ETV Bharat / city

अजमेरः 51 हजार 120 हेक्टेयर में बुवाई, कुल 4 लाख 36 हजार लक्ष्य - अजमेर कृषि विभाग

अजमेर जिले में खरीफ की फसल के लिए बुवाई अभी तक गत वर्ष की तुलना में कम हुई है. चूंकि प्रीमानसून की बारिश से जिले में 30 फीसदी इलाकों में बुवाई हुई है. लेकिन इस बार मानसून सक्रिय नहीं हुआ है.

अजमेर न्यूज, ajmer news, खरीफ की फसल, Kharif crop
बुवाई के लिए बारिश का इंतजार
author img

By

Published : Jun 30, 2020, 9:40 PM IST

अजमेर. जिले में खरीफ की फसल के लिए बुवाई अभी तक गत वर्ष की तुलना में कम हुई है. प्री मानसून की बारिश से जिले में 30 फीसदी इलाकों में बुवाई हुई है. जबकि शेष इलाकों में किसान बुवाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

जिला में सर्वाधिक मात्रा में लोग कृषि पर निर्भर है. वहीं कृषक कृषि के लिए बारिश पर निर्भर है. जिले में फसलों की सिंचाई का अन्य कोई माध्यम नहीं है. वहीं भूजल स्तर काफी नीचे आने से कुंए और बोरिंगों में भी पर्याप्त पानी है. ऐसे में जिले में मानसून सक्रिय नहीं हुआ है. औसतन साढ़े 530 मिली मीटर बारिश की दरकार रहती है. उम्मीद की जा रही है कि इस बार बारिश अच्छी होगी.

बुवाई के लिए बारिश का इंतजार

पढ़ेंः अजमेर: कोरोना के बाद टिड्डियों का कहर जारी, अबतक 6 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद

उधर, अजमेर कृषि विभाग के उपनिदेशक वीके शर्मा ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस बार जिले में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य ज्यादा है. शर्मा ने बताया कि प्री मानसून की बारिश से जिले में 51 हजार 120 हेक्टेयर बुवाई हो चुकी है. जबकि कुल बुवाई 4 लाख 36 हजार का लक्ष्य है. गत वर्ष 4 लाख 20 हजार बुवाई जिले में हुई थी.

पढ़ेंः कोटा: पहले फसल बेचने और अब भुगतान के लिए भटकने को मजबूर किसान...

बातचीत में कृषि विभाग के उपनिदेशक वीके शर्मा ने बताया कि कृषक मानसून का इंतजार कर रहे है. बुवाई के लिए कृषकों के पास खाद बीज की उपलब्धता है. उन्होंने बताया कि जिले में खरीफ की फसलों में सर्वाधिक मात्रा में मूंग और ज्वार की बुवाई अधिक होती है.


खरीफ की इन फसलों की होनी है बुवाई (अनाज)

  • ज्वार- 145000 हेक्टेयर
  • बाजरा- 65000 हेक्टेयर
  • मक्का- 26000 हेक्टेयर
  • कुल- 236000

हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य (दलहन)

  • मूंग- 120000 हेक्टेयर
  • उड़द- 38000 हेक्टेयर
  • चावला- 1000 हेक्टेयर
  • कुल- 159000

हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य (तिलहन)

  • मूंगफली- 2000 हेक्टेयर
  • तिल- 10000 हेक्टेयर
  • कुल- 12000

हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य

  • नॉन बीटी कपास- 10000 हेक्टेयर
  • बीटी कपास- 12000 हेक्टेयर
  • ग्वार- 7000 हेक्टेयर
  • कुल- 29000

अजमेर. जिले में खरीफ की फसल के लिए बुवाई अभी तक गत वर्ष की तुलना में कम हुई है. प्री मानसून की बारिश से जिले में 30 फीसदी इलाकों में बुवाई हुई है. जबकि शेष इलाकों में किसान बुवाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

जिला में सर्वाधिक मात्रा में लोग कृषि पर निर्भर है. वहीं कृषक कृषि के लिए बारिश पर निर्भर है. जिले में फसलों की सिंचाई का अन्य कोई माध्यम नहीं है. वहीं भूजल स्तर काफी नीचे आने से कुंए और बोरिंगों में भी पर्याप्त पानी है. ऐसे में जिले में मानसून सक्रिय नहीं हुआ है. औसतन साढ़े 530 मिली मीटर बारिश की दरकार रहती है. उम्मीद की जा रही है कि इस बार बारिश अच्छी होगी.

बुवाई के लिए बारिश का इंतजार

पढ़ेंः अजमेर: कोरोना के बाद टिड्डियों का कहर जारी, अबतक 6 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद

उधर, अजमेर कृषि विभाग के उपनिदेशक वीके शर्मा ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस बार जिले में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य ज्यादा है. शर्मा ने बताया कि प्री मानसून की बारिश से जिले में 51 हजार 120 हेक्टेयर बुवाई हो चुकी है. जबकि कुल बुवाई 4 लाख 36 हजार का लक्ष्य है. गत वर्ष 4 लाख 20 हजार बुवाई जिले में हुई थी.

पढ़ेंः कोटा: पहले फसल बेचने और अब भुगतान के लिए भटकने को मजबूर किसान...

बातचीत में कृषि विभाग के उपनिदेशक वीके शर्मा ने बताया कि कृषक मानसून का इंतजार कर रहे है. बुवाई के लिए कृषकों के पास खाद बीज की उपलब्धता है. उन्होंने बताया कि जिले में खरीफ की फसलों में सर्वाधिक मात्रा में मूंग और ज्वार की बुवाई अधिक होती है.


खरीफ की इन फसलों की होनी है बुवाई (अनाज)

  • ज्वार- 145000 हेक्टेयर
  • बाजरा- 65000 हेक्टेयर
  • मक्का- 26000 हेक्टेयर
  • कुल- 236000

हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य (दलहन)

  • मूंग- 120000 हेक्टेयर
  • उड़द- 38000 हेक्टेयर
  • चावला- 1000 हेक्टेयर
  • कुल- 159000

हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य (तिलहन)

  • मूंगफली- 2000 हेक्टेयर
  • तिल- 10000 हेक्टेयर
  • कुल- 12000

हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य

  • नॉन बीटी कपास- 10000 हेक्टेयर
  • बीटी कपास- 12000 हेक्टेयर
  • ग्वार- 7000 हेक्टेयर
  • कुल- 29000
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.