अजमेर. विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 809वें उर्स में कुल की रस्म सोमवार को अदा की गई. इस मौके पर दरगाह में शादियाने बजाए गए और बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप के गोले दागे गए. कुल की रस्म के साथ ही उर्स ही सम्पन्न हो गया.
ख्वाजा साहब के उर्स के कुल रस्म आज हुई. इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से अकीदतमंद पहुंचे. अकीदतमंदों ने रात्रि से ही दरगाह परिसर में कुल के छीटें लगाने शुरू कर दिए. वहीं सुबह शादियाने बजाए गए. दरगाह को केवड़ा, गुलाबजल से धोया गया, इस पानी को अकीदतमंद बोतलों में भरकर अपने साथ भी लेकर गए.
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खादिम सैयद रागिब चिश्ती ने बताया कि सुबह खादिम ने ख्वाजा साहब की मजार को गुसल दिया. इसके बाद अकीदतमंदों ने भी मजार के बाहर गुसल दिया और इस पानी को भी अपने साथ लेकर गए.