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राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ लामबंद, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांग उठाई - राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ हुए लामबन्द

अजमेर में शुक्रवार को राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारियों ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर लामबन्द हुए. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त कलेक्टर को मांग पत्र भी सौंपा.

राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ हुए लामबन्द, Rajasthan Assistant Employees Union mobilized
राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ हुए लामबन्द
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Published : Aug 14, 2020, 5:26 PM IST

अजमेर. राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारियों ने 10 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर लामबन्द हुए. जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त कलेक्टर को मांग पत्र सौंपा. राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि भाजपा राज में उनसे वादाखिलाफी की गई है. वहीं गहलोत सरकार ने भी उनकी मांगों को लेकर कोई सकारात्मक कदम अभी तक नहीं उठाए गए हैं.

राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ हुए लामबन्द

कर्मचारियों ने बताया कि अखिल भारतीय राज्य सरकार के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ देशभर में राज्य सरकारों के अधीन कार्यरत 15 लाख चतुर्थ श्रेणी की मूलभूत मांगों और समस्याओं को लेकर ध्यान आकर्षित करने के लिए कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौपे गए हैं. लेकिन आज तक लंबित मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए किसी भी राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं.

इससे कर्मचारियों में अत्यधिक रोष व्याप्त है. इसलिए एक बार पुन राष्ट्रव्यापी अधिकार दिवस के रूप में मनाते हुए विरोध-प्रदर्शन कर अपनी मांग जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष रखी गई है और लंबित मांगों को अविलंब पूरा करने की सरकार से मांग की जा रही है.

अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष विनोद रत्नू ने बताया कि राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ के बैनर तले 10 सूत्रीय मांग पत्र अतिरिक्त कलेक्टर को पीएम नरेंद्र मोदी और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के नाम सौंपा गया है.

पढ़ें- अजमेर: 'फ्री होल्ड स्कीम' का फायदा देने की व्यापारियों ने उठाई मांग

यह है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की लंबित मांगे

• नई पेंशन व्यवस्था बंद कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए.

• नई भर्तियों पर लगाई गई रोक तत्काल हटाई जा गए रिक्त पदों पर एक अभियान चलाकर भर्तियां की जाए.

• ठेका प्रथा/ संविदा प्रथा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जावे तथा अन्य नेताओं वेतन 21 हजार रुपए मासिक दिया जाए.

• आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/ आशा सहयोगिनी/ मिड डे मील वर्कर सहित अन्य ऐसी सेवाओं के कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करते हुए चतुर श्रेणी सेवा संवर्ग में नियुक्ति दी जाए.

• राष्ट्रीय वेतन नीति एवं सेवा नियम लागू किया जाए.

• जनवरी 2020 एवं इसके बाद के महंगाई भत्ते पर लगाई गई रोक तत्काल हटाई जाए.

• जिन राज्यों में सातवां वेतनमान लागू नहीं किया गया है वहां लागू करवाया जाए तथा राज्य वेतन आयोग जिन राज्यों में है वह पुनरक्षित वेतनमान लागू किया जाए.

• समस्त राज्यों में केंद्र सरकार के चतुर्थ श्रेणी के अनुरूप सभी प्रकार के भत्ते राज्य सरकार को दिए जाए.

• राज्य सरकार अपने यहां अल्प वेतनभोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए आवास योजना लागू कर आवास की व्यवस्था करें.

• अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ को मान्यता दी जाए.

अजमेर. राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारियों ने 10 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर लामबन्द हुए. जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त कलेक्टर को मांग पत्र सौंपा. राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि भाजपा राज में उनसे वादाखिलाफी की गई है. वहीं गहलोत सरकार ने भी उनकी मांगों को लेकर कोई सकारात्मक कदम अभी तक नहीं उठाए गए हैं.

राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ हुए लामबन्द

कर्मचारियों ने बताया कि अखिल भारतीय राज्य सरकार के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ देशभर में राज्य सरकारों के अधीन कार्यरत 15 लाख चतुर्थ श्रेणी की मूलभूत मांगों और समस्याओं को लेकर ध्यान आकर्षित करने के लिए कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौपे गए हैं. लेकिन आज तक लंबित मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए किसी भी राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं.

इससे कर्मचारियों में अत्यधिक रोष व्याप्त है. इसलिए एक बार पुन राष्ट्रव्यापी अधिकार दिवस के रूप में मनाते हुए विरोध-प्रदर्शन कर अपनी मांग जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष रखी गई है और लंबित मांगों को अविलंब पूरा करने की सरकार से मांग की जा रही है.

अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष विनोद रत्नू ने बताया कि राजस्थान सहायक कर्मचारी संघ के बैनर तले 10 सूत्रीय मांग पत्र अतिरिक्त कलेक्टर को पीएम नरेंद्र मोदी और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के नाम सौंपा गया है.

पढ़ें- अजमेर: 'फ्री होल्ड स्कीम' का फायदा देने की व्यापारियों ने उठाई मांग

यह है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की लंबित मांगे

• नई पेंशन व्यवस्था बंद कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए.

• नई भर्तियों पर लगाई गई रोक तत्काल हटाई जा गए रिक्त पदों पर एक अभियान चलाकर भर्तियां की जाए.

• ठेका प्रथा/ संविदा प्रथा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जावे तथा अन्य नेताओं वेतन 21 हजार रुपए मासिक दिया जाए.

• आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/ आशा सहयोगिनी/ मिड डे मील वर्कर सहित अन्य ऐसी सेवाओं के कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करते हुए चतुर श्रेणी सेवा संवर्ग में नियुक्ति दी जाए.

• राष्ट्रीय वेतन नीति एवं सेवा नियम लागू किया जाए.

• जनवरी 2020 एवं इसके बाद के महंगाई भत्ते पर लगाई गई रोक तत्काल हटाई जाए.

• जिन राज्यों में सातवां वेतनमान लागू नहीं किया गया है वहां लागू करवाया जाए तथा राज्य वेतन आयोग जिन राज्यों में है वह पुनरक्षित वेतनमान लागू किया जाए.

• समस्त राज्यों में केंद्र सरकार के चतुर्थ श्रेणी के अनुरूप सभी प्रकार के भत्ते राज्य सरकार को दिए जाए.

• राज्य सरकार अपने यहां अल्प वेतनभोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए आवास योजना लागू कर आवास की व्यवस्था करें.

• अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ को मान्यता दी जाए.

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