हैदराबाद (डेस्क) : बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ने के कारण डेंगू और मलेरिया के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. वायरल बुखार में हल्के लक्षण होते हैं, लेकिन डेंगू में ऐसा नहीं है. डेंगू में कई बार गंभीर लक्षण दिखते हैं, जो खतरनाक हो सकते हैं.
डेंगू बुखार कैसे होता है? : जनरल फिजिशियन डॉ. राजेश वुक्काला बताते हैं कि डेंगू बुखार टाइगर मच्छर के दिन में काटने से होता है. इस मच्छर के काटने के एक हफ्ते बाद अचानक 104 डिग्री तक बुखार हो जाता है. ठंडक, खराश, आंखों में दर्द, खुजली वाली त्वचा जैसे लक्षण दिखते हैं. दूसरे चरण में, बुखार कम होने के दो दिन बाद तक श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC) और प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं. यह भी वायरल बुखार की तरह ही है. 100 में से केवल 5 ही गंभीर मामले होंगे. यदि किसी व्यक्ति को एक बार डेंगू हो गया हो और उसे दोबारा डेंगू हो जाता है तब मामला गंभीर हो जाता है.
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ये गंभीर लक्षण दिखें तो हो जाएं अलर्ट :
- पेट में सूजन, पेट में दर्द, थकान
- रक्तचाप में गिरावट, बेहोशी
- उल्टी करना
- ठंडे हाथ और पैर
- चिड़चिड़ापन
- मसूड़ों जैसे हिस्सों से खून निकलना
- त्वचा पर लाल धब्बे
डेंगू बुखार होने पर आपको दवाओं का पूरा डोज लेना चाहिए. इस दौरान पेन किलर्स का सेवन नहीं करना चाहिए. डेंगू रक्तचाप को कम करता है. कभी-कभी रक्तस्राव भी होता है. ऐसी स्थितियों से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए. रक्त परीक्षण से पता चल सकता है कि आपको डेंगू है या नहीं. बुखार कम होने के बाद अगर मसूड़ों से खून आना, पेट में दर्द या उल्टी जैसे लक्षण हों तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए. बुखार आने पर तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए, यह रक्तचाप को गिरने से रोकता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भोजन और फलों का सेवन करना चाहिए. प्लेटलेट्स तभी चढ़ाना चाहिए जब प्लेटलेट्स 10-20 हजार से कम हो जाएं. डेंगू से ठीक होने के बाद व्यक्ति कई हफ्तों तक थकान और कमजोरी महसूस करता है, इसलिए पूरा आराम करना जरूरी है. हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है. : डॉ. राजेश, जनरल फिजिशियन