अलवर. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान में आए दिन शिकारियों की हलचल और बाघों की मौत के मामले सामने आते हैं. इसके कारण से जिसका देशभर में बदनाम हो रहा था और पर्यटकों की संख्या तेजी से यहां कम हो रही है.
ऐसे में सरिस्का प्रशासन की मांग पर सरिस्का में 108 बॉर्डर होमगार्ड तैनात किए गए हैं. बाड़मेर और गंगानगर से इन बॉर्डर होमगार्ड को भेजा गया है. सरिस्का की काकवाड़ी, क्रास्का और करणावास में गंगानगर से आए 54 बोर्ड होमगार्ड लगाए गए हैं. इसी तरह से ताल वृक्ष के रामपुर देवरा चौकी पर 15 अकबरपुर में लाकडी सिली वेरी चौकी पर 24 रेंज टेलर के नाका पर 11 अलवर शहर में संवेदनशील इलाका सिरावास पर 10 बॉर्डर होमगार्ड लगाए गए हैं. यह होमगार्ड बाड़मेर से अलवर आए हैं. सभी बॉर्डर होमगार्ड एसएलआर सहित आधुनिक हथियारों से लैस है.
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बता दें, कि बॉर्डर होमगार्ड मिलने से सरिस्का में अवैध खनन तस्करी सहित अतिक्रमण पर भी रोक लग सकेगी. लंबे समय से सरिस्का में बॉर्डर होमगार्ड की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, लेकिन राजनीति के चलते सरिस्का को बॉर्डर होमगार्ड नहीं मिल पा रहे थे. ऐसे में लंबे समय बाद बॉर्डर होमगार्ड मिलने से एक बार फिर सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में यहां पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकती है.