अजमेर. शहर की गली-गली में बिजली के खंभों पर ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं. खुले में लगे होने के कारण इनसे अक्सर हादसे होते रहते हैं. कभी इनमें ब्लास्ट होने से राहगीर, वाहन और जानवर चपेट में आ जाते हैं, बारिश के मौसम में इस ट्रांसफार्मर से करंट फैल जाता है. सड़क सुरक्षा के नजरिये से भी ये ट्रांसफार्मर खतरे की घंटी हैं.
गर्मियों में हीटिंग बढ़ने से हाई वोल्टेज ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है. गर्मी में घरों में बिजली का उपभोग बढ़ जाता है. इससे ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ने लगता है. इससे ट्रांसफार्मर के अंदर लगी कॉइल्स गर्म हो जाती है. जिससे ट्रांसफार्मर में करंट फ्लो बढ़ जाता है और आग लग जाती है.
विद्युत विभाग के पंकज ने बताया कि कई बार ट्रांसफार्मर की मेंटेनेंस नहीं करवाने से भी उसमें ब्लास्ट होने का खतरा बढ़ जाता है. शहर में लगे पुराने ट्रांसफार्मरों की समय-समय पर देखभाल करना बेहद जरूरी है. पुराने ट्रांसफॉर्मर्स में ऑयल रिफिलिंग होती है. जिसे बार-बार चेक करना जरूरी होता है. इसमें अंदर की कॉइल को भी चेक करना पड़ता है.
नए ट्रांसफार्मर में सनलाइट से हीटिंग की कैपेबिलिटी अच्छी होती है. ट्रांसफॉमर्स के स्टैंडर्ड पर भी ध्यान देना आवश्यक है. शटडाउन के दौरान ट्रांसफॉर्मर्स की मेंटेनेंस ठीक से हो इसका खास ध्यान रखा जाना चाहिए. तभी ट्रांसफार्मर में ब्लास्ट जैसी घटनाओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
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पंकज ने बताया कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों में ट्रांसफॉर्मर्स का कवर्ड होना बेहद जरूरी है. इससे करंट लगने की संभावना कम हो जाती है. खुले ट्रांसफार्मर किसी भी वक्त हादसे को न्योता दे सकते हैं.
तोपदडा पटेल नगर निवासी हिमांशु माथुर कहते हैं कि रिहायशी इलाकों में ट्रांसफार्मर की वजह से दुर्घटना होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं. ट्रांसफार्मर की देखभाल करने की जिम्मेदारी टाटा पावर की है. टाटा पावर को इलेक्ट्रिक केबल अंडर ग्राउंड करवाना चाहिए.
शहर निवासी सुशील पाल का कहना है कि सड़क किनारे लगे ट्रांसफार्मर से दुर्घटना का खतरा भी रहता है. टाटा पावर अजमेर में बिजली व्यवस्था देख रहा है. लेकिन कंपनी की तरफ से अभी तक आमजन की सुरक्षा के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है. शहर की गलियों में भी ट्रांसफार्मर खुले में लगे हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से भी इन ट्रांसफॉमर्स को कवर किया जाना चाहिए या इन्हें भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों से दूर स्थापित किया जाना चाहिए.
बहरहाल जनता अपनी तरफ से व्यवस्थाओं को सुधारने की सभी सुझाव दे रही है. समस्याओं के कारण भी विद्युत विभाग जानता है. अब देखना यह है कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए विद्युत विभाग कब तक कार्यवाही करता है.