अजमेर. चारों ओर पहाड़िया बीच में खूबसूरत शहर अजमेर. सदियों से अजमेर की नैसर्गिक सुंदरता और अनुकूल वातावरण की वजह से लोगों को आकर्षित करता आया है. लेकिन वक्त के साथ अजमेर में पर्यटन विकास को कभी बल नहीं मिला. जबकि यह प्रमुख धार्मिक स्थलों पर हर रोज हजारों लोग आते हैं. बावजूद इसके अजमेर का विकास पर्यटन की दृष्टि से नहीं हो पाया. जायरीन और तीर्थयात्री यहां आते हैं लेकिन दर्शन एवं जियारत के बाद लौट जाते हैं.
यहां आने वाले पर्यटकों का ठहराव नहीं होता. यदि पर्यटकों का ठहराया होने लगे तो पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता बल्कि अजमेर की वर्तमान दशा में भी सुधार होते. टूर एंड ट्रेवल्स फर्म के संचालक नरेश पाटनी बताते हैं कि पर्यटकों का अजमेर में ठहराव नहीं होने से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा नहीं मिल रहा है. दरगाह सत्र में होटल व्यवसायी सैयद साकिर का कहना है कि पर्यटन को बढ़ावा तभी मिल पाएगा जब अजमेर में अन्य पर्यटक स्थलों को विकसित किया जाए, ताकि पर्यटक दरगाह और पुष्कर के दर्शन के अलावा उन स्थानों का भी भ्रमण कर सकें जिससे पर्यटकों का ठहराव अजमेर में हो पाएगा.
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अजमेर में पर्यटन विकास को लेकर एक्सपर्ट व्यू के तौर पर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अजमेर वृत्त के अधीक्षक, नीरज त्रिपाठी की मानें तो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विकास आवश्यक है. जो पर्यटकों के अजमेर और पुष्कर में ठहराव को देखते हुए किया जाए.उन्होंने बताया कि एडवेंचर स्पोर्ट्स, रात्रि में विशेष बाजार खोले जाए. जिससे पर्यटक आकर्षित हो वही पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाए.
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अजमेर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व होने के बावजूद भी पर्यटक यहां 1 दिन से ज्यादा नहीं रुकते है. जाहिर है धार्मिक प्रयोजन सिद्ध होने के बाद पर्यटकों के यहां रुकने की और कोई वजह भी नहीं है. अजमेर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हेरिटेज योजना से अजमेर के पर्यटन स्थल विकसित होंगे. यह भविष्य की बात है. मगर यह तय है कि यदि ऐसा होता है तो अजमेर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा वही रोजगार के आयाम भी स्थापित होंगे.
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