अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने विभिन्न मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. सोमवार को अपने आवास पर प्रेसवार्ता में देवनानी ने कहा कि अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए गहलोत ने लोकलुभावन बजट पेश किया, जो कभी धरातल पर नहीं उतरेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत ने राजस्थान को पिछले तीन वर्षों में कर्जे से लाद दिया है.
देवनानी ने गहलोत पर निशाना साधते हुए (Vasudev Devnani reaction on state budget) कहा कि प्रांत के बजट में पूर्व में 100 करोड़ रुपए एसटी-एससी आयोग का बजट रखा था. पूर्व में 500 करोड़ किया गया. इस बार 100 करोड़ रुपए में से एक पैसा खर्च नहीं हुआ. पर्यटन के लिए 500 करोड़ रुपए बजट रखा गया था, उसे 1 हजार करोड़ किया गया. 500 करोड़ रुपए में से एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ. यह बजट केवल घोषणाओं का बजट है, जो कभी पूरा नही होगा.
कर्ज में राजस्थान: देवनानी ने कहा कि सवा लाख करोड़ रुपए की बजट में घोषणाएं की गई हैं. जबकि रेवेन्यू के अंदर सरकार ने केवल 13 हजार रुपए की वृद्धि ही बताई है. पिछले राजस्व की वसूली ही नहीं हुई. दिसंबर तक केवल 63 प्रतिशत राजस्व की वसूली हो पाई. अब 116 प्रतिशत कैसे वसूली हो जाएगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान को कर्जे में डुबोया जा रहा है. राजस्थान पर साढ़े पांच लाख करोड़ का कर्ज है. इस आधार पर प्रत्येक परिवार पर साढ़े तीन लाख रुपए कर्ज है.
एक लाख युवाओं को कैसे देंगे नौकरी : देवनानी ने कहा कि प्रदेश में युवा बेरोजगारी से परेशान है. सरकार ने दावा किया है कि 1 लाख युवाओं को नौकरियां दी गई है. जबकि हकीकत यह है कि तीन वर्षों में 39 हजार युवाओं को नौकरी दी गई. अब फिर 1 लाख युवाओं को नौकरियां देने का दावा किया गया है. 1 वर्ष में कैसे नौकरियां दे पाएंगे. संविदाकर्मियों को नियमित करने का कोई प्रावधान बजट में नहीं रखा गया है. प्रदेश में बेरोजगारी बढ़कर 27 प्रतिशत पहुंच गई है. जबकि देशभर की बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत है. प्रदेश में साढ़े 22 लाख युवा वे बेरोजगार हैं जो स्नातक कर चुके हैं. उनके विषय में बजट में कुछ नहीं है.
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महंगाई कैसे हो कम : देवनानी ने कहा कि सर्वाधिक महंगी बिजली राजस्थान में है और सर्वाधिक वैट पेट्रोल-डीजल पर राजस्थान में लिया जा रहा है. इसके रहते प्रदेश में महंगाई कम कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा कि गहलोत केवल मोदी सरकार को कोसते हैं. जबकि आंकड़े बता रहे हैं कि बीजेपी के शासन में केंद्र से 20 हजार करोड़ का अनुदान मिला. वर्तमान कांग्रेस सरकार को 45 हजार करोड़ का अनुदान मिला है. बावजूद इसके गहलोत, केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हैं. बजट में वह घोषणाएं की गई हैं जो कभी पूरी नहीं हो सकतीं. देवनानी ने कहा पिछली गहलोत सरकार में नंबर वन सीएम कहलाते थे, लेकिन सिमटकर 21 सीटों पर रह गए. इस बार 11 सीटों पर सिमटकर रह जाएंगे.
अजमेर से इस बार सौतेला व्यवहार किया : देवनानी ने कहा कि बजट में केकड़ी को ही अजमेर मान लिया गया है. मसूदा और किशनगढ़ विधानसभा को बजट में कुछ नहीं मिला. अजमेर के साथ गहलोत ने बजट में सौतेला व्यवहार किया है. अजमेर नगर निगम के 80 वार्डों की सड़कें खुदी हुई हैं. आए दिन हादसे हो रहे हैं. विधानसभा में भी मैंने मांग उठाई, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया. स्थानीय प्रशासन भी नहीं सुनता. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अजमेर के लिए बजट में जो घोषणाएं हुई थीं, वह एक भी पूरी नहीं हुई. पूर्व बजट में घोषणा की गई थी कि अजमेर में पब्लिक हेल्थ कॉलेज, राजस्थान आयुष अनुसंधान केंद्र, ट्रॉमा सेंटर, आयुर्वेद योग और नेचुरोपैथी का एकीकृत महाविद्यालय, मल्टीपरपज इनडोर हॉल, विशेष योग्यजन आवासीय स्कूल, हॉस्पिटल मैनेजमेंट सेंटर इन घोषणाओं में एक भी धरातल पर दिखाई नहीं दे रही है.