अजमेर. मध्यम और गरीब तबके के लोगों का सपना होता है कि उसका स्वयं का घर हो. अपनी मेहनत की कमाई से लोगों ने प्लॉट तो खरीद लिए लेकिन वह नक्शा स्वीकृति नही मिलने से मकान नही बना पा रहे है. दरअसल मकान बनाने के लिए लोगों को बैंक लोन की आवश्यकता रहती है. इसके लिए नगर निगम से स्वीकृत नक्शा महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है. नक्शे के अभाव में बैंक लोन स्वीकृत नहीं करते हैं.
पार्षद नरेश सत्यावना ने बताया कि चुनाव के बाद से अभी तक ऑनलाइन नक्शा स्वीकृति की कोई व्यवस्था नगर निगम में नहीं और ना ही ऑफलाइन नक्शा स्वीकृति भी जारी नही की जा रही है. इससे लोगों में असंतोष व्याप्त है. पार्षद पति चंद्र शेखर बालोटिया ने बताया कि राज्य सरकार ने नया बायलॉज बनाया है उसके अनुसार ही नगर निगम नक्षत्र की शांति के लिए व्यवस्था नहीं दे सकता है.
उन्होंने बताया कि नगर निगम चाहे तो ढाई सौ गज से नीचे के भूखंडों पर भवन निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृति ऑफलाइन जारी कर सकता है वहीं ढाई सौ गज से ऊपर के भूखंड पर भवन निर्माण के लिए ऑनलाइन स्वीकृति जारी कर सकता है लेकिन नगर निगम अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हुई है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. लोगों को मकान बनाने के लिए बैंक लोन नहीं मिल रहा है.
पार्षदों ने मांग की है कि नगर निगम ऑनलाइन और ऑफलाइन नक्शा स्वीकृति दे. पार्षदों ने यह भी बताया कि नगर निगम के पास लोगों की 45 नक्शे से संबंधित फाइलें लंबित है जिस पर नगर निगम ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. उन्होंने बताया कि नशा स्वीकृति की व्यवस्था जारी होने पर नगर निगम की आय भी बढ़ेगी और लोगों को राहत भी मिलेगी. नक्शा स्वीकृति की मांग उठाने वालों में पार्षद नरेश सत्यवना, श्याम प्रजापति, चंद्रशेखर बालोटिया, रणजीत सिंह सहित कई पार्षद मौजूद रहे.