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नगरफोर्ट के तालाब में दबे हैं मालवा सभ्यता के अवशेष, तालाब में उत्खनन के लिए मांगी अनुमति - Tonk Nagarfort Pond

खेड़ा सभ्यता के समीप नगरफोर्ट तालाब में गत दिनों हुई खुदाई में मालवा सभ्यता से जुड़ा अवशेष मिला है. इसके बाद भारतीय पुरातत्व विभाग के आरकोलॉजी ऑफ इंडिया विंग से तालाब की खुदाई के लिए अनुमति मांगी गई है.

Relics related to Malwa civilization,  digging in nagarfort pond
नगरफोर्ट के तालाब में मालवा सभ्यता के अवशेष
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Published : Jul 3, 2021, 5:20 PM IST

अजमेर. टोंक जिले के नगरफोर्ट तालाब (Nagarfort Pond) में मालवा सभ्यता (Malwa Civilization) दबी हुई है. तालाब में पड़ताल के दौरान सभ्यता से जुड़ी कई महत्वपूर्ण वस्तुएं मिली है. इनमें उस समय चलने वाले तांबे के सिक्के को बनाए जाने वाला टेराकोटा से निर्मित सांचा (कोइन मोल्ड) भी मिला है, जिस पर उस समय की डिजाइन उकरी हुई है. साथ ही कई टन अयस्क भी प्राप्त हुआ है. तालाब के डेढ़ किलो मीटर क्षेत्र को संरक्षित कर लिया गया है. साथ ही भारतीय पुरातत्व विभाग के आरकोलॉजी ऑफ इंडिया विंग से तालाब की खुदाई के लिए अनुमति मांगी गई है.

पढ़ें- सिंधु घाटी सभ्यता पर हो रहे शोध में हुए कई खुलासे, जानें कैसे हुआ था पतन

बता दें, टोंक प्रशासन की सूचना पर विशेषज्ञ के तौर पर अजमेर राजकीय संग्रहालय के वृत्त अधीक्षक नीरज त्रिपाठी नगर फोर्ट में तालाब की पड़ताल करने गए थे. नीरज त्रिपाठी ने बताया कि पंजाब में सिकंदर से युद्ध हारने के बाद मालवा ने पलायन किया था और पलायन कर नगर फोर्ट में 400 वर्षों से अधिक समय तक रहे थे. लंबे समय तक रहने के कारण मालवा की एक सभ्यता यहां विकसित हो गई थी. उस दौर में तांबे के सिक्के प्रचलित थे.

तालाब में उत्खनन के लिए मांगी अनुमति

25 टन से अधिक अयस्क मिला

तलाब में पड़ताल करने पर पता चला कि तांबे के सिक्के बनाने की टकसाल, अयस्क से लोहा निकलने के अलावा लोहे से औजार और हथियार बनाने का यहां पर कारखाना रहा है. उन्होंने बताया कि करीब 25 टन से अधिक अयस्क तलाब की भूमि से मिला है. इसके अलावा तालाब की जमीन पर ईंटों से बना हुआ और मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं.

Relics related to Malwa civilization,  digging in nagarfort pond
मालवा सभ्यता का अवशेष

पूरे क्षेत्र को कर लिया गया संरक्षित

त्रिपाठी ने बताया कि तालाब के समीप 7 किलोमीटर का क्षेत्र है, जहां उत्खनन में पहले भी कई मालवा सभ्यता से जुड़ी हुई वस्तुएं मिली है. उस पूरे क्षेत्र को पहले ही संरक्षित कर लिया गया था. तालाब में उत्खनन कार्य के लिए मुख्यालय को सूचना दी गई है. मुख्यालय से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उसके अनुसार कार्य किए जाएंगे.

