अजमेर. अजमेर में पीसीपीएनडीटी अधिनियम की पालना के लिए सरकार ने एंड्रॉयड मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. इस ऐप के जरिए सोनोग्राफी सेंटर्स को डेली रिपोर्ट भेजना अनिवार्य होगा. खास बात यह है कि यह ऐप केवल पंजीकृत मोबाइल पर ही खुल पाएगा. नए ऐप और पीसीपीएनडीटी अधिनियम की जानकारी के लिए स्वास्थ्य संकुल कार्यालय में जिले के सोनोग्राफी सेंटर के रेडियोलॉजिस्ट और संचालकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया.
पीसीपीएनडीटी अधिनियम को प्रभावी बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक ऐप लॉन्च किया है. इस ऐप को प्रत्येक सरकारी और निजी सोनोग्राफी संचालकों को अपने एंड्रॉयड मोबाइल में डाउनलोड करना अनिवार्य होगा. इस ऐप में सोनोग्राफी सेंटर से प्रतिदिन की रिपोर्ट भेजना अनिवार्य होगा. ऐप के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक फॉर्म एफ भी इसमें भरा जा सकता है. जानकारी के मुताबिक सोनोग्राफी सेंटर के निरीक्षण को जाने वाले अधिकारी मौके पर ही ऐप को ऑनलाइन कर सकेंगे. ऐप में मौजूद जानकारी का दुरुपयोग ना हो इसके लिए सोनोग्राफी सेंटर्स रेडियोलॉजिस्ट, संचालक के पंजीकृत मोबाइल पर ही ऐप खुल पाएगा.
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अन्य मोबाइल से ऐप नहीं खुलेगा. नए ऐप को लेकर जिले में 90 सोनोग्राफी सेंटर्स के रेडियोलॉजिस्ट एवं संचालकों को डेली रिपोर्ट ऐप पर बनाने और फॉर्म 16 भरने के अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के बारे में भी जानकारी दी गई. अजमेर जोन के संयुक्त सचिव डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए हुए रेडियोलॉजिस्ट एवं सोनोग्राफी संचालकों को बच्ची को कोख में बचाओ का संदेश भी दिया गया है. डॉ. सिंह ने कहा कि कई जिलों में लिंगानुपात सही नहीं है. लिंगानुपात समान हो इसलिए आवश्यक है कि बच्ची को बेटी मानकर उसकी रक्षा करने का संदेश दिया गया है.