी की घटना के विरोध में आज अलवर जिले में वकीलों ने 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल कर कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया। वकीलों ने आज कोर्ट परिसर में नारेबाजी कर कोर्ट में रैली निकाली और कलेक्ट्रेट और कोर्ट के मुख्य गेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।


Body:वकीलों का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट के वकीलों के समर्थन में आज कार्य बहिष्कार किया गया है और आगामी उनके द्वारा जो निर्देश दिए जाएगा। इसके आधार पर विरोध और कार्य बहिष्कार किया जाएगा।

वकीलों के प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। कोर्ट में वकीलों की हड़ताल की वजह से आज कोर्ट में कामकाज प्रभावित रहा और परिवादियो को परेशानी का सामना करना पड़ा। कोर्ट पेशी पर आए दूरदराज से परिवादीयो को निराश होकर लौटना पड़ा।


Conclusion:अलवर बार एसोसिएशन अध्यक्ष उदय सिंह का कहना है कि जो दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा पुलिस के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस द्वारा वकीलों पर जो बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज व फायरिंग की गई है। उसकी हम घोर निंदा करते हैं। और किसी भी पुलिस अधिकारी व उच्च अधिकारी को कोर्ट परिसर के अंदर हथियार लाने की अनुमति नहीं होती है। उसके बावजूद भी हमारे वकील साथी के साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट की गई और हमारे वकीलों की गाड़ियों को आग लगा दिया गया। लेकिन जिस अधिकारी ने यह कृत्य करने का निर्देश दिया। उस पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। और हम मांग करते हैं कि जल्द से जल्द उन उच्च अधिकारियों के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए। जिन्होंने फायरिंग व लाठीचार्ज के आदेश दिए। इसी को लेकर आज हमने बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया के आह्वान पर व राजस्थान के आवाहन पर आज हमने पूरे न्यायालय में कार्य का बहिष्कार किया है और जो भी ऊपर से हमें निर्देश मिलेंगे उसी के अनुसार कार्य करेंगे।

बाईट- उदय सिंह बार एसोसिएशन अध्यक्ष
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