अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हजारों निजी स्कूल हैं. इनमें निम्न और मध्यम स्तर के भी स्कूल हैं, जिन्हें इस साल अभिभावकों से फीस नहीं मिली है. जबकि सीबीएसई से संबद्ध कई स्कूल अभिभावकों से फीस ले चुके हैं.
ऐसे में राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन एसोसिएशन के पदाधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन की ओर से स्कूल बंद करने का निर्णय लेने वाले संगठनों का विरोध जताया जा रहा है. सात माह से स्कूल पहले ही बंद हैं. ऐसे में बंद स्कूलों को बंद करने का क्या औचित्य है. जबकि सभी संगठनों को सरकार से स्कूल खोले जाने और आरटीई का भुगतान करने की पुरजोर मांग करनी चाहिए थी. आरटीआई का भुगतान गत वर्ष भी सरकार ने नहीं किया. सरकार की ओर से भुगतान हो जाने पर निजी स्कूलों को आर्थिक रूप से संबल मिलता.
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कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन एसोसिएशन की ओर से सरकार से मांग की जा रही है कि सरकार स्कूल खोलने की इजाजत दे. साथ ही आरटीई का भुगतान निजी स्कूलों को दीपावली से पहले करें. एसोसिएशन उन सभी निजी स्कूलों के साथ खड़ा है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है. अपनी मांग सरकार से मनवाने के लिए एसोसिएशन दीपावली के बाद आंदोलन करेगा, जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन स्कूल बंद किए जाएंगे.