अलवर. कोरोना का प्रभाव अब इंसानों के साथ-साथ जानवरों में भी नजर आने लगा है. ऐसे में महामारी का खतरा कई गुना बढ़ गया है. देश में हैदराबाद जू के बाद अहमदाबाद और गुरुवार को ही जयपुर के नाहरगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क में एक बाघ में कोरोना का संक्रमण मिला है. हालांकि वन विभाग की तरफ से सैंपल दोबारा जांच के लिए बरेली भेजे जाएंगे. लेकिन वन विभाग ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है.
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सरिस्का, रणथंभौर, मुकुंदरा सहित सभी क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने व सावधानी बरतने के लिए कहां गया है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरिस्का बाघ परियोजना के अंदर बसे कोर एरिया के गांवों में जाकर वन विभाग व पुलिस प्रशासन की तरफ से फ्लैग मार्च निकाला गया. गांव के लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है कि कोई भी बिना वजह बाहर घूमता देखा गया तो 15 दिन के लिए क्वोरिटाइन किया जाएगा.
साथ ही सभी तरह के मवेशियों पर भी पाबंदी लगाई गई है. सबसे कहा गया है कि अपने मवेशियों को घर पर ही रखें. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा वन्य जीव को बचाना हमारी प्राथमिकता है. इसके अलावा सरिस्का बाघ परियोजना में बॉर्डर होमगार्ड व वन कर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है. 24 घंटे लगातार पैदल व बाइक से जंगल क्षेत्र में वन कर्मी गश्त कर रहे हैं. जानवरों के पानी पीने की जगह पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसके अलावा भी कई तरह के कदम एहतियातन उठाए गए हैं.
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जानवरों को संक्रमण से बचाने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों को जंगल में बने वाटर होल्स के पानी को नहीं छूने के निर्देश दिए गए हैं. और साथ ही गांव वालों को घर से बाहर नहीं निकलने के भी संकेत दिए हैं. हालांकि अभी सरिस्का प्रशासन ने वन्य जीव को कोरोनावायरस से खतरा नहीं बताया है.
सरिस्का के सीसीएफ आर एन मीणा ने कहा कि मुख्यालय से मिल रहे निर्देश के अलावा भी बाघ व अन्य वन्य जीवो पर नजर रखी जा रही है. एहतियातन कई कदम उठाए गए हैं. ग्रामीणों को जागरूक किया गया है. उनको घर में रहने की सलाह दी गई है. रिजर्व क्षेत्र और उसके आस-पास बसे गांवों में सरिस्का की टीमें लगातार 24 घंटे गश्त कर रही हैं.