अजमेर. अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत शास्त्रीनगर स्थित कुकुटशाला में 1:50 करोड़ की लागत से 890 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में नया चिकित्सालय बनाया गया है. नए पशु चिकित्सालय में बीमार पशुओं का उपचार किया जा सकेगा. नए भवन में डॉक्टर्स के लिए छह रूम बनाए गए हैं. मिनी एनीमल और लार्ज एनीमल के लिए दो अलग- अलग ऑपरेशन थियेटर तैयार किए गए हैं. एक डॉग आउट डोर, एक डिस्पेंसरी, एक एक्सरे रूम, सोनोग्राफी रूम और दो प्रयोगशाला कक्ष बनाए गए हैं. लेबर रूम और स्टोर रूम का भी निर्माण किया गया है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के पशु पालक गाय, भैंस, घोड़ा, बकरी, भेड़ एवं अन्य पक्षियों का उपचार करवा सकेंगे. नया बाजार पशु चिकित्सालय से शिफ्टिंग प्रक्रिया प्रगतिरत है.
पशु पालक होंगे लाभांवित
नया बाजार पशु चिकित्सालय शहर के मुख्य बाजार में स्थित होने की वजह से बीमार पशु के उपचार में पशु पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता था. विशेषतौर पर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले पशु पालक खासे परेशान रहते थे. नए भवन में आने वाले दिनों में बीमार पशुओं का उपचार संभव हो सकेगा. शास्त्री नगर कुकुटशाला में नया पशु चिकित्सालय बनने से स्थानीय पशु पालकों सहित आस पास गांव के पशु पालक लाभांवित होंगे.
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नया बाजार में मिलेगी वाहन पार्किंग सुविधा
अजमेर के किले के पीछे अस्तबल के पास पार्किंग का कार्य आरंभ हो गया है. नया बाजार पशु चिकित्सालय को शिफ्ट किया जा रहा है. यहां पर पार्किंग का कार्य आरंभ कर दिया गया है. इसके निर्माण के बाद पुरानी मंडी और आस पास के बाजार में आने वाले वाहन चालकों को यहां पर पार्किंग की सुविधा मिलेगी. मुख्य बाजार में बेतरतीब वाहन खड़े होने से आए दिन जाम के हालात उत्पन्न हो जाते हैं और राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
सागर विहार बर्ड पार्क बनकर तैयार, सैलानियों की पसंद बनेगा बर्ड पार्क
अजमेर को वैशाली नगर सागर विहार में बर्ड पार्क की सौगात मिलने जा रही है. अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बर्ड पार्क बनकर तैयार हो गया है. सागर विहार में 90 लाख की लागत से बर्ड पार्क तैयार किया गया है. सर्द मौसम में आनासागर झील के साथ-साथ बर्ड पार्क में प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां नजर आती हैं. ये क्षेत्र देशी पक्षियों के साथ प्रवासी पक्षियों का घरौंदा है. जिला कलेक्टर और अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित और नगर निगम आयुक्त और अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड अजमेर के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. खुशाल यादव की नियमित मॉनीटरिंग की वजह से स्मार्ट सिटी के कार्य घरातल पर नजर आने लगे हैं. पशु चिकित्सालय और बर्ड पार्क के साथ कई प्रोजेक्ट जल्द ही पूरे होने जा रहे हैं.
पार्क में बनाए प्राकृतिक टीले
सागर विहार कॉलोनी के पीछे 26 हजार 400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बर्ड पार्क तैयार किया गया है. यहां पर मिट्टी के पांच – छह प्राकृतिक टीले तैयार किए गए हैं. बर्ड पार्क में और बाहर की ओर विभिन्न किस्म के पेड़-पौधे लगाए गए हैं जैसे बरगद, पीपल, नीम, गुलमोहर इत्यादि शामिल हैं. बर्ड पार्क में पक्षियों के चित्र और विवरण लगाने का कार्य प्रगति पर है. ऐतिहासिक आनासागर झील प्रवासी पक्षियों की पसंददीदा जगह है. यहां पर विभिन्न प्रजातियों के पक्षी प्रति वर्ष यहां पर डेरा जमाने के लिए आते हैं. प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए के लिए स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों की चहल पहल नजर आती है. पक्षियों की ज्यादा आवक को देखते हुए इसका निर्माण किया गया है.
पक्षियों की पहचान के लिए लगाए साइन बोर्ड
प्रदेश में भरतपुर के केवलादेव घना पक्षी अभ्यारण्य की तर्ज पर पक्षियों के चित्र और नाम लिखे संकेतक भी लगाए जा रहे हैं. अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए पार्क कारगर साबित होगा. आमजन भी प्रवासी पक्षियों को आसानी से पहचान कर सकेंगे. यहां पर आने वाले लोग पक्षियों के चित्रों को देखकर उनकी पहचान कर सकेंगे और उस पक्षी के बारे में विस्तार से जान पाएंगे. प्रमुख रूप से यहां पर देसी पनकौवा, श्वेत वक्ष किलकिला, सफेद या गुलाबी हवासिल, डालमेश, हवासिल, काला सफेद किलकिला, अंधा बगला, लाल अंजन, चौबाहा, छोटा पनकौवा, तिदरी बत्तख, सफेद भौंह खंजन और पिलक्या आदि की जानकारी मिल सकेगी.
प्राकृतिक टीलों पर नजर प्रवासी पक्षी
सागर विहार बर्ड पार्क की नम भूमि एवं घास को यथावत रखा गया है. पार्क में प्राकृतिक टीलों का निर्माण किया गया है जिन पर पक्षी बैठे नजर आएंगे. उक्त भूमि में पूर्व में भी पानी भरा रहता था, जिसको यथावत रखा गया है. जिससे पानी की वजह से आने वाले प्रवासी पक्षियों का प्रवास भी यथावत रहेगा और उन्हें भोजन प्राप्त करने में भी आसानी रहेगी. पक्षियों की सुरक्षा के लिए बर्ड पार्क में चारों तरफ पांच फीट ऊंचाई की चार दीवारी का निर्माण किया गया है. इस पर दो फीट रेलिंग लगाई गई है. पार्क का मुख्य द्वार भी तैयार किया गया है. चार दीवारी बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पक्षियों को आवारा जानवरों से बचाना है.