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सामान्य अस्पताल में मरीजों को मिलेगी सभी विभागों में डॉक्टर की सुविधा, पर्ची के लिए नहीं लगेगी लाइन

जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया की अध्यक्षता में मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक हुई. इसमें मरीजों के हितों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए. जिला कलेक्टर ने कहा कि मरीज के परिजनों को बेहतर भोजन मिले, इसके लिए सरकार से इंदिरा रसोई अस्पताल परिसर में शुरू कराने की मांग की गई है. अगर मंजूरी नहीं मिलती है तो शहर में चलने वाली इंदिरा रसोई को अस्पताल परिसर में शिफ्ट किया जाएगा, जिससे 8 रुपए में मरीज के परिजनों को बेहतर खाना मिल सके.

medical relief society meeting, alwar news
सामान्य अस्पताल में मरीजों को मिलेगी सभी विभागों में डॉक्टर की सुविधा
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Published : Mar 25, 2021, 10:08 AM IST

अलवर. जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया की अध्यक्षता में मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक हुई. इसमें मरीजों के हितों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए. जिला कलेक्टर ने कहा कि मरीज के परिजनों को बेहतर भोजन मिले, इसके लिए सरकार से इंदिरा रसोई अस्पताल परिसर में शुरू कराने की मांग की गई है. अगर मंजूरी नहीं मिलती है तो शहर में चलने वाली इंदिरा रसोई को अस्पताल परिसर में शिफ्ट किया जाएगा, जिससे 8 रुपए में मरीज के परिजनों को बेहतर खाना मिल सके. अस्पताल में कई डॉक्टरों के पद खाली हैं. सीएचसी व पीएचसी में तैनात अन्य डॉक्टरों से उन पदों को भरा जाएगा, जिन विशेषज्ञों की आवश्यकता है. उसके लिए निजी अस्पतालों की मदद ली जाएगी. मेडिकल रिलीफ सोसायटी की तरफ से विशेषज्ञों के डॉक्टरों को उसके लिए परामर्श शुल्क दिया जाएगा.

सामान्य अस्पताल में मरीजों को मिलेगी सभी विभागों में डॉक्टर की सुविधा...

पढ़ें: गहलोत सरकार पर विधायकों के साथ आवास आवंटन में भेदभाव का आरोप, बीजेपी नेता ने स्पीकर को लिखा पत्र

साथ ही, मरीज के बेड पर बिछने वाली चादर के संबंध में भी कई तरह की शिकायतें मिल रही थी. इस पर ठेकेदार को बुलाकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं. दरअसल, गीली चादर मरीजों तक पहुंच रही थी और चादर की बेहतर धुलाई नहीं हो पा रही थी. जिला कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल के ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों को लंबी कतार में पर्ची बनवाने के लिए लगना पड़ता है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त खिड़कियां शुरू की गई है. लेकिन, उसके बाद भी लंबी कतार लग रही है. ऐसे में कुछ ईमित्र संचालकों को चिन्हित किया जा रहा है. अब ईमित्र पर भी मरीज इलाज की पर्ची बनवा सकेंगे.

ई-मित्र संचालक को दो रुपए प्रति के हिसाब से दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अस्पताल में सोलर की व्यवस्था भी की जा रही है. इसके लिए सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने पर काम चल रहा है, जिससे बिजली की बचत हो सके. साथ ही ऑपरेशन थिएटर व ओपीडी में जिन उपकरणों की आवश्यकता है. उनको खरीदने के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया गया है. उन्होंने कहा सुविधा सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. उसके लिए निजी लैब अस्पतालों से कांटेक्ट किया जाएगा, जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके. साथ ही अस्पताल में लगातार सुविधाएं बेहतर हो रही है. अस्पताल प्रशासन की तरफ से भी इस ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

कोरोना का बढ़ता खतरा...

