जोधपुर: स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने आरएएस प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में कहा है कि पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए. खींवसर का बयान ऐसे समय में आया है जब जयपुर से इस मामले की जांच करने के लिए डॉक्टरों की टीम जोधपुर आई हुई है. इतना ही नहीं पुलिस बिना जांच के एफआईआर दर्ज करने के लिए बिश्नोई के परिजनों को इंकार कर चुकी है. जबकि स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि पुलिस को एफआईआर दर्ज कर लेनी चाहिए, जिससे जांच हो सके.
शनिवार को जोधपुर आए स्वास्थ्य मंत्री ने एयरपोर्ट पर बयान दिया कि कई मुझे पता नहीं कि क्या हुआ था. कई बार ड्रग रिएक्शन भी हो जाता है. केस में एफआईआर दर्ज कर देना चाहिए. इनवेस्टीगेशन के बाद ही पता चलेगा कि लापरवाही हुई या नहीं. ज्ञात रहे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और प्रदेश सरकार की डॉक्टरों पर लापरवाही के मामले दर्ज करने को लेकर जारी एसओपी के तहत चिकित्सकीय जांच में लापरवाही पाने पर ही एफआईआर दर्ज हो सकती है. लेकिन चिकित्सा मंत्री खींवसर एफआईआर दर्ज कर जांच की बात कर रहे हैं.
घंटों तक एम्स में दस्तावेज देखे: इधर जयपुर से आए तीन डॉक्टर और एम्स के दो डॉक्टरों की टीम ने एम्स में इस प्रकरण को लेकर घंटों तक दस्तावेज देखे. डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ भारती सारस्वत भी इस मामले की जांच रिपोर्ट लेकर एम्स पहुंची थी. शाम करीब साढे पांच बजे हाईलेवल कमेटी वसुंधरा अस्पताल पहुंची. कमेटी के सदस्यों ने किसी तरह का बयान नहीं दिया. अस्पताल में कमेटी के पहुंचने से पहले पुलिस का जाब्ता भी तैनात किया गया.
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कल देनी है सरकार को रिपोर्ट: सरकार द्वारा गठित कमेटी को अपनी रिपोर्ट रविवार को सरकार को देनी है. कमेटी के सदस्य परिजनों से भी मिलेंगे. इसके बाद जयपुर में अपनी रिपोर्ट देंगे. जबकि जिला कलेक्टर के आदेश पर स्थानीय मेडिकल कॉलेज स्तर पर गठित कमेटी अपनी रिपोर्ट में किसी तरह की जानबूझ कर लापरवाही नहीं होना बता चुकी है. साथ ही इस कमेटी ने विस्तृत जांच की सिफारिश की थी. जिस पर सरकार ने कल ही कमेटी बनाई जिसमें एसएमएस के तीन और दो डॉक्टर जोधपुर एम्स के शामिल किए गए हैं. आरएएस प्रियंका बिश्नोई का वसुंधरा अस्पताल में उपचार हुआ था. तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अहमदाबाद रेफर किया गया था. जहां उनकी बुधवार को मौत हो गई थी.