अजमेर. कोरोना मरीजों को फोन कर निजी अस्पताल कोरोना की जांच और इलाज करने का पैकेज बता रहे हैं. इससे सवाल उठता है कि निजी अस्पतालों के पास कोरोना मरीजों का डाटा कहां से आया. इस गंभीर मामले पर पायलट ब्रिगेड राजस्थान ने सवाल उठाए हैं. अजमेर में पायलट ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
पायलट ब्रिगेड राजस्थान के कार्यकर्त्ताओं ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाया है. कार्यकर्त्ताओं का आरोप है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से कोरोना मरीजों का डाटा निजी अस्पतालों तक पहुंच रहा है और निजी अस्पतालों से लोगों को कोरोना की जांच और इलाज करवाने के लिए फोन कर उन्हें पैकेज बताए जा रहे हैं.
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पायलट ब्रिगेड राजस्थान के कार्यकर्ताओं ने अजमेर जिला मुख्यालय पर लामबंद होकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से कोरोना मरीजों के हो रहे डाटा लीक के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
पायलट ब्रिगेड राजस्थान के जिला अध्यक्ष मोहसिन खान रंगरेज ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते जहां संक्रमण की वजह से लोग परेशान हैं. वहीं लोगों के उद्योग धंधे भी चौपट हो चुके हैं. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में जहां कोरोना मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है, यह उनके लिए बड़ी राहत है, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ लोग निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों का आंकड़ा दे रहे हैं. इन आंकड़ों के जरिए निजी अस्पताल घर में क्वॉरेंटाइन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मोबाइल पर फोन कर उन्हें निजी अस्पताल में कोरोना जांच एवं इलाज के लिए पैकेज बता रहे हैं.
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रंगरेज ने कहा कि यह गंभीर मामला है. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मामले की शिकायत की गई है. साथ ही उनसे मामले में निष्पक्ष जांच कर डाटा लीक करने वाले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की गई है.