अजमेर. संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत तीन बड़े विकास कार्यो की शुरुआत होने जा रही है. जबकि दो बड़े विकास कार्य के लिए अस्पताल प्रशासन ने स्मार्ट सिटी कम्पनी लिमिटेड को प्रस्ताव बनाकर भेजा है. इन कार्यो के पूर्ण होने पर जेएलएन अस्पताल स्मार्ट सुविधाओं से लैस हो जाएगा. अजमेर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. शहर की आबादी बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को भी बढ़ाने की आवश्यकता है.
जेएलएन में नए मेडिसिन ब्लॉक, बाल एवं शिशु रोग ब्लॉक और नवीन मोर्चरी भवन का काम शुरू होने जा रहा है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नए भवनों के बनाने को तय समय में ही बनाना होगा. वर्तमान में यह सभी ब्लॉक पुराने भवनों में ही संचालित हैं. चूंकि जेएलएन अस्पताल संभाग स्तरीय अस्पताल है. ऐसे में यहां मरीजों की संख्या भी पहले की अपेक्षा काफी बढ़ गई है. वक्त के साथ चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा करना वर्तमान और भविष्य के लिए बड़ी आवश्यकता बन गई है. आगामी 2 सालों में जेएलएन अस्पताल में रोगियों को प्राइवेट अस्पतालो से भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
नया मेडिसिन ब्लॉक होगा 8 मंजिला
नए मेडिसिन ब्लॉक को बनाने के लिए 37.70 करोड़ रुपए खर्च होंगे. नया ब्लॉक 8 मंजिला होगा. जिसको बनाने का काम शुरू भी हो गया है. अस्पताल के पीछे पुरानी इमारतों को ढहा कर उस जगह पर नए सिरे से बिल्डिंग बनाई जा रही है. मेडिसन ब्लॉक में 310 बेड होंगे. इसमें 20 डॉक्टरों की ओपीडी और 200 रोगियों के लिए वेटिंग रूम की सुविधाएं होंगी. 40 सुपर स्पेशलिटी आईसीयू बेड, 7 जनरल वार्ड होंगे. प्रत्येक जनरल वार्ड में 35 बेड होंगे. इसके अलावा कॉटेज वार्ड सेमिनार हॉल, प्रशासनिक भवन, ऑक्सीजन लाइन का प्रावधान, तीन स्ट्रेचर लिफ्ट, भूमिगत पार्किंग जैसे आधुनिक सुविधाओं से मेडिसिन ब्लॉक लैस होगा. पार्किंग में 40 कार और 30 दुपहिया वाहन खड़े करने की सुविधा होगी. पूरा भवन वातानुकूलित होगा. अगले 2 साल में यह भवन बनकर तैयार हो जाएगा.
पढ़ें: SPECIAL: सुमेरपुर में बनेगी राजस्थान की पहली फिल्म सिटी 'शिल्पाली'
बाल एवं शिशु रोग ब्लॉक में होंगे 244 बेड
नए बाल एवं शिशु रोग ब्लॉक का निर्माण वर्तमान भवन के पास ही किया जाएगा. इसको बनाने में 29.67 करोड़ की लागत आएगी. 6 मंजिला भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. नए भवन में 244 नए बेड होंगे. PICU वार्ड में 35 अतिरिक्त रोगी और NICU वार्ड में 56 रोगियों के भर्ती होने की व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा दो जनरल वार्ड बनाए जाएंगे, प्रत्येक वार्ड में 42 रोगियों को भर्ती करने की व्यवस्था होगी. इंडोर रोगियों के लिए एक स्ट्रक्चर लिफ्ट की भी सुविधा होगी. भवन में आपदा प्रबंधन के लिए स्वचालित फायर डिटेक्शन सिस्टम और आग बुझाने के लिए अत्याधुनिक सिस्टम भी होंगे. पूरी बिल्डिंग वातानुकूलित होगी. इसके साथ ही एक मल्टी पार्किंग भी बनेगी. जिसमें 91 चौपहिया, 592 दुपहिया वाहनो को खड़ा करने की व्यवस्था रहेगी. नए बाल एवं शिशु रोग ब्लॉक को भी बनने में 2 साल का समय लग जाएगा.
नए मोर्चरी भवन में होगी पोस्टमार्टम विजुअलाइजेशन की सुविधा
नया मोर्चरी भवन 1.65 करोड़ की लागत से 9 महीने में बनकर तैयार होगा. मोर्चरी के ग्राउंड फ्लोर पर विजिटर कक्ष, कोल्ड कक्ष, विसरा कक्ष, चिकित्सक कक्ष और रिकॉर्ड रूम बनेगा. इसके अलावा डॉक्टर्स, मेडिकल स्टूडेंट्स, डेड बॉडी और मृतक के परिजनों के लिए मोर्चरी भवन में व्यवस्थाएं की गई हैं. आधुनिक मोर्चरी बनने के बाद 250 विद्यार्थियों को एक साथ ट्रेनिंग दी जा सकेगी. साथ ही पीजी विद्यार्थियों को शव संबंधी शोध कार्यों की सुविधा भी प्राप्त होगी. मोर्चरी में पोस्टमार्टम विजुअलाइजेशन भी हो पाएगा, जिससे अध्यापन में भी सुविधा मिलेगी.
पढ़ें: SPECIAL: मानसून की बारिश ने बिगाड़ा पाली शहर की सड़कों का ढांचा
JLN अस्पताल के बीच की बिल्डिंग काफी पुरानी हो चुकी है. बारिश का पानी वार्डो में भर जाता है. वहीं, अस्पताल का ड्रेनेज सिस्टम भी फेल हो चुका है. संभाग की जनसंख्या के अनुपात में अस्पताल की क्षमता और सुविधाएं दोनों ही कम हैं. हालांकि पिछली वसुंधरा सरकार ने मेडी सिटी अजमेर में बनाने की घोषणा की थी, लेकिन 2018 में कांग्रेस की सरकार आ गई और मेडी सिटी की योजना ठंडे बस्ते में चली गई. इन तीन प्रोजेक्ट से रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा अस्पताल में नया आइसोलेशन भवन बनाने का प्रस्ताव भी स्मार्ट सिटी लिमिटेड को भेजा गया है. स्मार्ट सिटी लिमिटेड से चिकित्सा सुविधाओं को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है.
वर्तमान में अस्पताल में 600 बेड की सुविधा है. जनसंख्या के आधार पर अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने की दरकार कई सालों से रही है. ऐसे में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के माध्यम से जेएलएन अस्पताल में स्मार्ट चिकित्सा सुविधाएं रोगियों को मिले इस दिशा में कदम बढ़ चुके हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि इन तीन बड़े विकास कार्यों की जो समय अवधि निश्चित की गई है, वह उस समय अवधि में पूरे हो पाते हैं कि नहीं.