अलवर. जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने शनिवार को राजस्थान के मुख्य सचिव के निर्देश पर अलवर जिला अस्पताल का निरीक्षण किया. कलेक्टर ने खामियां और व्यवस्था को सुधारने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. पत्रकारों से बातचीत में जिला कलेक्टर ने बताया कि मुख्य सचिव प्रत्येक शनिवार को हर जिला कलेक्टर को नया टास्क देते हैं और वह टास्क पूरा करना होता है. वहां का निरीक्षण कर वहां की फोटोग्राफी एवं वीडियो मुख्य सचिव को अपलोड की जाती है.
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उन्होंने बताया कि अलवर जिला अस्पताल की इमरजेंसी सेवाएं एक्स-रे और सोनोग्राफी कक्ष का निरीक्षण किया गया. इमरजेंसी सेवाओं में दो डॉक्टरों की ड्यूटी है दोनों डॉक्टर मौजूद पाए गए. एक्स-रे रूम भी खुला पाया गया. लेकिन सोनोग्राफी कक्ष बंद पाया गया. इस संबंध में जानकारी मिली कि ऑन कॉल डॉक्टर को या टेक्नीशियन को बुलाया जाता है तो उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि सोनोग्राफी कक्ष भी खुला रहना चाहिए. किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं हो तत्काल गंभीर बीमारी में जांच और डॉक्टर की सेवाएं 24 घंटे रहनी चाहिए.
इसके लिए उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं. कलेक्टर जिला अस्पताल के निरीक्षण करने के लिए कई बार आ चुके हैं और उसके बाद यहां काफी सुधार हुआ है. राज्य सरकार के भी सख्त निर्देश है कि संवेदनशील और जवाबदेही प्रशासन होना चाहिए. इधर जयपुर संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा भी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद रहेंगे तो जनता को कोई परेशानी नहीं होगी और अधिकारियों को जनता से मिलना चाहिए.