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हाय रे प्याज! कितना रुलाएगी...कितना सताएगी, गृहणियां कह रहीं- प्याज की खुशबू निकाल लेते हैं, सूंघ लेते हैं और डालना छोड़ देते हैं

प्याज के बढ़ते भाव ने गृहणियों का रसोई बजट बिगाड़ कर रख दिया है. रोज खाने में काम लिए जाने वाला प्याज रसोई में कभी-कभार ही नजर आने लगा है. जबकि मंडियों में प्याज की कमी नहीं है, लेकिन उसके आसमान छूते भाव की वजह से प्याज आज कीमती हो गया है. ईटीवी भारत की विशेष खबर में देखिए कीमती ब्याज पर क्या कहती है, अजमेर की गृहणियां...

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सब्जी में प्याज के बजाय गृहणियां कर रही टमाटर का इस्तेमाल
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Published : Nov 28, 2019, 1:34 PM IST

अजमेर. हर सब्जी में प्याज का एक अहम हिस्सा है, प्याज सब्जी के स्वाद को बढ़ा देता है. बता दें कि कभी प्याज गरीबों का मुख्य आहार हुआ करता था. लेकिन आज उसी प्याज को खरीदने में मिडिल क्लास परिवार को संकोच करना पड़ रहा है.

सब्जी में प्याज के बजाय गृहणियां कर रही टमाटर का इस्तेमाल

अजमेर की अनीता छत्री पेशे से शिक्षक हैं, अनीता की रसोई में हमेशा दिखने वाला प्याज कई दिनों से गायब है. 80 रुपये किलो प्याज खरीदने के बजाय अनीता ने सब्जी की ग्रेवी में प्याज के अन्य विकल्प का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. अनीता बताती है कि प्याज के अभाव में सब्जियां स्वाद नहीं लगती, लेकिन बिगड़े बजट को दुरुस्त करने के लिए स्वाद बदलने के अलावा और कोई चारा भी नहीं है.

यह भी पढ़ेंः प्याज का शतक! जोधपुर में 80 रुपए किलो प्याज...गृहणियां 4 के बदले 1 प्याज से चला रहीं काम, छात्रों ने कहा- इससे अच्छा सेब ही खा लें

एक अन्य गृहणी विनीता ने बताया कि रसोई में प्याज का उपयोग खाने के लिए नहीं सिर्फ दिखाने के लिए शुरू हो गया है. सलाद में खीरा टमाटर के ऊपर थोड़ा सा प्याज डालकर खुश हो लेते हैं. उन्होंने बताया कि प्याज की जगह अब सब्जियों में टमाटर की ग्रेवी का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है.

यह भी पढ़ें : Weather Report: चूरू में गिरे चने के आकार के ओले, इन जिलों में हल्की बारिश की चेतावनी

एक और गृहणी रचना तिवाड़ी बताती हैं कि 15 से 20 रुपये किलो मिलने वाला प्याज आज 80 रुपये किलो मिल रहा है, जो आमजन की पहुंच से दूर हो चुका है. उन्होंने बताया कि महंगे हुए प्याज को सब्जी में उपयोग करना मुश्किल है. तिवाड़ी ने कहा कि सरकार प्याज के दामों को कम करें ताकि मध्यम वर्गीय परिवार प्याज की कीमत को बर्दाश्त कर सके. गरीब वर्ग के लिए तो प्याज चांद तारे छूने के बराबर हो गया है. बता दें कि प्याज की बढ़ती कीमत से प्याज आमजन की पहुंच से दूर हो गया है. थाली में परोसी सब्जियों में प्याज नहीं मिलता. वहीं अब रसोई से भी प्याज गायब होने लगा है.

अजमेर. हर सब्जी में प्याज का एक अहम हिस्सा है, प्याज सब्जी के स्वाद को बढ़ा देता है. बता दें कि कभी प्याज गरीबों का मुख्य आहार हुआ करता था. लेकिन आज उसी प्याज को खरीदने में मिडिल क्लास परिवार को संकोच करना पड़ रहा है.

सब्जी में प्याज के बजाय गृहणियां कर रही टमाटर का इस्तेमाल

अजमेर की अनीता छत्री पेशे से शिक्षक हैं, अनीता की रसोई में हमेशा दिखने वाला प्याज कई दिनों से गायब है. 80 रुपये किलो प्याज खरीदने के बजाय अनीता ने सब्जी की ग्रेवी में प्याज के अन्य विकल्प का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. अनीता बताती है कि प्याज के अभाव में सब्जियां स्वाद नहीं लगती, लेकिन बिगड़े बजट को दुरुस्त करने के लिए स्वाद बदलने के अलावा और कोई चारा भी नहीं है.

