अजमेर. हर सब्जी में प्याज का एक अहम हिस्सा है, प्याज सब्जी के स्वाद को बढ़ा देता है. बता दें कि कभी प्याज गरीबों का मुख्य आहार हुआ करता था. लेकिन आज उसी प्याज को खरीदने में मिडिल क्लास परिवार को संकोच करना पड़ रहा है.
अजमेर की अनीता छत्री पेशे से शिक्षक हैं, अनीता की रसोई में हमेशा दिखने वाला प्याज कई दिनों से गायब है. 80 रुपये किलो प्याज खरीदने के बजाय अनीता ने सब्जी की ग्रेवी में प्याज के अन्य विकल्प का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. अनीता बताती है कि प्याज के अभाव में सब्जियां स्वाद नहीं लगती, लेकिन बिगड़े बजट को दुरुस्त करने के लिए स्वाद बदलने के अलावा और कोई चारा भी नहीं है.
एक अन्य गृहणी विनीता ने बताया कि रसोई में प्याज का उपयोग खाने के लिए नहीं सिर्फ दिखाने के लिए शुरू हो गया है. सलाद में खीरा टमाटर के ऊपर थोड़ा सा प्याज डालकर खुश हो लेते हैं. उन्होंने बताया कि प्याज की जगह अब सब्जियों में टमाटर की ग्रेवी का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है.
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एक और गृहणी रचना तिवाड़ी बताती हैं कि 15 से 20 रुपये किलो मिलने वाला प्याज आज 80 रुपये किलो मिल रहा है, जो आमजन की पहुंच से दूर हो चुका है. उन्होंने बताया कि महंगे हुए प्याज को सब्जी में उपयोग करना मुश्किल है. तिवाड़ी ने कहा कि सरकार प्याज के दामों को कम करें ताकि मध्यम वर्गीय परिवार प्याज की कीमत को बर्दाश्त कर सके. गरीब वर्ग के लिए तो प्याज चांद तारे छूने के बराबर हो गया है. बता दें कि प्याज की बढ़ती कीमत से प्याज आमजन की पहुंच से दूर हो गया है. थाली में परोसी सब्जियों में प्याज नहीं मिलता. वहीं अब रसोई से भी प्याज गायब होने लगा है.