अजमेर. कोरोना संक्रमण ने आज पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है. वहीं, बड़े-बड़े देशों के कई व्यवसाय और उपक्रम भी इस वजह से लगभग बंद पड़े हैं. कोरोना काल में लोगों की दिनचर्या, स्वास्थ्य, जीवन सब कुछ कोरोना और उससे संबंधित चीजों के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई है. अब ऐसे में भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों के समक्ष राजनीतिक व्यवस्था की निरंतरता को बनाए रखने के लिए चुनाव करवाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.
यूं तो देशवासियों ने कई बार कई तरह की समस्याओं को हरा कर चुनाव को सफल बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया है. पर इस बार दुश्मन अदृश्य है, इसलिए इससे कैसे बचना है ये भी लोगों को सोचना है. चुनाव तो चुनाव है, चाहे देश की संसद का हो या किसी ग्राम पंचायत का या फिर राजनीति की शुरुआती सीढ़ी माने जाने वाले छात्र संघ चुनाव का. छात्र संघ चुनावों के जरिए राजनीतिक करियर बनाने वाले नव युवा भी अपनी इस समस्या के समाधान की आस लगाकर बैठे हैं.
दिग्गज नेताओं की छात्र संघ चुनाव को लेकर रायः
हमने जब शहर के दिग्गज प्रतिनिधियों से इस पूरे मामले में बात की तो उन्होंने भी कहा कि छात्र संघ चुनाव में कई प्रकार की समस्याएं तो पहले भी आई है, लेकिन किसी ना किसी तरह से उनका समाधान भी निकला है. इस बार भी उम्मीद है कि कोरोना को भी देश का युवा मतदाता मात दे ही देगा. जिसके लिए कुछ उपाय भी उन्होंने सुझाए हैं. नेताओं के अनुसार हम ऑनलाइन पोलिंग एप के माध्यम से चुनाव को करवा सकते हैं. वहीं कुछ का मानना है कि पोस्टल बैलेट पेपर से भी चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं. वहीं, कुछ बेहद आशावादी लोगों का मानना है कि आने वाले है ऐसे में एक दो महीने बाद देश के हालात इतने तो सुधर ही जाएंगे कि सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से कॉलेजों में ही छात्रसंघ चुनाव करवाए जा सकते हैं.
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पूर्व शिक्षा मंत्री बोलेः
अजमेर उत्तर से विधायक और पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह तो निश्चित है कि छात्र संघ चुनाव 2020 कोरोना काल की भेंट चढ़ चुका है. इस वजह से काफी लोगों का नुकसान भी हुआ है. ऐसे में नए छात्र जो राजनीति में कदम रखने वाले थे उनके लिए काफी बड़ी समस्या इस बार सामने आई है. जिस तरह का जोश हर बार देखने को मिलता था वह इस बार देखने को नहीं मिल पाएगा, क्योंकि सभी शैक्षिक गतिविधियां फिलहाल बंद है. जिसका असर छात्र संघ चुनाव पर पूरी तरह से दिख रहा है.
पूर्व मंत्री भाटी की प्रतिक्रियाः
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ललित भाटी ने कहा की जिस तरह से कई राजनीतिक पार्टियों की ओर से वर्चुअल रैलियां निकाली जा रही है उसको देखते हुए ई-बैलट के माध्यम से भी छात्र संघ चुनाव करवाए जा सकते हैं. भाटी ने कहा कि छात्र संघ चुनाव को लेकर जिस तरह का माहौल जुलाई से ही कॉलेजों में शुरू हो जाता था इस बार शैक्षणिक सत्र नहीं चलने के कारण किसी भी तरह की तैयारी नहीं की गई है. वहीं, छात्र संघ चुनाव को लेकर किसी भी तरह की राजस्थान सरकार की ओर से गाइडलाइन को भी अभी तक जारी नहीं किया गया है. इसलिए यह पूर्ण रूप से निश्चित है कि इस बार छात्रसंघ चुनाव अगस्त में नहीं होंगे.
ABVP के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष की प्रतिक्रियाः
अजमेर शहर के विधि महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रचित कच्छावा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि छात्र संघ चुनाव होते तो भी महाविद्यालयों में सूनापन नजर आएगा. क्योंकि इस बार सरकार की ओर से परीक्षाओं को लेकर अभी तक कोई फैसला जारी नहीं किया गया है. वहींं, छात्र संघ चुनाव को लेकर जिस तरह से युवा नेताओं की आस थी वह जमीन पर धराशाई होती हुई नजर आ रही है.
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NSUI के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष की प्रतिक्रियाः
इसके साथ ही NSUI अजमेर शहर में महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील लारा ने छात्र संघ चुनाव को लेकर कहा कि राजस्थान सरकार छात्र संघ चुनाव को लेकर काफी गंभीर है. अभी तक राजस्थान सरकार की ओर से कॉलेजों को खोलने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं. इसको देखते हुए लगता है कि इस बार छात्र संघ चुनाव नहीं हो पाएंगे.
छात्र नेता लोकेश शर्मा ने कहा कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव करवाए जा रहे हैं, वर्चुअल रैलियों को निकाला जा रहा है उसी आधार पर छात्र संघ चुनाव भी करवाए जा सकते हैं, लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को देखते हुए तो लगता है कि इस बार छात्र संघ चुनाव सूना ही रहने वाला है.
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दयानंद महाविद्यालय में लगभग 3 से 4 हजार छात्र हैं. सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में लगभग 8 हजार विद्यार्थी हैं. वहीं, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में 12 सौ छात्र हैं. राजकीय कन्या महाविद्यालय में 2 हजार छात्राएं हैं. राजकीय विधि महाविद्यालय अजमेर में 450 विद्यार्थी हैं. श्रमजीवी महाविद्यालय में 260 विद्यार्थी हैं. इसके अलावा संस्कृत महाविद्यालय में 180 छात्र अध्यनरत है. अब देखना ये होगा कि इस बार छात्र संघ चुनाव भी कोरोना की चपेट में आता है या अन्य माध्यमों से इसे संपन्न कराया जाएगा.