Relics related to Malwa civilization,  digging in nagarfort pond
मालवा सभ्यता का अवशेष

नगर फोर्ट के तालाब में मिले मालवा सभ्यता की टकसाल और तांबे के सिक्के बनाने के सांचे के फोटो और वीडियो ईटीवी भारत पर देखे जा सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि अनुमति मिलने के बाद उत्खनन में मालवा सभ्यता से जुड़े अन्य रहस्य से भी पर्दा उठ पाएगा. बताया जाता है कि 2 हजार वर्ष पहले कि यहां मालवा गणराज्य था.

अजमेर. टोंक जिले के नगरफोर्ट तालाब (Nagarfort Pond) में मालवा सभ्यता (Malwa Civilization) दबी हुई है. तालाब में पड़ताल के दौरान सभ्यता से जुड़ी कई महत्वपूर्ण वस्तुएं मिली है. इनमें उस समय चलने वाले तांबे के सिक्के को बनाए जाने वाला टेराकोटा से निर्मित सांचा (कोइन मोल्ड) भी मिला है, जिस पर उस समय की डिजाइन उकरी हुई है. साथ ही कई टन अयस्क भी प्राप्त हुआ है. तालाब के डेढ़ किलो मीटर क्षेत्र को संरक्षित कर लिया गया है. साथ ही भारतीय पुरातत्व विभाग के आरकोलॉजी ऑफ इंडिया विंग से तालाब की खुदाई के लिए अनुमति मांगी गई है.

पढ़ें- सिंधु घाटी सभ्यता पर हो रहे शोध में हुए कई खुलासे, जानें कैसे हुआ था पतन

बता दें, टोंक प्रशासन की सूचना पर विशेषज्ञ के तौर पर अजमेर राजकीय संग्रहालय के वृत्त अधीक्षक नीरज त्रिपाठी नगर फोर्ट में तालाब की पड़ताल करने गए थे. नीरज त्रिपाठी ने बताया कि पंजाब में सिकंदर से युद्ध हारने के बाद मालवा ने पलायन किया था और पलायन कर नगर फोर्ट में 400 वर्षों से अधिक समय तक रहे थे. लंबे समय तक रहने के कारण मालवा की एक सभ्यता यहां विकसित हो गई थी. उस दौर में तांबे के सिक्के प्रचलित थे.

तालाब में उत्खनन के लिए मांगी अनुमति

25 टन से अधिक अयस्क मिला

तलाब में पड़ताल करने पर पता चला कि तांबे के सिक्के बनाने की टकसाल, अयस्क से लोहा निकलने के अलावा लोहे से औजार और हथियार बनाने का यहां पर कारखाना रहा है. उन्होंने बताया कि करीब 25 टन से अधिक अयस्क तलाब की भूमि से मिला है. इसके अलावा तालाब की जमीन पर ईंटों से बना हुआ और मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं.

Relics related to Malwa civilization,  digging in nagarfort pond
मालवा सभ्यता का अवशेष

पूरे क्षेत्र को कर लिया गया संरक्षित

त्रिपाठी ने बताया कि तालाब के समीप 7 किलोमीटर का क्षेत्र है, जहां उत्खनन में पहले भी कई मालवा सभ्यता से जुड़ी हुई वस्तुएं मिली है. उस पूरे क्षेत्र को पहले ही संरक्षित कर लिया गया था. तालाब में उत्खनन कार्य के लिए मुख्यालय को सूचना दी गई है. मुख्यालय से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उसके अनुसार कार्य किए जाएंगे.

Relics related to Malwa civilization,  digging in nagarfort pond
मालवा सभ्यता का अवशेष

नगर फोर्ट के तालाब में मिले मालवा सभ्यता की टकसाल और तांबे के सिक्के बनाने के सांचे के फोटो और वीडियो ईटीवी भारत पर देखे जा सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि अनुमति मिलने के बाद उत्खनन में मालवा सभ्यता से जुड़े अन्य रहस्य से भी पर्दा उठ पाएगा. बताया जाता है कि 2 हजार वर्ष पहले कि यहां मालवा गणराज्य था.

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