ETV Bharat / city

अन्य जिलों के मरीजों से बढ़ रहा है जेएलएन अस्पताल पर दबाव- अजमेर कलेक्टर - कोरोना अस्पताल

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है. इस पर अजमेर कलेक्टर ने कहा कि अन्य जिलों के मरीजों से अस्पताल में दबाव बढ़ रहा है.

ajmer news,  Ajmer Collector
अन्य जिलों के मरीजों से बढ़ रहा है जेएलएन अस्पताल पर दबाव
author img

By

Published : Apr 24, 2021, 8:15 PM IST

अजमेर. संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि अस्पताल को और बेहतर करने की आवश्यकता है. अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित लगातार अस्पताल में व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. ट्रॉली और वार्ड बॉय की कमी को लेकर कलेक्टर ने नए वार्ड बॉय नियुक्त नहीं होने तक नगर निगम सहित कई अन्य महकमों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को लगाने के निर्देश दिए हैं. यह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रविवार से अपनी सेवाएं अस्पताल में देंगे.

अन्य जिलों के मरीजों से बढ़ रहा है जेएलएन अस्पताल पर दबाव

अजमेर जेएलएन अस्पताल को कोरोना अस्पताल बना दिया गया है. बेडों की संख्या बढ़कर 1028 कर दी गई है. वर्तमान में 499 कोरोना पॉजिटिव मरीज अस्पताल में भर्ती है. अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बातचीत में बताया कि अस्पताल कोई 19 मरीजों के अधिक भर्ती होने से दबाव बनता जा रहा है. अस्पताल में आने वाले मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया में कम समय लगे और उन्हें समय पर इलाज मिले इसके लिए लगातार व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है. पुरोहित ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट और वार्डो का निरीक्षण किया गया है. हालात अभी नियंत्रण में है.

यह भी पढ़ें- राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2021, PM ने राजस्थान की विभिन्न पंचायतों को किया पुरस्कृत

उन्होंने बताया कि अस्पताल में अन्य जिलों से मरीज ज्यादा आ रहे हैं. इस कारण जेएलएन अस्पताल पर दबाव बढ़ रहा है. अस्पताल में वार्ड बॉय की कमी से परिजनों और मरीजों को हो रही परेशानी के बारे में उन्होंने बताया कि अस्पताल में 80 फीसदी बेड सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन से जुड़ चुके हैं. शेष बेडों को भी सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन से जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है. कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि वार्ड बॉय की कमी को पूरा करने के लिए नगर निगम सहित अन्य सरकारी विभागों में लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सेवा कार्य में लगाया गया है. अस्पताल प्रशासन को नए वार्ड बॉय नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि जेएलएन अस्पताल में अजमेर से गंभीर कोरोना मरीजों के भर्ती होने की संख्या कम है, जबकि अन्य जिलों से जेएलएन अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों की संख्या ज्यादा है. जानकारी के मुताबिक 40 मरीजों को प्रतिदिन राहत मिलने पर डिस्चार्ज किया जा रहा है.

अजमेर. संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि अस्पताल को और बेहतर करने की आवश्यकता है. अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित लगातार अस्पताल में व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. ट्रॉली और वार्ड बॉय की कमी को लेकर कलेक्टर ने नए वार्ड बॉय नियुक्त नहीं होने तक नगर निगम सहित कई अन्य महकमों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को लगाने के निर्देश दिए हैं. यह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रविवार से अपनी सेवाएं अस्पताल में देंगे.

अन्य जिलों के मरीजों से बढ़ रहा है जेएलएन अस्पताल पर दबाव

अजमेर जेएलएन अस्पताल को कोरोना अस्पताल बना दिया गया है. बेडों की संख्या बढ़कर 1028 कर दी गई है. वर्तमान में 499 कोरोना पॉजिटिव मरीज अस्पताल में भर्ती है. अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बातचीत में बताया कि अस्पताल कोई 19 मरीजों के अधिक भर्ती होने से दबाव बनता जा रहा है. अस्पताल में आने वाले मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया में कम समय लगे और उन्हें समय पर इलाज मिले इसके लिए लगातार व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है. पुरोहित ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट और वार्डो का निरीक्षण किया गया है. हालात अभी नियंत्रण में है.

यह भी पढ़ें- राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2021, PM ने राजस्थान की विभिन्न पंचायतों को किया पुरस्कृत

उन्होंने बताया कि अस्पताल में अन्य जिलों से मरीज ज्यादा आ रहे हैं. इस कारण जेएलएन अस्पताल पर दबाव बढ़ रहा है. अस्पताल में वार्ड बॉय की कमी से परिजनों और मरीजों को हो रही परेशानी के बारे में उन्होंने बताया कि अस्पताल में 80 फीसदी बेड सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन से जुड़ चुके हैं. शेष बेडों को भी सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन से जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है. कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि वार्ड बॉय की कमी को पूरा करने के लिए नगर निगम सहित अन्य सरकारी विभागों में लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सेवा कार्य में लगाया गया है. अस्पताल प्रशासन को नए वार्ड बॉय नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि जेएलएन अस्पताल में अजमेर से गंभीर कोरोना मरीजों के भर्ती होने की संख्या कम है, जबकि अन्य जिलों से जेएलएन अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों की संख्या ज्यादा है. जानकारी के मुताबिक 40 मरीजों को प्रतिदिन राहत मिलने पर डिस्चार्ज किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.