अलवर. त्योहार के मौके पर स्वास्थ्य विभाग मिलावट रोकने का दावा करता है. लेकिन उसके बाद भी हर साल खाद्य पदार्थों में जमकर मिलावट (Adulteration in food items) की जाती है. दिवाली के मौके पर स्वास्थ्य विभाग ने खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए थे. इनमें से बड़ी संख्या में सैंपल जांच में फेल हो गए. अब विभाग कार्रवाई करने की बात कह रहा है. जबकि बाजार में सामान बिक चुका है. सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण मिलावट खोर खुलेआम मिलावट कर रहे हैं.
दिवाली के मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले से कुल 121 सैंपल लिए थे. इसमें से 110 सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी है. इनमें 21 नमूने सब्सटेंडर्ड के मिले हैं. जबकि चार सैंपल अनसेफ मिले हैं. खाद्य विभाग की धारा 40/2 के तहत सभी को नोटिस दिया जाएगा व उनको पक्ष रखने के लिए समय दिया जाएगा. निर्धारित समय में अपना पक्ष नहीं रखने पर न्यायालय में चालान पेश होगा व आगे की कार्यवाही की जाएगी. इस प्रक्रिया में अभी खासा समय लगेगा. उसके बाद भी मामले न्यायालय में लंबित रहते हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने लिए थे सैंपल
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दिवाली के मौके पर दूध, दूध से बनी हुई मिठाई, तेल, मसाले, कोल्ड ड्रिंक, चिप्स सहित अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे थे. खाद्य पदार्थों की जांच होने में समय लगता है. अलवर की लैब में अलवर के अलावा भरतपुर, धौलपुर, करौली सहित आसपास के 5 से 6 जिलों से खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच के लिए आते हैं. इसलिए अन्य जगहों के तुलना में अलवर लैब की रिपोर्ट आने में 2 से 3 महीने का समय लगता है. मिलावट खोरों के खिलाफ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की तरफ से सख्त कदम नहीं उठाई जाते हैं. इसके चलते मिलावटखोरों के हौसले भी बुलंद हो रहे हैं.