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Special: Food Delivery Boys से जानिए कितना सुरक्षित है Online Food - Online Food Delivery

कोरोना की वजह से लोग पहले के मुकाबले अब कम ऑनलाइन फूड ऑर्डर कर रहे हैं. सेल कम होने से फूड डिलीवरी बॉयज (Food Delivery Boys) की कमाई पर भी असर पड़ा है. हालांकि वे ऑनलाइन फूड की डिलीवरी के दौरान सभी कोविड प्रोटोकॉल फॉलो कर रहे हैं. आइये फुड डिलीवरी बॉयज से ही जानते हैं कि आनलाइन फुड कितना सेफ है.

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ऑनलाइन फूड कितना सुरक्षित
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Published : Jun 22, 2021, 9:08 PM IST

अजमेर. भागमभाग वाली लाइफस्टाइल की वजह से लोग ऑनलाइन फूड ऑर्डर (Online Food Order) कर समय की बचत कर लेते हैं. लिहाजा कोरोना काल में भी ऑनलाइन फूड डिलीवरी (Online Food Delivery) हो रही है.

हालांकि ऑनलाइन फूड डिलीवरी के ऑर्डर पहले से कम हुए हैं. लिहाजा फूड डिलीवरी बॉयज की मुश्किल भी बढ़ गई है. कोरोना काल में खुद की सुरक्षा की भी चिंता है. किसी तरह वे खुद का और परिवार का गुजारा कर रहे हैं.

ऑनलाइन फूड कितना सुरक्षित

फूड डिलीवरी का तरीका बदला

कोरोना काल में फूड डिलीवरी का तरीका भी बदल चुका है. ऑनलाइन पेमेंट के साथ ही कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी का चलन भी बढ़ गया है.

⦁ डिलीवरी ब्वॉय रख रहे सुरक्षा मानकों का ध्यान

⦁ डिलीवरी ब्वॉय सभी हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. मास्क, सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं.

⦁ सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं.

⦁ कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी को ज्यादा प्रोत्साहित कर रहे हैं.

पढ़ें: World Food Safety Day 2021 : 'खाद्य सुरक्षा' की तरह सिंधी समाज कर रहा 150 विधवाओं के लिए राशन की व्यवस्था

क्या है कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी ?

फूड डिलीवरी ब्वॉय ग्राहक के बताए स्थान पर पहुंचते ही उसे फोन पर सूचित कर देते हैं. इसके बाद घर के बाहर रखी कुर्सी या मेज पर खाने के पैकेट को सुरक्षित रख देते हैं. इसकी जानकारी कंपनी के ऐप पर अपडेट कर देते हैं. ग्राहक बाहर आकर अपना पार्सल ले लेते हैं. इस तरह कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी की जा रही है. खाने के पार्सल का पेमेंट भी ऑनलाइन लिया जा रहा है.

कंपनी से मिलने वाली सुविधाएं

फूड डिलीवरी ब्वॉयज के मुताबिक एक नामी गिरामी ऑनलाइन फूड कंपनी हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दे रही है. यदि कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो कंपनी उसे क्वॉरेंटाइन पीरियड में भी 1000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 14000 रुपए का भुगतान कर रही है. यदि वैक्सीन लगाने के बाद किसी फूड डिलीवरी ब्वॉय को बुखार आ जाता है तब भी कंपनी उसे 250 रुपए प्रतिदिन का न्यूनतम भुगतान देती है. हालांकि अबतक कंपनी की तरफ से वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. लिहाजा वैक्सीनेशन कैंप लगाने की मांग की जा रही है.

पढ़ें: Special : योग के सहारे कैंसर को मात देने वाले सुचित खंडेलवाल की कहानी, मुंह के कैंसर का ऑपरेशन होने के बाद नहीं खुल रहा था जबड़ा

ऑनलाइन फूड से बच रहे लोग

ऑनलाइन फूड इंडस्ट्री ने लोगों को बड़ी राहत दी है. वे घर बैठे पसंदीदा खाना मंगा सकते हैं. दोस्तों के साथ पार्टी या पिकनिक पर भी पसंदीदा फूड ऑर्डर कर सकते हैं. लेकिन लगातार लॉकडाउन की वजह से लोग आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. लिहाजा ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने से बच रहे हैं. कोरोना के डर की वजह से भी लोग बाहर का खाना खाने से बच रहे हैं.

ऑनलाइन फूड सेल पर बुरा असर

फूड डिलीवरी ब्वॉय हिमांशु भारद्वाज बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान रेस्टोरेंट्स बंद होने से ऑनलाइन फूड सेल पर काफी बुरा असर पड़ा है. हजारों में होने वाली फूड सेल अब सिर्फ सैकड़ों में सिमट कर रह गई है. लेकिन अपनी क्वॉलिटी मेंटेन करने वाले ब्रांडेड रेस्टोरेंट्स की तरफ से अब भी अच्छे आर्डर मिल जाते हैं.