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एक अन्य गृहणी विनीता ने बताया कि रसोई में प्याज का उपयोग खाने के लिए नहीं सिर्फ दिखाने के लिए शुरू हो गया है. सलाद में खीरा टमाटर के ऊपर थोड़ा सा प्याज डालकर खुश हो लेते हैं. उन्होंने बताया कि प्याज की जगह अब सब्जियों में टमाटर की ग्रेवी का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है.

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एक और गृहणी रचना तिवाड़ी बताती हैं कि 15 से 20 रुपये किलो मिलने वाला प्याज आज 80 रुपये किलो मिल रहा है, जो आमजन की पहुंच से दूर हो चुका है. उन्होंने बताया कि महंगे हुए प्याज को सब्जी में उपयोग करना मुश्किल है. तिवाड़ी ने कहा कि सरकार प्याज के दामों को कम करें ताकि मध्यम वर्गीय परिवार प्याज की कीमत को बर्दाश्त कर सके. गरीब वर्ग के लिए तो प्याज चांद तारे छूने के बराबर हो गया है. बता दें कि प्याज की बढ़ती कीमत से प्याज आमजन की पहुंच से दूर हो गया है. थाली में परोसी सब्जियों में प्याज नहीं मिलता. वहीं अब रसोई से भी प्याज गायब होने लगा है.

Intro:अजमेर। प्याज के बढ़ते दामों ने गृहनियों का रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है रोज खाने में काम लिए जाने वाला प्याज रसोई में कभी-कभार ही नजर आने लगा है जबकि मंडियों में प्याज की कमी नहीं है लेकिन उसके आसमान छूते भाव की वजह से प्याज आज कीमती हो गया है ईटीवी भारत की विशेष खबर में देखिए कीमती ब्याज पर क्या कहती है अजमेर की गृहनिया ..

सब्जी विक्की हर ग्रेवी में प्याज अहम हिस्सा है प्याज सब्जी के स्वाद को बढ़ा देता है कभी प्याज गरीबों का मुख्य आहार हुआ करता था लेकिन आज वही प्याज को खरीदने में मिडिल क्लास परिवार को भी संकोच करना पड़ रहा है। अजमेर की अनीता छत्री पेशे से शिक्षक हैं। अनीता की रसोई में हमेशा दिखने वाला प्याज कई दिनों से गायब है। ₹80 किलो प्याज खरीदने की बजाय अनीता ने सब्जी की ग्रेवी में प्याज के अन्य विकल्प का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है अनीता बताती है कि प्याज के अभाव में सब्जियां स्वाद नहीं लगती लेकिन बिगड़े बजट को दुरुस्त करने के लिए स्वाद बदलने के अलावा और कोई चारा भी नहीं है....
बाइट अनीता गृहणी ( शिक्षिका )

एक अन्य गृहणी विनीता बताती हैं कि रसोई में प्याज का उपयोग खाने के लिए नहीं दिखाने के लिए शुरू हो गया है। सलाद में खीरा टमाटर के ऊपर थोड़ा सा प्याज डाल कर खुश हो लेते हैं उन्होंने बताया कि प्याज की जगह है अब सब्जियों में टमाटर की ग्रेवी का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है.....
बाइट विनीता गृहणी

एक और गृहणी रचना तिवाडी बताती है कि 15 से ₹20 किलो मिले वाला प्याज आज ₹80 किलो मिल रहा है जो आम जन की पहुंच से दूर हो चुका है उन्होंने बताया कि महंगे हुए प्याज को सब्जी में उपयोग करना मुश्किल है तिवारी ने कहा कि सरकार प्याज के दामों को कम करें ताकि मध्यमवर्गीय परिवार प्याज की कीमत को बर्दाश्त कर सके गरीब वर्ग के लिए तो प्याज चांद तारे छूने के बराबर हो गया है ...
बाइट रचना तिवाडी - गृहणी ( शिक्षिका )

प्याज आमजन की पहुंच से दूर हो गया है थाली में परोसी सब्जियों में प्याज नहीं मिलता वहीं अब रसोई से भी प्याज गायब होने लगा है इसकी सबसे बड़ी वजह है बढ़ते दामों ने प्याज को कीमती बना दिया है।


Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


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