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अजमेर दरगाह में अब Online डाला जा सकता है नजराना, दरगाह के खादिमों ने जताया ऐतराज

सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में प्रबंधन देख रही दरगाह कमेटी ने जायरीन के लिए ऑनलाइन भी नजराना डालने की व्यवस्था की है. दरगाह कमेटी ने दरगाह में रखीं नजराना पेटियों पर बारकोड लगवा दिए हैं.

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अजमेर दरगाह में अब ऑनलाइन नजराना
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Published : Sep 13, 2021, 5:06 PM IST

अजमेर. कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन का कहना है कि टेक्नोलॉजी हर फील्ड में काम आ रही है और हर तरह के पेमेंट्स लोग आजकल ऑनलाइन ही करते हैं. ऐसे में दरगाह में भी अब ऑनलाइन नजराना डाले जाने की व्यवस्था दरगाह कमेटी ने कर दी है. इधर नजराना पेटियों के ऊपर लगाए गए बारकोड से कुछ खादिमों में रोष व्याप्त है.

दरगाह परिसर में दरगाह कमेटी की ओर से लगी नजराना पेटियों पर बारकोड लगाने से नया विवाद खड़ा हो गया है. दरगाह के कुछ खादिमों को नजराना पेटी पर बारकोड लगाना रास नहीं आ रहा है. दरगाह के खादिमों ने अपनी संस्था दोनों अंजुमन कमेटी को शिकायत की है. साथ ही मांग की गई है कि पेटियों से बारकोड हटाए जाएं.

इधर दरगाह कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन ने बताया कि जायरीन की सहूलियत के लिए दरगाह परिसर में कई जगह रखी हुई दरगाह कमेटी की दरगाह नजराना पेटियों पर बारकोड लगाए गए हैं, ताकि दरगाह आने वाले जायरीन बार कोड को स्कैन करके दरगाह कमेटी को ऑनलाइन भी नजराना दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस नई सहूलियत को लेकर कई प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. यदि किसी प्रकार की कोई शिकायतें मिलती हैं तो उन पर विचार किया जाएगा और व्यवस्था में फेरबदल भी किया जा सकता है.

पढ़ें : आर-पार की लड़ाई के मूड में राजस्थान के मंत्रालयिक कर्मचारी, बोले- लिखित आदेश के बाद ही मानेंगे

दूसरी ओर दरगाह कमेटी के इस नई पहल से दरगाह के कुछ खादिमों ने ऐतराज जताया है और खादिमों की दोनों संस्थाओं अंजुमन सैय्यद जादगान और अंजुमन शेख जादगान से इस मामले में दखल देने की मांग की है. साथ ही अंजमुन सैय्यद जादगान सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने कहा कि आस्ताने के बाहर रखी पेटियों के नजराने पर सिर्फ खादिमों का हक है. इस मसले पर दरगाह कमेटी से बात की जाएगी.

दरगाह में नजराने की यह है व्यवस्था...

आपको बता दें कि काफी वक्त से दरगाह के नजराने को लेकर खादिमों, दरगाह कमेटी ओर दरगाह दीवान में विवाद चल रहा था. दरगाह में नजराने की व्यवस्था पर कोर्ट ने फैसला दिया था. जिसके मुताबिक दरगाह की गुम्बद के अंदर रखी पीले रंग की पेटियों में आया नजराना खादिमों और दरगाह दीवान के हिस्से में जाएगा. गुम्बद के बाहर रखीं हरे रंग की पेटियों का नजराना दरगाह कमेटी का है, जो दरगाह कमेटी दरगाह के रख-रखाव के काम में लेगी.

नजराना व्यवस्था को दरगाह में साइन बोर्डों पर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू जबान में लिखवाकर दरगाह में जगह-जगह लगवाए गए हैं, ताकि जायरीन इस को पढ़कर अपना नजराना उसके अनुसार डाल सकें. फिलहाल, दरगाह कमेटी के जरिए नजराना पेटियों पर लगाए गए बारकोड पर अभी खादिमों के ऐतेराज को लेकर दरगाह कमेटी ओर अंजुमन में वार्त्ता होनी है. उसके बाद ही मसले का हल निकलने की उम्मीद है.

अजमेर. कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन का कहना है कि टेक्नोलॉजी हर फील्ड में काम आ रही है और हर तरह के पेमेंट्स लोग आजकल ऑनलाइन ही करते हैं. ऐसे में दरगाह में भी अब ऑनलाइन नजराना डाले जाने की व्यवस्था दरगाह कमेटी ने कर दी है. इधर नजराना पेटियों के ऊपर लगाए गए बारकोड से कुछ खादिमों में रोष व्याप्त है.

दरगाह परिसर में दरगाह कमेटी की ओर से लगी नजराना पेटियों पर बारकोड लगाने से नया विवाद खड़ा हो गया है. दरगाह के कुछ खादिमों को नजराना पेटी पर बारकोड लगाना रास नहीं आ रहा है. दरगाह के खादिमों ने अपनी संस्था दोनों अंजुमन कमेटी को शिकायत की है. साथ ही मांग की गई है कि पेटियों से बारकोड हटाए जाएं.

इधर दरगाह कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन ने बताया कि जायरीन की सहूलियत के लिए दरगाह परिसर में कई जगह रखी हुई दरगाह कमेटी की दरगाह नजराना पेटियों पर बारकोड लगाए गए हैं, ताकि दरगाह आने वाले जायरीन बार कोड को स्कैन करके दरगाह कमेटी को ऑनलाइन भी नजराना दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस नई सहूलियत को लेकर कई प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. यदि किसी प्रकार की कोई शिकायतें मिलती हैं तो उन पर विचार किया जाएगा और व्यवस्था में फेरबदल भी किया जा सकता है.

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दूसरी ओर दरगाह कमेटी के इस नई पहल से दरगाह के कुछ खादिमों ने ऐतराज जताया है और खादिमों की दोनों संस्थाओं अंजुमन सैय्यद जादगान और अंजुमन शेख जादगान से इस मामले में दखल देने की मांग की है. साथ ही अंजमुन सैय्यद जादगान सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने कहा कि आस्ताने के बाहर रखी पेटियों के नजराने पर सिर्फ खादिमों का हक है. इस मसले पर दरगाह कमेटी से बात की जाएगी.

दरगाह में नजराने की यह है व्यवस्था...

आपको बता दें कि काफी वक्त से दरगाह के नजराने को लेकर खादिमों, दरगाह कमेटी ओर दरगाह दीवान में विवाद चल रहा था. दरगाह में नजराने की व्यवस्था पर कोर्ट ने फैसला दिया था. जिसके मुताबिक दरगाह की गुम्बद के अंदर रखी पीले रंग की पेटियों में आया नजराना खादिमों और दरगाह दीवान के हिस्से में जाएगा. गुम्बद के बाहर रखीं हरे रंग की पेटियों का नजराना दरगाह कमेटी का है, जो दरगाह कमेटी दरगाह के रख-रखाव के काम में लेगी.

नजराना व्यवस्था को दरगाह में साइन बोर्डों पर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू जबान में लिखवाकर दरगाह में जगह-जगह लगवाए गए हैं, ताकि जायरीन इस को पढ़कर अपना नजराना उसके अनुसार डाल सकें. फिलहाल, दरगाह कमेटी के जरिए नजराना पेटियों पर लगाए गए बारकोड पर अभी खादिमों के ऐतेराज को लेकर दरगाह कमेटी ओर अंजुमन में वार्त्ता होनी है. उसके बाद ही मसले का हल निकलने की उम्मीद है.

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