डिलीवरी ब्वॉय की आर्थिक सेहत खराब

फूड डिलीवरी ब्वॉय प्रदीप बताते हैं कि पहले फूड डिलीवरी के आर्डर हजारों में हुआ करते थे. अब इनकी संख्या सिर्फ सैकड़ों में रह गई है. हर दिन सिर्फ 400 या 500 रुपए की सेल हो पा रही है. ऐसे में डिलीवरी बवॉयज भी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान रेस्टोरेंट्स के बंद रहने की वजह से भी खाना डिलीवर करने वाले लड़कों पर काम का बोझ बढ़ गया है.

अजमेर. भागमभाग वाली लाइफस्टाइल की वजह से लोग ऑनलाइन फूड ऑर्डर (Online Food Order) कर समय की बचत कर लेते हैं. लिहाजा कोरोना काल में भी ऑनलाइन फूड डिलीवरी (Online Food Delivery) हो रही है.

हालांकि ऑनलाइन फूड डिलीवरी के ऑर्डर पहले से कम हुए हैं. लिहाजा फूड डिलीवरी बॉयज की मुश्किल भी बढ़ गई है. कोरोना काल में खुद की सुरक्षा की भी चिंता है. किसी तरह वे खुद का और परिवार का गुजारा कर रहे हैं.

ऑनलाइन फूड कितना सुरक्षित

फूड डिलीवरी का तरीका बदला

कोरोना काल में फूड डिलीवरी का तरीका भी बदल चुका है. ऑनलाइन पेमेंट के साथ ही कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी का चलन भी बढ़ गया है.

⦁ डिलीवरी ब्वॉय रख रहे सुरक्षा मानकों का ध्यान

⦁ डिलीवरी ब्वॉय सभी हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. मास्क, सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं.

⦁ सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं.

⦁ कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी को ज्यादा प्रोत्साहित कर रहे हैं.

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क्या है कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी ?

फूड डिलीवरी ब्वॉय ग्राहक के बताए स्थान पर पहुंचते ही उसे फोन पर सूचित कर देते हैं. इसके बाद घर के बाहर रखी कुर्सी या मेज पर खाने के पैकेट को सुरक्षित रख देते हैं. इसकी जानकारी कंपनी के ऐप पर अपडेट कर देते हैं. ग्राहक बाहर आकर अपना पार्सल ले लेते हैं. इस तरह कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी की जा रही है. खाने के पार्सल का पेमेंट भी ऑनलाइन लिया जा रहा है.

कंपनी से मिलने वाली सुविधाएं

फूड डिलीवरी ब्वॉयज के मुताबिक एक नामी गिरामी ऑनलाइन फूड कंपनी हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दे रही है. यदि कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो कंपनी उसे क्वॉरेंटाइन पीरियड में भी 1000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 14000 रुपए का भुगतान कर रही है. यदि वैक्सीन लगाने के बाद किसी फूड डिलीवरी ब्वॉय को बुखार आ जाता है तब भी कंपनी उसे 250 रुपए प्रतिदिन का न्यूनतम भुगतान देती है. हालांकि अबतक कंपनी की तरफ से वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. लिहाजा वैक्सीनेशन कैंप लगाने की मांग की जा रही है.

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ऑनलाइन फूड से बच रहे लोग

ऑनलाइन फूड इंडस्ट्री ने लोगों को बड़ी राहत दी है. वे घर बैठे पसंदीदा खाना मंगा सकते हैं. दोस्तों के साथ पार्टी या पिकनिक पर भी पसंदीदा फूड ऑर्डर कर सकते हैं. लेकिन लगातार लॉकडाउन की वजह से लोग आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. लिहाजा ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने से बच रहे हैं. कोरोना के डर की वजह से भी लोग बाहर का खाना खाने से बच रहे हैं.

ऑनलाइन फूड सेल पर बुरा असर

फूड डिलीवरी ब्वॉय हिमांशु भारद्वाज बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान रेस्टोरेंट्स बंद होने से ऑनलाइन फूड सेल पर काफी बुरा असर पड़ा है. हजारों में होने वाली फूड सेल अब सिर्फ सैकड़ों में सिमट कर रह गई है. लेकिन अपनी क्वॉलिटी मेंटेन करने वाले ब्रांडेड रेस्टोरेंट्स की तरफ से अब भी अच्छे आर्डर मिल जाते हैं.

डिलीवरी ब्वॉय की आर्थिक सेहत खराब

फूड डिलीवरी ब्वॉय प्रदीप बताते हैं कि पहले फूड डिलीवरी के आर्डर हजारों में हुआ करते थे. अब इनकी संख्या सिर्फ सैकड़ों में रह गई है. हर दिन सिर्फ 400 या 500 रुपए की सेल हो पा रही है. ऐसे में डिलीवरी बवॉयज भी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान रेस्टोरेंट्स के बंद रहने की वजह से भी खाना डिलीवर करने वाले लड़कों पर काम का बोझ बढ़ गया है.

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