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अजमेर: दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ PUCL के सदस्यों ने खोला मोर्चा

दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अजमेर के केंद्रीय बस स्टैंड चौराहे पर पीयूसीएल (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज) के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. पीयूसीएल के सदस्यों ने भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की.

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दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ पीयूसीएल के सदस्यों ने खोला मोर्चा
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Published : Aug 28, 2020, 4:50 PM IST

अजमेर. देशभर में दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ शुक्रवार को जिले केंद्रीय बस स्टैंड चौराहा पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के नीचे पीयूसीएल के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. दलितों के साथ लगातार मारपीट की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं, जिसको लेकर उन्होंने विरोध जताया है.

दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ पीयूसीएल के सदस्यों ने खोला मोर्चा

पीयूसीएल के महासचिव अनंत भटनागर ने जानकारी देते हुए बताया कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को सरकार जबरदस्ती गिरफ्तार कर रही है, जबकि वो सभी कार्यकर्ता लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि दलितों के साथ लगातार अत्याचार हो रहे हैं, जिसकी आवाज अब पीयूसीएल द्वारा उठाई जा रही है. उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी 2 साल पहले गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए.

पढ़ें- कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल हुए पायलट, कहा- केंद्र सरकार को छोड़नी होगी अपनी जिद

वहीं डॉ. आनंद भटनागर ने कहा कि यह प्रदर्शन 7 दिन तक इसी प्रकार से जारी रहेगा, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से की गई. संविधान ने जो 70 साल पहले मूल्य दिए, उसके विरुद्ध काम किया जा रहा है. इसके साथ ही भटनागर ने कहा कि अगर संविधान कायम नहीं रहेगा तो दलितों की आजादी कहां से रहेगी. उसके खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया जा रहा है.

भीमा कोरेगांव मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं के दमन व फांसीवाद के विरुद्ध छेड़ा अभियान

1 जनवरी 2018 को हजारों दलित 2 सौ साल पहले ही पेशवा राजा की सेना के विरुद्ध जंग में दलित सैनिकों की जीत को शौर्य के उत्सव रूप में मनाने के लिए हर साल की तरह महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव में एकजुट हुए थे. इस मौके पर एक दिन पहले पास के पुणे में एल्गार परिषद का आयोजन भी किया गया था, जिसमें देश में बढ़ती सांप्रदायिकता और हिंदुत्व का विरोध किया गया था.

अजमेर. देशभर में दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ शुक्रवार को जिले केंद्रीय बस स्टैंड चौराहा पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के नीचे पीयूसीएल के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. दलितों के साथ लगातार मारपीट की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं, जिसको लेकर उन्होंने विरोध जताया है.

दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ पीयूसीएल के सदस्यों ने खोला मोर्चा

पीयूसीएल के महासचिव अनंत भटनागर ने जानकारी देते हुए बताया कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को सरकार जबरदस्ती गिरफ्तार कर रही है, जबकि वो सभी कार्यकर्ता लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि दलितों के साथ लगातार अत्याचार हो रहे हैं, जिसकी आवाज अब पीयूसीएल द्वारा उठाई जा रही है. उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी 2 साल पहले गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए.

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वहीं डॉ. आनंद भटनागर ने कहा कि यह प्रदर्शन 7 दिन तक इसी प्रकार से जारी रहेगा, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से की गई. संविधान ने जो 70 साल पहले मूल्य दिए, उसके विरुद्ध काम किया जा रहा है. इसके साथ ही भटनागर ने कहा कि अगर संविधान कायम नहीं रहेगा तो दलितों की आजादी कहां से रहेगी. उसके खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया जा रहा है.

भीमा कोरेगांव मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं के दमन व फांसीवाद के विरुद्ध छेड़ा अभियान

1 जनवरी 2018 को हजारों दलित 2 सौ साल पहले ही पेशवा राजा की सेना के विरुद्ध जंग में दलित सैनिकों की जीत को शौर्य के उत्सव रूप में मनाने के लिए हर साल की तरह महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव में एकजुट हुए थे. इस मौके पर एक दिन पहले पास के पुणे में एल्गार परिषद का आयोजन भी किया गया था, जिसमें देश में बढ़ती सांप्रदायिकता और हिंदुत्व का विरोध किया गया था.

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