अलवर. देश में लगातार कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है। कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आया है. कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही उसे शहर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. पहले की बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा, जो लोग कोरोना की जांच नहीं करा कर आ रहे हैं. बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर इन लोगों की जांच की जाएगी साथ ही जिले के प्रवेश रास्तों पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार वाहनों की जांच पड़ताल कर रही है. आने जाने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट चैक की जा रही है. जिला कलेक्टर ने कहा कि अगर किसी कारण से किसी व्यक्ति के घर अगर लोग बिना कोरोना की जांच कराए बिना आते हैं, तो उसकी जानकारी प्रशासन को दी जाए, जिससे उनकी कोरोना जांच कराई जा सके. मांगलिक कार्यों में भी सरकार व प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करना होगा.

अलवर. जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया की अध्यक्षता में मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक हुई. इसमें मरीजों के हितों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए. जिला कलेक्टर ने कहा कि मरीज के परिजनों को बेहतर भोजन मिले, इसके लिए सरकार से इंदिरा रसोई अस्पताल परिसर में शुरू कराने की मांग की गई है. अगर मंजूरी नहीं मिलती है तो शहर में चलने वाली इंदिरा रसोई को अस्पताल परिसर में शिफ्ट किया जाएगा, जिससे 8 रुपए में मरीज के परिजनों को बेहतर खाना मिल सके. अस्पताल में कई डॉक्टरों के पद खाली हैं. सीएचसी व पीएचसी में तैनात अन्य डॉक्टरों से उन पदों को भरा जाएगा, जिन विशेषज्ञों की आवश्यकता है. उसके लिए निजी अस्पतालों की मदद ली जाएगी. मेडिकल रिलीफ सोसायटी की तरफ से विशेषज्ञों के डॉक्टरों को उसके लिए परामर्श शुल्क दिया जाएगा.

सामान्य अस्पताल में मरीजों को मिलेगी सभी विभागों में डॉक्टर की सुविधा...

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साथ ही, मरीज के बेड पर बिछने वाली चादर के संबंध में भी कई तरह की शिकायतें मिल रही थी. इस पर ठेकेदार को बुलाकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं. दरअसल, गीली चादर मरीजों तक पहुंच रही थी और चादर की बेहतर धुलाई नहीं हो पा रही थी. जिला कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल के ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों को लंबी कतार में पर्ची बनवाने के लिए लगना पड़ता है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त खिड़कियां शुरू की गई है. लेकिन, उसके बाद भी लंबी कतार लग रही है. ऐसे में कुछ ईमित्र संचालकों को चिन्हित किया जा रहा है. अब ईमित्र पर भी मरीज इलाज की पर्ची बनवा सकेंगे.

ई-मित्र संचालक को दो रुपए प्रति के हिसाब से दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अस्पताल में सोलर की व्यवस्था भी की जा रही है. इसके लिए सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने पर काम चल रहा है, जिससे बिजली की बचत हो सके. साथ ही ऑपरेशन थिएटर व ओपीडी में जिन उपकरणों की आवश्यकता है. उनको खरीदने के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया गया है. उन्होंने कहा सुविधा सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. उसके लिए निजी लैब अस्पतालों से कांटेक्ट किया जाएगा, जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके. साथ ही अस्पताल में लगातार सुविधाएं बेहतर हो रही है. अस्पताल प्रशासन की तरफ से भी इस ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

कोरोना का बढ़ता खतरा...

अलवर. देश में लगातार कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है। कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आया है. कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही उसे शहर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. पहले की बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा, जो लोग कोरोना की जांच नहीं करा कर आ रहे हैं. बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर इन लोगों की जांच की जाएगी साथ ही जिले के प्रवेश रास्तों पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार वाहनों की जांच पड़ताल कर रही है. आने जाने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट चैक की जा रही है. जिला कलेक्टर ने कहा कि अगर किसी कारण से किसी व्यक्ति के घर अगर लोग बिना कोरोना की जांच कराए बिना आते हैं, तो उसकी जानकारी प्रशासन को दी जाए, जिससे उनकी कोरोना जांच कराई जा सके. मांगलिक कार्यों में भी सरकार व प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करना होगा.

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