अजमेर. आज से शारदीय नवरात्र का पर्व शुरू हो गया है. व्रत और विशेष पूजा आराधना की चारों तरफ धूम रहने वाली है. 17 अक्टूबर शनिवार से माता की आराधना में भक्त लीन हो रहे हैं. आसोज में शनिवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया है. वहीं, कोरोना संक्रमण के चलते इस बार गरबा, डांडिया, रामलीला और रावण दहन जैसे सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे. नवंबर के अंत तक विभिन्न त्योहार व्रत उपवास और अन्य कार्यक्रमों की धूम रहेगी.
ऋतु परिवर्तन के साथ-साथ खानपान और पहनावे में भी बदलाव नजर आने वाला है. शनिवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो चुके हैं. जिस पर मंदिरों में लोग विधि-विधान से घट स्थापना करेंगे. इसके साथ ही धार्मिक कार्यक्रमों की विधिवत शुरुआत होगी. लोग व्रत और उपवास रखकर दुर्गा माता की आराधना करेंगे. जिसके बाद 24 अक्टूबर को दुर्गाष्टमी पर कन्याओं को भोजन भी करवाया जाएगा. वहीं, 25 अक्टूबर को नवमी और विजयदशमी मनाई जाएगी.
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कोरोना संक्रमण काल के चलते रावण दहन और रामलीला मंचन कार्यक्रम नहीं होंगे तो वहीं गत 31 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी. 4 नवंबर को सुहागिन महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखेंगी. 8 नवंबर को अहोई अष्टमी, 12 नवंबर को गोवत्स द्वादशी होगी, 13 नवंबर को धनतेरस, 14 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी, 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी तो 16 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा. 20 नवंबर को छठ पूजन 22 को गोपाष्टमी मनाई जाएगी इस तरह से नवंबर में कई त्यौहार आने वाले हैं.
घट स्थापना आरती का समयः
जय अंबे नौसर माता मंदिर में त्रिकाल आरती सुबह 8 बजे की गई थी. जिसके बाद मध्यान्ह 12 बजे आरती का आयोजन किया गया था. वहीं अब अगली आरती शाम 7 बजे की जाएगी. प्राचीन चामुंडा माता मंदिर में शनिवार सुबह 7 बजे घट स्थापित किया गया. बता दें कि प्रतिदिन सुबह 9 बजे दोपहर 12 बजे और सायंकाल आरती का आयोजन किया जाएगा.
इसके अलावा बजरंगगढ़ स्थित प्राचीन अंबे माता मंदिर में प्रतिदिन सुबह 8 बजे और शाम 7 बजे आरती होगी. इस तरह से अलग-अलग आयोजन नवरात्र में किए जाएंगे. कोरोना संक्रमण काल के चलते इस बार मूर्तियों का बाजार भी फिकी नजर आने लगी है. जहां इस बार काफी कम मूर्तियां बिकी हैं. क्योंकि सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक है. धारा 144 लागू होने के बाद लोग घरों में ही घटस्थापना कर रहे हैं. अब ऐसे में दुर्गा मां की मूर्ति काफी कम लोगों ने खरीदी है.