अजमेर. संभाग के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव की शिफ्टिंग के नाम पर पिछले लंबे समय से अवैध वसूली की जा रही है. सोमवार को भी अवैध वसूली को लेकर अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जमकर हंगामा खड़ा हो गया. जिसके बाद नर्सिंग अधीक्षक मौके पर पहुंची और मामले में जांच करवाकर कार्रवाई की बात कही.
बता दें कि पिछले लंबे समय से कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करने के लिए रुपए की डिमांड की जा रही थी. जिसकी कई बार शिकायतें भी हुई लेकिन उच्च अधिकारियों ने शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया. रविवार रात में क्रिश्चियन गंज निवासी एक व्यक्ति की सर्जिकल आईसीयू में मृत्यु हो गई, उसके शव को शिफ्ट करने के लिए आकाश नाम के कर्मचारी ने 200 रुपए का ऑनलाइन पेमेंट ले लिया. जिसके बाद शव शिफ्ट करने के बदले में पैसे लेने के गोरख धंधे का खेल सामने आया.
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क्रिश्चियन गंज निवासी रोनिका रोनिला दास ने बताया कि उसके परिजन की मृत्यु होने पर शव को मोर्चरी में रखने के लिए आकाश नाम के कर्मचारी ने 300 रुपए की डिमांड की. लेकिन बाद में कर्मचारी 200 रुपए में राजी हो गया लेकिन रुपए खुले नहीं होने के कारण उसने ऑनलाइन पेमेंट करने की बात कही, इस पर उन्होंने अस्पताल के कर्मचारी को ऑनलाइन पेमेंट किया. दास का कहना है कि अस्पताल प्रशासन इस अवैध वसूली पर आंख मूंद कर बैठा है.
अवैध वसूली को लेकर जब अस्पताल परिसर में हंगामा हुआ तो नर्सिंग अधीक्षक सरोज भी मौके पर पहुंची और मामले में संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की बात कही. शव शिफ्ट करने के लिए ठेकेदार की तरफ से कर्मचारी लगाए जाते हैं. आए दिन जेएलएन में कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली के खिलाफ शिकायतें आ रही हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है.