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अजमेरः कोरोना जांच के लिए अस्पताल लाया गया कैदी भागने की फिराख में, पुलिस ने दबोचा - राजस्थान में कोरोना अपडेट

कोरोना वायरस बड़े ही तेजी से फैल रहा है. ऐसे में अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में कोरोना जांच के लिए आया एक कैदी मौका देख अस्पताल से फरार हो गया. वहीं पुलिस ने तत्परता दिखाने हुए उसे पकड़ा और फिर से अस्पताल में भर्ती करवाया.

Prisoner escaped from hospital, कैदी अस्पताल से हुआ फरार
अस्पताल से फरार हुआ कैदी
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Published : May 24, 2020, 6:19 PM IST

अजमेर. शहर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रविवार को एक कैदी के फरार होने का मामला सामने आया है. बता दें कि जो भी बदमाश किसी भी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, उससे पहले उस कैदी का कोरोना टेस्ट किया जाता है. जिससे कि अगर वह कैदी कोरोना संक्रमित है, तो वह किसी और व्यक्ति को इस चपेट में ना ले.

अस्पताल से फरार हुआ कैदी

थाने में बंद कैदियों के लिए अस्पताल में एक अस्थाई वार्ड बनाया गया था. जिसमें कैदियों को जेल में डालने से पहले उनके कोरोना वायरस का टेस्ट किया जाता है. वहीं टेस्टिंग के दरमियान उन्हें इस वार्ड में रखा जाता है.

पढ़ें- लॉकडाउन में डिग्रीधारियों के सामने रोजगार का संकट, वेतन नहीं मिली तो मनरेगा में शुरू की मजदूरी

रविवार को इस वार्ड में एनडीपीएस एक्ट के मामले में आरोपी भर्ती था. जिसने मौका देखकर पीछे खिड़की की रेलिंग तोड़कर मौके से भाग निकला. पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस ने उसका पीछा किया और कुछ दूरी पर जाकर उसे दबोच लिया. इसके बाद उसे फिर से उसी वार्ड में लाया गया.

मामले की जानकारी मिलते ही जिला पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप, उपाधीक्षक प्रियंका रघुवंशी भी मौके पर पहुंची और उन्होंने मौका मुआयना किया. पुलिस कप्तान ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वार्ड अस्थाई रूप से कैदी वार्ड बनाया गया है. क्योंकि कोरोना का खौफ लागतार जारी है.

पढ़ें - ACB की सूचना लीक होने से सतर्क हुआ एडिशनल डीसीपी, रिश्वत मांगने का मामला दर्ज

लेकिन अब इस वार्ड में और किस तरह से बेहतर इंतजाम किए जाएं. इस पर अधिकारियों से चर्चा की जा रही है. वहीं वार्ड में अतिरिक्त पुलिस जाब्ते को भी तैनात कर दिया गया है. जिससे कोई भी आरोपी भर्ती होने के दौरान भागने की कोशिश ना करें.

अजमेर. शहर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रविवार को एक कैदी के फरार होने का मामला सामने आया है. बता दें कि जो भी बदमाश किसी भी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, उससे पहले उस कैदी का कोरोना टेस्ट किया जाता है. जिससे कि अगर वह कैदी कोरोना संक्रमित है, तो वह किसी और व्यक्ति को इस चपेट में ना ले.

अस्पताल से फरार हुआ कैदी

थाने में बंद कैदियों के लिए अस्पताल में एक अस्थाई वार्ड बनाया गया था. जिसमें कैदियों को जेल में डालने से पहले उनके कोरोना वायरस का टेस्ट किया जाता है. वहीं टेस्टिंग के दरमियान उन्हें इस वार्ड में रखा जाता है.

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रविवार को इस वार्ड में एनडीपीएस एक्ट के मामले में आरोपी भर्ती था. जिसने मौका देखकर पीछे खिड़की की रेलिंग तोड़कर मौके से भाग निकला. पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस ने उसका पीछा किया और कुछ दूरी पर जाकर उसे दबोच लिया. इसके बाद उसे फिर से उसी वार्ड में लाया गया.

मामले की जानकारी मिलते ही जिला पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप, उपाधीक्षक प्रियंका रघुवंशी भी मौके पर पहुंची और उन्होंने मौका मुआयना किया. पुलिस कप्तान ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वार्ड अस्थाई रूप से कैदी वार्ड बनाया गया है. क्योंकि कोरोना का खौफ लागतार जारी है.

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लेकिन अब इस वार्ड में और किस तरह से बेहतर इंतजाम किए जाएं. इस पर अधिकारियों से चर्चा की जा रही है. वहीं वार्ड में अतिरिक्त पुलिस जाब्ते को भी तैनात कर दिया गया है. जिससे कोई भी आरोपी भर्ती होने के दौरान भागने की कोशिश ना करें.

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